राजस्थान सामान्य ज्ञान-जलवायु परिचय Gk ebooks


Rajesh Kumar at  2018-08-27  at 09:30 PM
विषय सूची: Rajasthan Gk in Hindi >> राजस्थान की जलवायु एवं मृदा >>> जलवायु परिचय

जलवायु किसी भू भाग पर लम्बी समयावधि के दौरान विभिन्न समयों में विविध वायुमण्डलीय दशाओं की औसत अवस्था को उस भू भाग की जलवायु कहते हैं। तापक्रम, वायुदाब, आर्द्रता, वर्षा, वायुवेग आदि जलवायु के निर्धारित घटक हैं धरातल पर विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और प्राणियों के वितरण को जलवायु ही निर्धारित करती है। यह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में मनुष्य के क्रियाकलापों को प्रभावित करती है। कृषि, सिंचाई, वनप्रबन्धन, भवन निर्माण, भूमि उपयोग, परिवहन तथा अन्य अनेक आर्थिक कार्यक्रम जलवायु की दशाओं से बहुत ज्यादा प्रभावित होते है। अतः मनुष्य के लिए जलवायु का विशेष महत्व है।
राजस्थान देश का सबसे बडा राज्य है। इसकी जलवायु मानसूनी जलवायु का ही एक अभिन्न अंग है। राज्य के पश्चिमी भाग (61 प्रतिशत भू भाग) में मरूस्थलीय जलवायु की दशाएं पाई जाती है। राज्य का अधिकांश भाग कर्क रेखा के उत्तर में उपोष्ण कटिबन्ध में स्थित है। केवल डूँगरपुर एवं बांसवाड़ा जिले का कुछ भाग ही उष्ण कटिबन्ध में स्थित है। सहारा, अरब, दक्षिण पश्चिम संयुक्त राज्य अमेरिका और आस्ट्रेलिया भी इसी कटिबन्ध में स्थित है। यहॉ शुष्क जलवायु पाई जाती है। जिसमें वाष्पीकरण की मात्रा वर्षण से अधिक होती है। और जल का अभाव हमेशा बना रहता है। राजस्थान में अरावली पर्वत श्रेणियों ने जलवायु की दृष्टि से राजस्थान को दो भागो में विभक्त किया गया है। अरावली के पश्चिम में तापक्रम में अतिशयताएं, ग्रीष्मकालीन तीव्र प्रचण्ड धूल भरी आंधियां, शुष्क गर्म झुलसा देने वाली, हवाएं आर्द्रता की कमी एवं अकाल की अवस्थाएं ग्रीष्मकालीन तीव्र प्रचण्ड धूल भरी आंधियां, शुष्क गर्म झुलसा देने वाली हवाएं आर्द्रता की कमी एवं अकाल की अवस्थाएं मिलती है। यहॉ वर्षा की मात्रा केवल अत्यंत कम ही नहीं होती बल्कि बड़ी अनियमित होती है। मेघरहित आ‍काश और कम नमी के कारण सौर विकिरण दिन के समय अधिक मात्रा में जमीन पर पहुँचता है। और रात के समय भौमिक विकिरण भी तेज होता है। फलस्वरूप यहॉ अधिकतम दैनिक तापान्तर पाए जाते है। जिनकी मात्रा 15 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक होता है। दिन अत्यधिक गर्म व रात अत्यधिक ठंडी होती है। औसत वार्षिक तापमान लगभग 38 डिग्री सेल्सियस होता है। अरावली पर्वत श्रृँखलाएं मानसूनी हवाओं के चलन की दिशाओं के अनुरूप होने के कारण मार्ग में बाधा नहीं बन पाती अतः मानसूनी पवन घाटियों से होकर सीधी निकल जाती है। और वर्षा नहीं कर पाती इस प्रकार पश्चिम क्षेत्र अरावली का वृष्टि छाया प्रदेश होने के कारण अत्यल्प वर्षा प्राप्त करता है। अरावली के पूर्वी भाग में तापक्रम में प्राय: एकरूपता, अपेक्षाकृत अधिक आर्द्रता एवं सामयिक वर्षा देखने को मिलती है। इस प्रकार इस पूर्वी भाग में आर्द्र जलवायु पाई जाती है।



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