पात्रता मानदण्ड
वृद्धिमान बजट के अलावा, पीएमकेएसवाई गतिशील वार्षिक निधि आवंटन प्रणाली अपनाया जायेगा जो पीएमकेएसवाई निधियों के प्राप्ति के लिए योग्य बनने हेतु सिंचाई क्षेत्रों को अधिक निधियों के आवंटन को राज्यों को आदेश देगा। इस प्रायोजन के लिए -
1) राज्य पीएमकेएसवाई निधि प्राप्ति के लिए योग्य केवल तब होगा जब वह आरंभिक वर्ष के अलावा और विचाराधीन वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए जल संसाधन विकास में व्यय आधार रेखा व्यय से कम न हो और उसने जिला सिंचाई योजना (डीआईपी) और राज्य सिंचाई योजना (एसआईपी) तैयार करी हों। विचाराधीन वर्ष के पहले के तीन वर्ष में राज्य योजना में राज्य विभाग पर ध्यान दिये बिना सिंचाई क्षेत्र में व्यय की औसत आधारी व्यय होगा (अर्थात राज्य योजना स्कीमों से जल स्रोत, वितरण, प्रबंधन, और अनुप्रयोग का सूजन)।
2) राज्यों को सिंचाई प्रयोजन के लिए जल और विद्युत पर शुल्क लगाने के लिए अतिरिक्त महत्व दिया जायेगा ताकि कार्यक्रम की सततता को सुनिश्चित किया जा सके।
3) पीकेएमएसवाई निधि का अंतर राज्य आवंटन (i) मरूभूमि विकास कार्यक्रम (डीडीपी) और सूखा प्रवण क्षेत्र विकास कार्यक्रम (डीपीएपी) के तहत वर्गीकृत क्षेत्रों के प्रमुखता सहित राष्ट्रीय औसत की तुलना में राज्य में अवसिंचित क्षेत्र की प्रतिशत का अंश और (ii) पिछले वर्ष के पहले के तीन वर्ष से पहले राज्य योजना व्यय में कृषि क्षेत्र के लिए जल संसाधन के विकास पर व्यय के प्रतिशत अंश में वृदधि (iv) राज्य में सिंचाई क्षमता सुधार के आधार पर निश्चित किया जायेगा।