भारत सरकार की योजनाएं-जिला स्तर क्रियान्वयन समिति (डीएलआईसी) :

Zila Str Kriyanvayan Samiti (DLIC) :

जिला स्तर क्रियान्वयन समिति (डीएलआईसी) :
डीएलआईसी, पीएमकेएसवाई, की तीसरा श्रेणी का स्वरूप तैयार करेगी। डीएलआईसी की अध्यक्षता जिला अधिकारी, जिलाधीश द्वारा की जाएगी तथा इसमें सीइओ जिला परिषद पीडी डीआरडीए, बागवानी, कृषि, ग्रामीण-विकास, सतही एवं भूजल संसाधन, सिंचाई प्रभाग के संयुक्त निदेशक उपनिदेशक तथा जिलों में अन्य लाइन- विभाग, जिला वन अधिकारी, जिले के अग्रणी बैंक अधिकारी को शामिल करेंगे।
परियोजना निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) डीएलआईसी के सदस्य सचिव होगें। इसके अलावा, डीएलआईसी दो प्रगतिशील किसानों, तथा जिला में कार्यरत अग्रणी-एनजीओ यदि कोई, हो को रख सकती है । किसानों को एटीएमए के तहत जिला किसान-सलाहकार समिति से एक वर्ष के लिए नामांकित किया जाएगा। गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों को जिलाधीश/जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
डीएलआईसी क्रियान्वयन देखरेख तथा अंर्तविभागीय समन्वयन करेगी तथा निम्नलिखित भूमिका निभाएगी -
जिले में विभिन्न क्रियान्वयन एजेंसी / लाइन विभाग के बीच फील्ड स्तर पर समन्वयक के रूप में कार्य करना तथा सुनिश्चित करना कि जिला सिंचाई योजना/वार्षिक सिंचाई योजना का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक किया जाता है।
जिला सिंचाई योजना (डीआईपी) तैयार करना, विशिष्ट आउटपुट एवं परिणाम के प्रति विभिन्न वित्तपोषित वर्गों एवं कार्यक्रमों के योगदान को दर्शाना तथा इस के लिए एसएलएससी का अनुमोदन प्राप्त करना।
डीआईपी के अतिरिक्त वार्षिक सिंचाई योजना (एआईपी) को तैयार करना तथा अनुमोदनार्थ एसएलएससी को आगे भेजना।
एआईपी के विभिन्न घटकों की प्रगति की मानिटरिंग करना, क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर करना तथा एसएलएससी को नियत कालिक सामायिक प्रतिवेदन तैयार कराना।
डीआईपी के क्रियान्वयन हेतु समर्थन जुटाने के लिए किसानों, पीआरआई, मीडिया तथा अन्य स्थानीय पणधारियों को शामिल करने के लिए जन जागरण एवं उन्मुक्त खुले प्रयास करना।
परियोजना निदेशक, कृषि प्रौदयोगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) पीएमकेएसवाई के तहत कर्तव्यों का निर्वाह करने के लिए जिलों एवं ब्लॉकों में एटीएमए के तहत विदयमान अवसंरचना एवं कर्मियों का उपयोग करेंगी।
डीएलआईसी जिले के लिए जिला सिंचाई योजना (डीआईपी) तैयार करेगी, जिसमें विभिन्न सिंचाई स्त्रोतों द्वारा सृजित जिले की मौजूदा जल संसाधनों का मानचित्रण, जिले की जल जोखिम स्थितियों को चिन्हित करने के उपाय, फार्म स्तर पर वास्तविक जल उपलब्धता बढ़ाने के लिए नए जल स्त्रोतों की पहचान करना, उन्नत जल उपयोग क्षमता तथा जल वितरण के उपाय शामिल होंगे । डीआईपी को मौजूदा और परम्परागत फसल प्रणालियों विशेषकर जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग के संदर्भ में आईसीएआर द्वारा आयोजित अध्ययनों के परिणामों पर विचार करना चाहिए । इसके अतिरिक्त, डीआईपी तैयार करते समय उस विशिष्ट क्षेत्र के परंपरागत जल प्रबंधन तंत्र पर विचार किया जाय I जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय को एक माह के भीतर परम्परागत जल प्रबंधन तंत्र के अध्ययन के लिए राज्य सरकारों से परामर्श करना चाहिए और डीआईपी में शामिल करने के लिए सभी राज्यों को सूचना प्रदान करनी चाहिए ।
शहरी विकास मंत्रालय भवन निर्माण के लिए तैयार किए गए उनके माडल विनियमनों में अनिवार्य जल संचयन प्रणाली को शामिल करेंगा और राज्य सरकार उनके भवन विनियमनों को तैयार करते समय इन मॉडल विनियमनों पर विचार करेगा । तीन सबसे कनिष्ठ बैच के आईएएस और आईएफएस (वन) अधिकारियों द्वारा जिला सिंचाई योजना तैयार की जाएगी । डीआईपी के निर्माण के लिए प्रशिक्षण माडयूल आईसीएआर संस्थानों द्वारा अन्य संबंधित संस्थानों से परामर्श करके तैयार किए जाएंगे और सितम्बर, 2015 के अंत तक डीआईपी निर्माण के लिए उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा दिसम्बर, 2015 के अंत तक अधिकारी इस कार्य को पूरा करेंगे । एटीएमए प्रबंधन समिति पीएमकेएसवाई के तहत समन्वय और क्रियान्वयन विस्तार संबंधी कार्यकलापों में डीएलआईसी की सहायता करेगी ।


सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
प्रस्तावना
पीएमकेएसवाई के मुख्य उद्देश्य
योजना की रणनीति और फोकस क्षेत्र
कार्यक्रम घटक
जिला और राज्य सिंचाई योजनाएं
लागत मानदण्ड और सहायता का प्रतिमान
पात्रता मानदण्ड
नोडल विभाग
जिला स्तर क्रियान्वयन समिति (डीएलआईसी) :
राष्ट्रीय परिचालन समिति (एनएससी)
राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एनईसी)
निधियों की निर्मुक्ति
प्रशासनिक व्यय एवं आकस्मिकताएं
अभिसरण
पीएमकेएसवाई के तहत व्याख्यात्मक कार्यकलाप दिशा निर्देश
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है ?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
योजना के उद्देश्यों की उपलब्धि के लिए कौन कौन से कार्यक्रम चलाए जाएगों तथा इसके लिए धनराशि की क्या व्यवस्था है ?
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में माननीय संसद सदस्य तथा स्थानीय विधायक की क्या भूमिका होगी ?

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