भारत सरकार की योजनाएं-नोडल विभाग Gk ebooks


Rajesh Kumar at  2018-08-27  at 09:30 PM
विषय सूची: भारत सरकार की योजनाएं >> प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) >>> नोडल विभाग

नोडल विभाग
चूंकि पीएमकेएसवाई का अन्तिम परिणाम प्रत्येक खेत पर जल का प्रभावी वितरण और अनुप्रयोग की प्राप्ति को सुनिश्चित करना है जिसके जरिये कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि को बढ़ाना है, पीएमकेएसवाई के क्रियान्वयन के लिए राज्य कृषि विभाग नोडल विभाग होगा। कृषि मंत्रालय (एमओए) और राज्य सरकार के बीच के सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान नोडल विभाग के जरिये होगा। तथापि एआईबीपी, पीएमकेएसवाई (हर खेत को पानी), पीएमकेएसवाई (प्रति बूंद अधिक फसल) और पीएमकेएसवाई (पनधारा विकास) जैसे चार घटकों के लिए कार्यान्वित विभागों को संबंधित कार्यक्रम मंत्रालय/विभाग द्वारा निश्चित किया जायेगा।
राज्य सरकार कार्यक्रम के समग्र निरीक्षण और समन्वय के लिए राज्य में आरकेवीवाई के तहत वर्तमान तंत्र और उपलब्ध संरचनाओं को उपयोग करेगी। राज्य पीएमकेएसवाई के कार्यों के समन्वयन का उत्तरदायित्व सौंपने के लिए समान कार्यकलापों हेतु उपलब्ध वर्तमान राज्य स्तरीय एंजेंसियों सुदृढ़ भी करेगा। राज्य पीएमकेएसवाई के अधिदेश को पूरा करने के लिए अतिरिक्त सदस्यों के समावेशन के साथ आईडब्ल्यूएमपी के वर्तमान एसएएमईटीआई या एसएलएनए के पुनरुद्धार और पीएमकेएसवाई के क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय वर्षा क्षेत्र प्राधिकरण (एनआरएए) के निरीक्षण के तहत संचालन भी करेगा। सभी प्रस्तावों को अंतर विभागीय कार्य समूह और राज्य स्तरीय संस्तुति समिति को प्रस्तुत करने से पहले राज्य स्तरीय समन्वय एंजेन्सी द्वारा समीक्षा की जाने की आवश्यकता है। पीएमकेएसवाई में कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए सुदृढ़ तकनीकी घटक और डोमेन विशेषज्ञ होंगे। कार्यक्रम के तहत राज्य को उपलब्ध प्रशासनिक प्रावधानों से परामर्शदाता और व्यवसायिक को कार्य पर लगाने के लिए सहायता दी जाएगी।
राज्य द्वारा चिन्हित नोडल विभाग तथा एजेंसी विभिन्न क्रियान्वयन विभागों/जिलों से प्राप्त प्रत्येक कलस्टर के सभी उप-परियोजनाओं को प्रत्येक डीपीआर के रूप में एकत्रित करेगा और अंतर्विभागीय कार्य-समूह (आईडीडब्ल्यूजी) के समक्ष सूक्ष्म परीक्षण के लिए और राज्य स्तरीय संस्वीकृति समिति (एसएलएससी) के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
नोडल विभाग/एजेंसी कार्यान्वयक विभागों/एजेंसियों के साथ निगरानी, वित्तीय और वास्तविक प्रगति का समन्वयन के लिए अभी उत्तरदायी होगा और भारत सरकार को सम्मिलित उपयोगी प्रमाण-पत्र (यूसी) और वास्तविक/वित्तीय प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
इसके अतिरिक्त निम्नलिखित के लिए भी नोडल विभाग/एजेंसी उत्तरदायी होगा:-
डीआईपी और एसआईपी की तैयारी का समन्वयन
परियोजनाओं की तैयारी और मूल्यांकन, क्रियान्वयन, निगरानी और विभिन्न विभागों तथा कार्यान्वयक एजेंसियों के साथ मूल्यांकन का समन्वयन
केन्द्र तथा राज्य सरकारों से प्राप्त निधियों का प्रवर्तन और कार्यान्वयक एजेंसियों को निधियों का वितरण।
कृषि और सहकारिता विभाग को तिमाही वास्तविक और वित्तीय प्रगति रिपोर्ट की प्रस्तुति
वेब युक्त आईटी आधारित पीएमकेएसवाई प्रबंधन सूचना प्रणाली (पीएमकेएसवाई-एमआईएस) प्रभावी रूप से उपयोग किया जाना और नियमित रूप से अपडेट किया जाना I
एसएलएसपीसी और आईडीडब्ल्यूजी बैठक को आयोजित करना। कार्यसूची की पर्याप्त प्रतियों सहित बैठक सूचना और परियोजना विवरण कृषि एवं सहकारिता विभाग को भेजा जाए ताकि भारत सरकार के प्रतिनिधियों को तैयारी और एसएलएससी बैठक में अर्थपूर्ण सहभागिता के लिए तैयार करने के लिए एसएलएससी की बैठक से कम से कम 15 दिन पहले पहुँच सके।
राज्य स्तरीय संस्तुति समिति (एसएलएससी)
आरकेवीवाई के तहत पहले से घटित और राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय संस्तुति समिति (एसएलएससी) भारत सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा बैठक में आईडीडब्ल्यूजी द्वारा विशिष्ट परियोजनाओं की संस्तुति प्राधिकरण में निहित होगी।
