भारत का संविधान-अनुच्छेद 25 26 27 28 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार Gk ebooks


Rajesh Kumar at  2018-08-27  at 09:30 PM
विषय सूची: संविधान के भाग विषय सूची >> संविधान भाग 3 मूल अधिकार >>> अनुच्छेद 25 26 27 28 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार

अनुच्छेद 25 26 27 28 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार 

अंत—करण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता।
25. (1) लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य तथा इस भाग के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, सभी व्यक्तियों को अंत—करण की स्वतंत्रता का और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने का समान हक होगा।
(2) इस अनुच्छेद की कोई बात किसी ऐसी विद्यमान विधि के प्रवतर्न पर प्रभाव नहीं डालेगी या राज्य को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो—
(क) धार्मिक आचरण से संबद्ध किसी आर्थिक, वित्तीय, राजनैतिक या अन्य लौकिक क्रियाकलाप का विनियमन या निर्बन्धन करती है ;
(ख) सामाजिक कल्याण और सुधार के लिए या सार्वजनिक प्रकार की हिंदुओं की धार्मिक संस्थाओं को हिंदुओं के सभी वर्गों अौर अनुभागों के लिए खोलने का उपबंध
करती है।
स्पष्टीकरण 1—कृपाण धारण करना और लेकर चलना सिक्ख धर्म के मानने का अंग समझा जाएगा।
स्पष्टीकरण 2-खंड (2) के उपखंड (ख) में हिंदुओं के प्रति निर्देश का यह अर्थ लगाया जाएगा कि उसके अंतर्गत सिक्ख, जैन या बौद्ध धर्म के मानने वाले व्यक्तियों के प्रति निर्देश है और हिंदुओं की धार्मिक संस्थाओं के प्रति निर्देश का अर्थ तदनुसार लगाया जाएगा।

धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता।
26. लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य के अधीन रहते
हुए, प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी अनुभाग को—
(क) धार्मिक और पूतर् प्रयोजनों के लिए संस्थाओं की स्थापना और पोषण का,
(ख) अपने धर्म विषयक कार्यों का प्रबंध करने का,
(ग) जंगम और स्थावर संपत्ति के अर्जन और स्वामित्व का, और
(घ) ऐसी संपत्ति का विधि के अनुसार प्रशासन करने का, अधिकार होगा।

किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता।
27. किसी भी व्यक्ति को ऐसे करों का संदाय करने के
लिए बाध्य नहीं किया जाएगा जिनके आगम किसी विशिष्ट धर्म या धार्मिक संप्रदाय की अभिवृद्धि या पोषण में व्यय करने के लिए विनिर्दिष्ट रूप से विनियोजित किए जाते हैं।

कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता।
28. (1) राज्य-निधि से पूर्णत:— पोषित किसी शिक्षा संस्था में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी।
(2) खंड (1) की कोई बात ऐसी शिक्षा संस्था को लागू नहीं होगी जिसका प्रशासन राज्य करता है किंतु जो किसी ऐसे
विन्यास या न्यास के अधीन स्थापित हुई है जिसके अनुसार उस संस्था में धार्मिक शिक्षा देना आवश्यक है।
(3) राज्य से मान्यताप्राप्त या राज्य-निधि से सहायता पाने वाली शिक्षा संस्था में उपस्थित होने वाले किसी व्यक्ति को ऐसी संस्था में दी जाने वाली धार्मिक शिक्षा में भाग लेने के लिए या ऐसी संस्था में या उससे संलग्न स्थान में की जाने वाली धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के लिए तब तक बाध्य नहीं किया जाएगा जब तक कि उस व्यक्ति ने, या यदि वह अवयस्क है तो उसके संरक्षक ने, इसके लिए अपनी सहमति नहीं दे दी है।


सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
अनुच्छेद 13. मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियां
मूल अधिकार अनुच्छेद 12 परिभाषा
अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समता
अनुच्छेद 15 धर्म मूलवंश जाति लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत
अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत
अनुच्छेद 19 स्वातंत्र्य-अधिकार - वाक्-स्वातंत्र्य आदि
अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
अनुच्छेद 21 प्राण और दैहिक स्वतंत्रता
अनुच्छेद 22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
अनुच्छेद 23 और 24 शोषण के विरुद्ध अधिकार
अनुच्छेद 25 26 27 28 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
शिक्षा संस्थाओं की स्थापना अौर प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार
29 अल्पसंख्यक - वर्गों के हितों का संरक्षण
कुछ अधिनियमों अौर विनियमों का विधिमान्यकरण।
कुछ निदेशक तत्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
संवैधानिक उपचारों का अधिकार इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार।

Anuchhed 25 26 27 28 Dharm Ki Swatantrata Ka Adhikar Ant — Karan Aur Ke Abadh Roop Se Manane Achharan Prachar Karne । 1 Lok Vyavastha SadaChar Swasthya Tatha Is Bhag Anya UpBandhon Adheen Rehte Hue Sabhi Vyaktiyon Ko Saman Haq Hoga 2 Koi Baat Kisi Aisi Vidyaman Vidhi Pravartan Par Prabhav Nahi dalegi Ya Rajya Banane Niwarit Karegi Jo क Dharmik Sanbaddh Aarthik Vittiya Rajanaitik Lokik Kriyakalap Viniyaman Nirbandhan Karti Ha


Labels,,,