आधुनिक भारत का इतिहास-प्लासी तथा बक्सर के युद्ध के प्रभाव

Plasi Tatha Baksar Ke Yudhh Prabhav

प्लासी तथा बक्सर के युद्ध के प्रभाव

प्लासी तथा बक्सर के युद्ध ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसके फलस्वरूप बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा के राजस्व एवं शासन पर ब्रितानियों का नियंत्रण स्थापित हो गया। इन राज्यों के शासक उनके हाथों की कठपूतली बन गये। मुगल सम्राट उनका पेंशनर बन गया। वस्तुतः: इन युद्धों में बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा में ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर दिया।


सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
भारत का संवैधानिक विकास ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना
यूरोपियन का भारत में आगमन
पुर्तगालियों का भारत आगमन
भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद का कठोरतम मुकाबला
इंग्लैण्ड फ्रांस एवं हालैण्ड के व्यापारियों का भारत आगमन
ईस्ट इण्डिया कम्पनी की नीति में परिवर्तन
यूरोपियन व्यापारियों का आपसी संघर्ष
प्लासी तथा बक्सर के युद्ध के प्रभाव
बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना
द्वैध शासन के दोष
रेग्यूलेटिंग एक्ट के पारित होने के कारण
वारेन हेस्टिंग्स द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य का सुदृढ़ीकरण
ब्रिटिश साम्राज्य का प्रसार
लार्ड वेलेजली की सहायक संधि की नीति
आंग्ल-मैसूर संघर्ष
आंग्ला-मराठा संघर्ष
मराठों की पराजय के प्रभाव
आंग्ल-सिक्ख संघर्ष
प्रथम आंग्ल-सिक्ख युद्ध
लाहौर की सन्धि
द्वितीय आंग्ल-सिक्ख युद्ध 1849 ई.
पूर्वी भारत तथा बंगाल में विद्रोह
पश्चिमी भारत में विद्रोह
दक्षिणी भारत में विद्रोह
वहाबी आन्दोलन
1857 का सैनिक विद्रोह
बंगाल में द्वैध शासन व्यवस्था
द्वैध शासन या दोहरा शासन व्यवस्था का विकास
द्वैध शासन व्यवस्था की कार्यप्रणाली
द्वैध शासन के लाभ
द्वैध शासन व्यवस्था के दोष
रेग्यूलेटिंग एक्ट (1773 ई.)
रेग्यूलेटिंग एक्ट की मुख्य धाराएं उपबन्ध
रेग्यूलेटिंग एक्ट के दोष
रेग्यूलेटिंग एक्ट का महत्व
बंगाल न्यायालय एक्ट
डुण्डास का इण्डियन बिल (अप्रैल 1783)
फॉक्स का इण्डिया बिल (नवम्बर, 1783)
पिट्स इंडिया एक्ट (1784 ई.)
पिट्स इण्डिया एक्ट के पास होने के कारण
पिट्स इण्डिया एक्ट की प्रमुख धाराएं अथवा उपबन्ध
पिट्स इण्डिया एक्ट का महत्व
द्वैध शासन व्यवस्था की समीक्षा
1793 से 1854 ई. तक के चार्टर एक्ट्स
1793 का चार्टर एक्ट
1813 का चार्टर एक्ट
1833 का चार्टर एक्ट
1853 का चार्टर एक्ट

Plasi, Tatha, Baksar, Ke, Yudhh, Prabhav, Aitihasik, Drishti, Se, Bahut, Mahatvapurnn, Hain, Iske, Falswaroop, Bangal,, Bihar, Odisha, Rajaswa, Aivam, Shashan, Par, Britanian, Ka, Niyantran, Sthapit, Ho, Gaya, In, Rajyon, Shashak, Unke, Hathon, Ki, कठपूतली, Ban, Gaye, Mugal, Samrat, Unka, Pensioner, Vastutah, Yuddhon, Me, British, Samrajy, Sthapanaa, Marg, prashast, Kar, Diya