ईस्ट इण्डिया कम्पनी की नीति में परिवर्तन
ब्रितानियों ने सूरत में अपनी कोठियाँ स्थापित की। यहाँ मुगल गवर्नर रहते थे। शिवाजी ने 1664 तथा 1670 ई. में सूरत को लूटा, जिसमें ब्रितानियों की कोठियाँ भी शामिल थीं। अब ब्रितानियों का मुगलों के संरक्षण पर से विश्वास उठ गया। उन्होंने निश्चय किया कि या तो उन्हें अपनी रक्षा स्वयं करनी होगी, अन्यथा मिटना होगा। ब्रितानियों ने देखा कि आजीवन संघर्ष करने के बाद भी औरंगजेब मराठा राज्य पर अधिकार न कर सका। अब उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए एक शक्तिशाली ब्रिटिश सेना गठित करने का निश्चय किया। अब कम्पनी ने एक नयी नीति अपनाते हुए कोठियों की किलेबंदी की, नये दुर्गों का निर्माण करवाया तथा अपने अधीन क्षेत्रों पर कुछ नवीन कर लगाए। इस प्रकार कम्पनी अब क्षेत्रीय संस्था के रूप में भी विकसीत होने लगी।