प्रशासनिक व्यय एवं आकस्मिकताएं
प्रशासनिक व्यय फील्ड स्तर पर पीएमकेएसवाई के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समन्वय का सुदृढीकरण, वैज्ञानिक योजना एवं तकनीकी सहायता के लिए प्रत्येक स्तर पर, 5 प्रतिशत से अधिक नहीं हो, के कार्यक्रम से समानुपात आधार पर पूरा किया जा सकता है। जारी आईडब्लूएमपी परियोजनाओं के संबंध में, प्रशासनिक व्यय पनधारा विकास योजना की कॉमन मार्गदर्शिका (कॉमन मार्गदर्शिका में पेरा -67) के अंतर्गत स्वीकार्य सीमा में रहेगी अर्थात विशिष्ट पनधारा परियोजना हेतु बजट के 10% तक। कार्यान्वित पीएमकेएसवाई हेतु उचित समन्वय एजेंसी/संस्थानों के कार्य करने के लिए प्रशासनिक व्यय, सलाहकारों को भुगतान, आवर्ती व्यय, कर्मी लागत आदि स्वीकार्य हैं। तथापि न ही स्थायी रोजगार सृजित किए जा सकते है, न ही कोई वाहन खरीदा जा सकता है। राज्य उनके अपने संसाधनों से, जायज सीमा के अधिक कोई प्रशासनिक व्यय को संपूरक कर सकते है। भारत सरकार आईइसी कार्यकलापों के लिए पीएमकेएसवाई के प्रावधान का 1.5% तथा प्रशासनिक, मॉनिटरिंग, मूल्याकंन तथा कोई भी आकस्मिकता में प्रत्येक प्रतिभागी विभाग द्वारा योजना क्रियान्वयन के दौरान उत्पन्न हो सकते है, के लिए आवंटन का अन्य 1.5% सुरक्षित रख सकते है। प्रथम वर्ष (2015-2016) में, 75 करोड़ रूपए की धनराधि डीआईपी एवं एसआईपी को तैयार करने के लिए अलग से निर्धारित किया जाएगा, जिसे कृषि एवं सहकारिता विभाग के लिए निर्धारित निधियों के बाहर से बाहर से पूरा किया जाएगा।
कृषि एवं सहकारिता विभाग अपनी विद्यमान क्षमता एवं शामिल सलाहकारों, विशेषताओं से समर्पित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नियुक्त करते हुए तकनीकी सहायता समूह की स्थापना कर सकते है। कृषि एवं सहकारिता विभाग पीएमकेएसवाई कार्यकलापों से दस्तावेजीकरण आदि को शामिल करते हुए विशिष्ट एजेंसियों के लिए कुछ तकनीकी नियत कार्य को आउटसोर्स द्वारा कर सकते हैं।