Kosi
= कोसी() (Kosi)
कोसी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कौशिकी] एक नदी जो नेपाल के पहाड़ों से निकलकर चंपारन के पास पास गंगा में मिलती है । विशेष—इसका बहाव बहुत तेज है । रामायण में लिखा है कि विश्वमित्र की बहन सत्यवती (दूसरा नाम कौशिकी) जब अपने पति के साथ स्वर्ग चली गई, तब इस नदी की उत्पत्ति हुई थी । एक मास तक इसके किनारे पर रहने से एक अश्वमेध यज्ञ का फल होता है । कोसी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कोंशिका] अनाज के वे दाने जो दायने के बाद बाल या फली में लगे रह जाते हैं । गूड़ी । चँचरी । विशेष—इस शब्द का प्रयोग प्रायः जुआर या मूँग के लिये ही होता है ।
कोसी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कौशिकी] एक नदी जो नेपाल के पहाड़ों से निकलकर चंपारन के पास पास गंगा में मिलती है । विशेष—इसका बहाव बहुत तेज है । रामायण में लिखा है कि विश्वमित्र की बहन सत्यवती (दूसरा नाम कौशिकी) जब अपने पति के साथ स्वर्ग चली गई, तब इस नदी की उत्पत्ति हुई थी । एक मास तक इसके किनारे पर रहने से एक अश्वमेध यज्ञ का फल होता है ।
कोसी नदी (नेपाली में कोशी) नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर के रास्ते से भारत में दाखिल होती है। इसमें आने वाली बाढ से बिहार मेंबहुत तबाही होती है जिससे इस नदी को 'बिहार का अभिशाप' कहा जाता है। इसके भौगोलिक स्वरूप को देखें तो पता चलेगा कि पिछले 250 वर्षों में 120 किमी का विस्तार कर चुकी है। हिमालय की ऊँची पहाड़ियों से तरह तरह से अवसाद (बालू, कंकड़-पत्थर) अपने साथ लाती हुई ये नदी निरंतर अपने क्षेत्र फैलाती जा रही है। उत्तरी बिहार के मैदानी इलाकों को तरती ये नदी पूरा क्षेत्र उपजाऊ बनाती है। नेपाल और भारत दोनों ही देश इस नदी पर बाँध बना रहे हैं परन्तु पर्यावरणविदों की मानें तो ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है। यह नदी उत्तर बिहार के मिथिला क्षेत्र की संस्कृति का पालना भी है। कोशी के आसपास के क्षेत्रों को इसी के नाम पर कोशी कहा जाता है। हिन्दू ग्रंथों में इसे कौशिकी नाम से उद्धृत किया गया है। कहा जाता है कि विश्वामित्र ने इसी नदी के किनारे ऋषि का दर्ज़ा पाया था। वे कुशिक ऋषि के शिष्य थे और उन्हें ऋग्वेद में कौशिक भी कहा गया है। सात धाराओं से मिलकर सप्तकोशी नदी बनती है जिसे स्थानीय रूप से कोसी कहा जाता है (नेपाल में कोशी)। महाभारत में भी इसका ज़िक्र कौशिकी नाम से मिलता है। काठमाण्डू से एवर
कोसी meaning in english