Live = जी(verb) (Ji)
जी संज्ञा पुं॰ [सं॰ जीव]
1. मन । दील । तबीयत । चित्त । उ॰—(क) कहत नसाइ होइ हिअ नीकी । रीझत राम जानि जन जीकी । मानस, 1 । 28 ।
2. हिम्मत । दम । जीवट ।
3. संकल्प । विचार । इच्छा । चाह । मुहावरा—जी अच्छा होना=चित्त स्वस्थ होना । रोग आदि की पीड़ा या बेचैनी न रहना । नीरोग होना । जैसे,—दो तीन दिन तक बुखार रहा, आज जी अच्छा है । किसी पर जी आना=किसी से प्रेम होना । हृदय का किसी के प्रेम में अनुरक्त होना । जी उकताना=चित्त का उचाट होना । चित्त न लगना । एक ही अवस्था में बहुत काल तक रहते रहते परिवर्तन के लिये चित्त व्यग्र होना । तबीयत घबराना । जैसे,—तुम्हारी बातें सुनते सुनते तो जी उकता गया । जी उचटना=चित्त न लगना । चित्त का प्रवृत्त न होना । मन हटना । किसी कार्य, वस्तु या स्थान आदि से विरक्ति होना । जैसे,—अब तो इस काम से मेरा जी उचट गया । जी उठना=दे॰ 'जी उचटना' । जी उठना=चित्त हटाना । मन फेर लेना । विरक्त होना । अनुरक्त न रहना । जी उड़ जाना=भय, आशंका आदि से चित्त सहसा व्यग्र हो जाना । चित्त चंचल हो जाना । धैर्य जाता रहना । जी में घबराहट होना । जैसे,—उसकी बीमारी का हाल सुनते ही मेरा तो जी उड़ गया । जी उदास होना=चित्त खिन्न होना । जी उलट जाना=(1) मन का वश में न रहना । चित्त चंचल और अव्यवस्थित हो जाना । चित्त विंक्षिप्त हो जाना । होश हवास जाता रहना । (2) मन फिर जाना चित्त विरक्त होना । जी करना=(1) हिम्मत करना । हौसला करना । साहस करना (2) जी चाहना । इच्छा होना । जैसे,—अब तो जी करता हैं कि यहाँ से चल दें । जी काँपना= भय आशंका आदि से कलेजा धक धक करना । हृदय थर्राना । डर लगना । जैसे,—वहाँ जाने का नाम सुनते ही जी काँपता है । जी का बुखार निकालना=हृदय का उद्वेग बाहर करना । क्रोध, शोक, दुःख आदि के वेग को रोग कलपकर या बक झककर शांत करना । ऐसे क्रोध या दुःख को शब्दों द्वारा प्रकट करना जो बहुत दिनो से चित्त को संपन्न करता रहा हो । जी का बोझ या भार का हलका होना=ऐसी बात को दूर होना जिसकी चिंता चित्त में बराबर रहती आई हो । खटका मिटना । चिंता दूर होना । जी का अमान माँगना=प्राण रक्षा की प्रतिज्ञा की प्रार्थना करना । किसी काम के करने या किसी बात के कहने के पहले उस मनुष्य से प्राणरक्षा करने या अपराध क्षमा करने की प्रार्थना करना जिसक
जी meaning in english