भारत सरकार की योजनाएं-निधियों की निर्मुक्ति

nidhiyon Ki Nirmukti

निधियों की निर्मुक्ति
संस्तुत परियोजना के सूची में वित्तीय वर्ष के दौरान नई परियोजना और चल रही परियोजनाओं के जारी रखने का क्रियान्वयन संस्तुत करते हुए एसएलएससी का कार्यवृत प्राप्त करने पर, राज्यों को पहली किस्त के रूप में पीएमकेएसवाई वार्षिक आवंटन का 60% निर्मुक्त किया जाएगा। निधियों की निर्मुक्ति विशिष्ट घटक के लिए विशेष मंत्रालय/ विभाग द्वारा किया जाएगा। संबंधित क्रियान्वयन मंत्रालय/विभाग विशिष्ट घटक हेतु निधियों की निर्मुक्ति करते समय उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं समरूपी वास्तविक एवं वित्तीय प्रगति की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेवार होंगे। उपयोगता प्रमाण पत्र राज्यों में विशेष कार्यान्वित प्रभाग/एजेंसी द्वारा प्रस्तुत किया जाना है। संस्तुत परियोजना का कुल लागत वार्षिक परिव्यय से कम हो, के मामले में, संस्तुत परियोजना लागत की 60% निधियों निर्मुक्ति की जाएंगी।
दवितीय एवं अंतिम किस्त की निर्मुक्ति पर निम्नलिखित के प्राप्ति पर विचार किया जाएगा:
पिछले वित्तीय वर्ष तक की निर्मुक्त निधियों के लिए 90% उपयोग प्रमाणपत्र (यूसी) से अधिक हो ;
चालू वर्ष के दौरान पहली किस्त में निर्मुक्त निधियों का कम से कम 50% का उपयोगिता प्रमाण पत्र ; तथा
विशिष्ट प्रारूप में अनुमानित समय-सीमा के अन्तर्गत वास्तविक एवं वित्तीय उपलब्धियों के साथ-साथ परिणामों की शर्त पर निष्पादन प्रतिवेदन।
यदि राज्य उचित समयावधि के भीतर इन दस्तावेजों को प्रस्तुत करने में असफल होते है, तो शेष निधि बेहतर निष्पादन राज्यों को पुन: आवंटित की जा सकती है।
निर्मुक्त निधि की तुलना में मॉनिटरेबल लक्ष्यों को सभी जटिल उप-घटकों के लिए नियत किया जाएगा तथा दी गई समय-सीमा में कोई उपलब्धि बेसलाइन/हिस्टोरिक डाटा के संबंध में प्रत्येक गतिविधि-गतिविधियों के लिए रिपोर्ट दी जाएगी। यह उत्पादन क्षेत्र, उत्पादकता, सूक्ष्म सिंचाई सुविधाओं का उपयोग आदि में वृद्धि शामिल कर सकते है। इस प्रक्रिया में, जवाबदेही तथा प्रौदयोगिकी का उपयोग नियत करने पर फोकस भी होना चाहिए।
नोडल प्रभाग को सुनिश्चित करना होगा कि परियोजना-वार लेखों का रखरखाव क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा किया जाता है तथा संवैधानिक लेखा परीक्षा की सामान्य प्रक्रिया के अधीन है। इस प्रकार सृजित परिसम्पितयां एवं उस पर हुआ व्यय सामाजिक अंकेक्षण के उददेश्य हेतु संबंधित ग्राम सभा को प्रदान किए जा सकते है। इसी प्रकार, पीएमकेएसवाई परियोजन के तहत सृजित परिसंपत्तियों की मांग सूची व्यक्ति, किसानों आदि के लिए उनके लिए छोड़कर सावधानी पूर्वक संरक्षित होनी चाहिए तथा ऐसी परिसंपत्तियों जिनकी मांग नहीं है, इसके उपयोग हेतु एवं पुन: प्रतिनियुक्ति जहां संभव हो, नोडल प्रभाग या शेष कार्यक्रम घटकों के दिशानिर्देश के अनुसार स्थानातंरित किया जाना चाहिए।
पीएमकेएसवाई के तहत केन्द्रीय सहायता वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के विद्यमान दिशानिर्देश के अनुसार निर्मुक्त की जाएगी।


सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
प्रस्तावना
पीएमकेएसवाई के मुख्य उद्देश्य
योजना की रणनीति और फोकस क्षेत्र
कार्यक्रम घटक
जिला और राज्य सिंचाई योजनाएं
लागत मानदण्ड और सहायता का प्रतिमान
पात्रता मानदण्ड
नोडल विभाग
जिला स्तर क्रियान्वयन समिति (डीएलआईसी) :
राष्ट्रीय परिचालन समिति (एनएससी)
राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एनईसी)
निधियों की निर्मुक्ति
प्रशासनिक व्यय एवं आकस्मिकताएं
अभिसरण
पीएमकेएसवाई के तहत व्याख्यात्मक कार्यकलाप दिशा निर्देश
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है ?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
योजना के उद्देश्यों की उपलब्धि के लिए कौन कौन से कार्यक्रम चलाए जाएगों तथा इसके लिए धनराशि की क्या व्यवस्था है ?
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में माननीय संसद सदस्य तथा स्थानीय विधायक की क्या भूमिका होगी ?

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