वारेन हेस्टिंग्स द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य का सुदृढ़ीकरण
कम्पनी की खराब स्थिति देखते हुए डायेक्टरों ने वारेन हेस्टिंग्स को 1772 ई. में कम्पनी के राज्य का प्रथम गवर्नर जनरल बनाया। 1773 ई. में रेग्युलेटिंग एक्ट पारित हुआ। इसके अनुसार यह निश्चय किया गया कि प्रशासन तथा सैनिक प्रबन्ध के विषय भारत सचिव के पास रखे जाएंगे एवं राजस्व के सम्बन्धित मामलों की देख-रेख वित्त मंत्रालय करेगा। इसके अलावा मद्रास एवं बम्बई के ब्रिटिश प्रदेश भी गवर्नर जनरल के अधीन आ गए। वारेन हेस्टिंग्स ने प्रशासन में सुधार कर उसका पुनर्गठन किया। वारेन हेस्टिंग्स ने विभिन्न खर्चों में भारी कमी कर कम्पनी की स्थिति में सुधार किया। चूँकि मुगल सम्राट शाह आलम मराठों के संरक्षण में चला गया था, अतः उसकी वार्षिक पेन्शन बन्द कर दी गई। इसके अलावा शाह आलम से इलाहाबाद तथा कड़ा के जिले भी वापस ले लिए गए। वारेन हेस्टिंग्स ने बनारस के शासक चेतसिंह, अवध कि बेगमों एवं रूहेलों से युद्ध कर बहुत धन वसूल किया। उसने अवध से रूहेलों पर आक्रमण करने के लिए 50 लाख रूपये माँगे। बर्क, मैकाले एवं जॉन स्टुअर्ट मिल ने इसकी घोर निन्दा की।