अन्य बातों के साथ-साथ एसएलएससी निम्नलिखित के लिए भी उत्तरदायी होगी -
राज्य सिंचाई योजना (एसआईपी) और जिला सिंचाई योजना (डीआईपी) का अनमोदन
पीएमकेएसवाई के तहत परियोजनाओं के वित्त पोषण की संस्तुति और प्रमुखता देना
पीएमकेएसवाई के क्रियान्वयन की निगरानी और समीक्षा
अन्य स्कीमों के साथ अभिसरण को सुनिश्चित करना और प्रयासों या संसाधनों की पुनरावृत्ति न हो
परियोजनाओं में वित्तीय प्रतिमानों/राजसहायता समर्थन से संबंधित कोई अंतर जिला असमानता न हो, को सुनिश्चित किया जाना।
परियोजना की प्रकृति पर आधारित प्रत्येक परियोजना के लिए राज्य में कार्यान्वयक एजेंसी/विभाग को निश्चित करना और एजेंसी/विभाग के साथ उस विभाग में उपलब्ध को विशेषीकृत करना।
यह सुनिश्चित करना कि संबंधित कार्यक्रम/घटक मंत्रालय/विभाग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसरण में कार्यक्रम क्रियान्वयन ।
समय-समय पर मूल्यांकन अध्ययन को शुरु करना जहां भी आवश्यक हो ;
यह सुनिश्चित करे कि भारत सरकार की सभी मौजूदा प्रक्रियाओं और निदेशों का पालन हो ताकि परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर व्यय अर्थव्यवस्था के लिए न्यूनतम चिंता को और वित्तीय प्रथामिकताओं पारदार्शिताओं और सत्य निष्ठता के अनुरूप भी हो।
यह सुनिश्चित करना की पीएमकेएसवाई के क्रियान्वयन में पंचयती राज संस्थान (पीआरआई) विशेष रूप में लाभार्थीयों के चयन, सामाजिक लेखा परीक्षा आयोजन आदि में सक्रिया रूप से शामिल है।
एसएलएससी बहु वर्ष समयसीमा परियोजनाओं की पूर्ति और भौतिक प्रगति के आधार पर वित्त पोषण को प्रमुखता देने के लिए पीएमकेएसवाई परियोजनाओं को पीएमकेएसवाई के तहत राज्य वार्षिक आवंटन की राशि को दो गुना तक अनुमोदित कर सकती है।
वर्तमान एसएलएससी को प्रसंगिक विभागों उदाहरण ; सिंचाई/जल संसाधन और मृदा संरक्षण,पन्नधारा,ग्रामीण विकास/ग्रामीण कार्य, आईडब्ल्यूएमपी के तहत वन और राज्य स्तर नोडल एजेंसी (एसएलएनए) से सदस्यों सहित सुदृढीकृत किया जाएगा।
एसएलएससी जल क्षेत्र में विशेषज्ञों, सिंचाई क्षेत्र में कार्यरत निजी/सार्वजनिक एजेंसियां, सिंचाई के क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठित एनजीओ,अनुसंधान संस्थान, प्रमुख किसान आदि से सदस्यों को सम्मिलित भी करेगा।
कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त एसएलएससी में जल संसाधन मंत्रालय, भू संसाधन विभाग और ग्रामीण विकास मंत्रालय से भारत सरकार के प्रतिनिधि होगें। एसएलएससी बैठकों के लिए कोरम में भारत सरकार से कम से कम दो प्रतिनिधि की उपस्थश्धिति के बिना पूरी नहीं होगी।
एसएलएससी को बागवानी, कृषि, ग्रामीण विकास, सिंचाई, सतही भू जल संसाधन के लाईन विभागों के सचिवों को शामिल करते हुए अंतर विभागीय कार्य समूह (आईइडब्ल्यूजी) द्वारा सहयोग दिया जाएगा।
राज्य नोडल सेल/समन्वयन एजेंसी जिला सिंचाई योजनाओं की समय पर प्राप्ति, राज्य सिंचाई योजना तैयार करना और उसके एसएलएससी द्वारा अनुमोदन को सुनिश्चित करेगा। इसके पश्चात एसएनसी लाईन विभागों द्वारा कार्ययोजना का अनुमोदन और क्रियान्वयन की निगरानी करेंगी।



सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
प्रस्तावना
पीएमकेएसवाई के मुख्य उद्देश्य
योजना की रणनीति और फोकस क्षेत्र
कार्यक्रम घटक
जिला और राज्य सिंचाई योजनाएं
लागत मानदण्ड और सहायता का प्रतिमान
पात्रता मानदण्ड
नोडल विभाग
जिला स्तर क्रियान्वयन समिति (डीएलआईसी) :
राष्ट्रीय परिचालन समिति (एनएससी)
राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एनईसी)
निधियों की निर्मुक्ति
प्रशासनिक व्यय एवं आकस्मिकताएं
अभिसरण
पीएमकेएसवाई के तहत व्याख्यात्मक कार्यकलाप दिशा निर्देश
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है ?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
योजना के उद्देश्यों की उपलब्धि के लिए कौन कौन से कार्यक्रम चलाए जाएगों तथा इसके लिए धनराशि की क्या व्यवस्था है ?
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में माननीय संसद सदस्य तथा स्थानीय विधायक की क्या भूमिका होगी ?

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