राजस्थान की जलवायु की विशेषताएं
राज्य की लगभग समस्त वर्षा (90 प्रतिशत से भी अधिक) गर्मियों में (जून के अंत से जुलाई, अगस्त व मध्य सितम्बर तक) दक्षिण पश्चिम मानसूनी हवाओं से होती है। शीतकाल (दिसम्बर जनवरी) में बहुत कम वर्षा उतरी पश्चिमी राजस्थान में भूमध्य सागर से उत्पन्न पश्चिमी विक्षोभों से होती है। जिसे मावठ कहते है। राज्य में वर्षा का वार्षिक औसत लगभग 58 सेमी है।
वर्षा की मात्रा व समय अनिश्चित व अनियमित
वर्षा की अपर्याप्तता वर्षा के अभाव में आए वर्ष अकाल सूखे का प्रकोप रहता है।
वर्षा का असमान वितरण है। दक्षिणी पूर्वी भाग में जहां अधिक वर्षा होती है। वहीं उतरी पश्चिमी भाग में नगण्य वर्षा होती है।
राजस्थान में जलवायु के आधार पर शुष्क, उपआर्द्र, आर्द्र अति आर्द्र चारों प्रकार की जलवायु की स्थितियाँ पाई जाती हैं
तापमान की अतिशयताएँ, ग्रीष्म ऋतु का औसत तापमान 35 डिग्री से 40 डिग्री से सेल्सियस रहता है। जबकि सर्दी में 12 डिग्री से 17 डिग्री सेल्सियस रहता है। क्षेत्रवार तापमान में अधिक अंतर देखने को मिलते हैं ग्रीष्म ऋतु में दोपहर तापमान कुछ स्थानों पर कई बार 48 डिग्री से 50 डिग्री तक पहुँच जाता है। जबकि सर्दियों में हिमांक बिंदु से नीचे चला जाता है।