भारत का संविधान-कुछ अधिनियमों अौर विनियमों का विधिमान्यकरण। Gk ebooks


Rajesh Kumar at  2018-08-27  at 09:30 PM
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कुछ अधिनियमों अौर विनियमों का विधिमान्यकरण।
1 [31ख. अनुच्छेद 31क में अंतर्विष्ट उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, नौवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट अधिनियमों अौर विनियमों में से अौर उनके उपबंधों में से कोई इस अाधार पर शून्य या कभी शून्य हुअा नहीं समझा जाएगा कि वह अधिनियम विनियम या उपबंध इस भाग के किन्हीं उपबंधों द्वारा प्रदत्त अधिकारों में से किसी से असंगत है या उसे छीनता है या न्यून करता है अौर किसी न्यायालय या अधिकरण के किसी प्रतिकूल निणर्य, डिग्री या अादेश के होते हुए भी, उक्त अधिनियमों अौर विनियमों में से प्रत्येक, उसे निरसित या संशोधित करने की किसी सक्षम विधान-मंडल की शक्ति के अधीन रहते हुए, प्रवृत्त बना रहेगा।]



सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
अनुच्छेद 13. मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियां
मूल अधिकार अनुच्छेद 12 परिभाषा
अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समता
अनुच्छेद 15 धर्म मूलवंश जाति लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत
अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत
अनुच्छेद 19 स्वातंत्र्य-अधिकार - वाक्-स्वातंत्र्य आदि
अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
अनुच्छेद 21 प्राण और दैहिक स्वतंत्रता
अनुच्छेद 22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
अनुच्छेद 23 और 24 शोषण के विरुद्ध अधिकार
अनुच्छेद 25 26 27 28 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
शिक्षा संस्थाओं की स्थापना अौर प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार
29 अल्पसंख्यक - वर्गों के हितों का संरक्षण
कुछ अधिनियमों अौर विनियमों का विधिमान्यकरण।
कुछ निदेशक तत्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
संवैधानिक उपचारों का अधिकार इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार।

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