घग्घर नदी
उद्गम: यह हिमाचल प्रदेश में शिमला के पास शिवालिका श्रेणी की पहाडियों से निकलती है।
कुल लम्बाई. : 465 कि.मी.
उपनाम: सरस्वती, दृषद्ववती, मृत नदी, नट नदी
राजस्थान की आन्तरिक प्रवाह की सर्वाधिक लम्बी नदी घग्घर नदी उद्गम हिमाचल प्रदेश में कालका के निकट शिवालिका की पहाड़ियों से होता है। यह नदी पंजाब व हरियाणा में बहकर हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी नामक स्थान पर प्रवेश करती है। और भटनेर दुर्ग के पास जाकर समाप्त हो जाती है।
किन्तु कभी-2 अत्यधिक वर्षा होने की स्थिति में यह नदी गंगानगर जिले में प्रवेश करती है। और सुरतगढ़ अनूपगढ़ में बहती हुई पाकिस्तान के बहावलपुर जिले में प्रवेश करती है। और अन्त में फोर्ट अब्बास नामक स्थान पर समाप्त हो जाती है।
पाकिस्तान में इस नदी को "हकरा" (फारसी भाषा का शब्द) के नाम से जानी जाती है।
थार के रेगिस्तान को पाकिस्तान में बोलिस्तान कहते है। इस नदी की कुल लम्बाई 465 कि.मी. है। यह नदी प्राचीन सरस्वती नदी की धारा है। वैदिक काल में इसे द्वषवती नदी कहते है।5000 वर्ष पूर्व इस नदी के तट पर कालीबंगा सभ्यता विकसित हुई। इस नदी के कारण हनुमानगढ़ राजस्थान का धान का कटोरा कहा जाता है। स्थानीय भाषा में इसे नाली कहते है। यह राजस्थान की एकमात्र अन्तर्राष्ट्रीय नदी है।