झवेर भाई पटेल
ग़ुजरात में सरदार वल्लभभाई के पिता झवेर भाई उत्तर भारत जाकर स्वातंत्र्य संग्राम में भाग ले चुके थे। ग़ुजरात के करीब-करीब सभी भागों में ब्रितानियोें और उनकी शोषणकारी, अत्याचारी नीतियों के विरोध में प्रजा का गुस्सा अन्दर पनप रहा था। ब्रितानी अधिकारी जो ग़ुजरात पर निगाह रखे थे वे अपने विवरणों में कह चुके थे कि ग़ुजरात में आम जनता के विभिन्न तबकों में रोष बढ़ता जा रहा था। सबमें यह भावना बार-बार उठ रही थी कि ब्रितानियोें के, अत्याचारों से मुक्त होना जरुरी है, और अब सहना कठिन है। सूरत के लोगों ने 1844 और 1848 में नमक की चुंगी पर भारी आंदोलन किया था। तीन दिनों तक यह आंदोलन चला था। ग़ुजरात के छोटे-मोटे राजा ब्रितानियोें के साथ थे। ब्रितानियोें की उनके साथ संधियाँ थी। प्रजा इन राजाओं से भी उक्ता गई थी। उत्तर भारत के लोग़ों ने, सेना के भारतीय सिपाहियों ने ब्रितानियोें के सामने हथियार उठा लिए थे। इन समाचारों से गुजरात की आम जनता भी वि द्रोह के लिए तैयार को गई थी।