Diesel Engine Kaise Kaam Karta Hai डीजल इंजन कैसे काम करता है

डीजल इंजन कैसे काम करता है



Pradeep Chawla on 24-10-2018

डीज़ल इंजन चार स्ट्रोक, या दो स्ट्रोक चक्र, पर परिचालित होते हैं। इसका आशय यह है कि चार स्ट्रोक चक्र इंजन में पिस्टन के पूरे चार स्ट्रोक, या क्रैंक शाफ्ट के दो परिक्रमण, की आवश्यकता पड़ती है, जबकि दो स्ट्रोक चक्र इंजन में केवल दो स्ट्रोका, या क्रैंक शाफ्ट के केवल एक परिक्रमण, की आवश्यकता पड़ती है।

चार स्ट्रोक चक्र इंजन

चार स्ट्रोक चक्र इंजन के निम्नलिखित कार्य हैं :


(1) अंतर्ग्रहण - प्रवेश वाला वाल्व खुलता है और अवरोही पिस्टन सिलिंडर में नई हवा खींचता है।


(2) संपीड़न - प्रवेशवाला वाल्व बंद होता है और आरोही पिस्टन सिलिंडर में ही हवा को 500 पाउंड प्रति वर्ग इंच के दबाव से दबाता है।


(3) शक्ति - संपीड़न के आघात के अंत में ईधंन का अंत:क्षेप होता है। यह तुरंत स्वत: प्रज्वलित हो जाता है और तब फैलता है। फैलने से शक्ति उत्पन्न होकर पिस्टन को फैंक देती है।


(4) निकास - अब निकास वाल्व खुल जाता है और आरोही पिस्टन जली हुई गैसों को सिलिंडर के बाहर निकाल देता है। यह चक्र बार बार चलता है।

दो स्ट्रोक इंजन

दो चक्र मूका-संमार्जन (port-scavenged) इंजन के परिचालन के क्रम में भी अंतर्ग्रहण, संपीड़न, शक्ति और निकास कार्य होते हैं। अवरोही पिस्टन प्रवेशद्वार और निकासमूकाओं (ports) को खोलता है। इससे अपमार्जक वायु प्रवेशमूका से सिलिंडर में प्रवेश करती है और सिलिंडर को प्रक्षालित (flushes) कर निकासमूका से निकल जाती है। आरोही पिस्टन प्रवेश और निकासमूकाओं को आच्छादित कर देता है, तथा सिलिंडर में वायु को संपीड़न कर, दबाव बढ़ाकर, लगभग 500 पाउंड प्रति वर्ग इंच कर देता है। अतितप्त वायु में अब ईधंन का अंत:क्षेप होता है। ईधंन स्वत: जल उठता और प्रसारित होता है, जिससे पिस्टन पर आघात पड़ता है और वह बलपूर्वक नीचे आ जाता है। अवरोही पिस्टन अब प्रवेश और निकासद्वारों को खोल देता है, जिससे अपमार्जक संपीड़ित वायु को प्रवेश द्वार से प्रवेश करती और जली हुई गैसों को सिलिंडर से निकासद्वार द्वारा निकाल देती है। इस प्रकार चक्र पूरा हो जाता है।


यदि दो चक्र इंजन आदर्श हो तो एक ही विस्तार और चाल के चार चक्र इंजन से दुगुनी शक्ति प्राप्त होगी, पर वास्तव में ऐसा आदर्श इंजन नहीं प्राप्त होता। सिलिंडर में ही द्वारा होने के कारण दो चक्र ईजंन के आघात (stroke) वस्तुत: कम प्रभावशाली होते हैं चार चक्र इंजन की तुलना में दो चक्र इंजन से लाभ यह है कि एक ही शक्ति उत्पादन के लिये दो चक्र इंजन हल्का होता है, इसमें पुर्जे कम होते है और बनावट अधिक सरल होती है। इसका परिणाम यह हुआ कि बड़े इंजन साधारणतया दो चक्रवाले और छोटे छोटे इंजन चार चक्रवाले बनाए जाते हैं। पर इस नियम का पालन सदा नहीं होता। सुविधानुसार उच्च कोटि के इंजन दोनों ही किस्म के बनते है।






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Comments Pnkj Lilhare on 02-12-2022

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Amit on 15-03-2021

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Bhushan on 23-08-2018

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Bhushan on 23-08-2018

Diesel Engine Kaise Kaam Karta Hai





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