Fever
= ज्वर() (Jwar)
ज्वर में दिया जाता है । पत्तियाँ इसकी रेचक हैं । पत्ती और फूल के रस की नास लेने से बिनास फूटना, सिर दर्द और ज्वर अच्छा होता है । आँखों में फूल का रस डालने से ज्योति बढ़ति है । इसके फूलों की तरकारी और अचार भी बनाता है ।
४. शिव का एक नाम [को॰] । ज्वर संज्ञा पुं [सं॰]
१. शरीर की वह गरमी या ताप जो स्वाभाविक से अधिक हो और शरीर की अवस्थता प्रकट करे । ताप । बुखार ।
ज्वर में दिया जाता है । पत्तियाँ इसकी रेचक हैं । पत्ती और फूल के रस की नास लेने से बिनास फूटना, सिर दर्द और ज्वर अच्छा होता है । आँखों में फूल का रस डालने से ज्योति बढ़ति है । इसके फूलों की तरकारी और अचार भी बनाता है ।
४. शिव का एक नाम [को॰] ।
जब शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाये तो उस दशा को ज्वर या बुख़ार (फीवर) कहते है। यह रोग नहीं बल्कि एक लक्षण (सिम्टम्) है जो बताता है कि शरीर का ताप नियंत्रित करने वाली प्रणाली ने शरीर का वांछित ताप (सेट-प्वाइंट) १-२ डिग्री सल्सियस बढा दिया है। मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान ३७°सेल्सियस या ९८.६° फैरेनहाइट होता है। जब शरीर का तापमान इस सामान्य स्तर से ऊपर हो जाता है तो यह स्थिति ज्वर या बुखार कहलाती है। ज्वर कोई रोग नहीं है। यह केवल रोग का एक लक्षण है। किसी भी प्रकार के संक्रमण की यह शरीर द्वारा दी गई प्रतिक्रिया है। बढ़ता हुआ ज्वर रोग की गंभीरता के स्तर की ओर संकेत करता है। निम्नलिखित रोग ज्वर का कारण हो सकते है-साधारण ज्वर में शरीर का तापमान ३७.५ डि.से. या १०० फैरेनहाइट से अधिकहोना, सिरदर्द, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, भूख में कमी, कब्ज होना या भूख कम होना एवं थकान होना प्रमुख लक्षण हैं। इसके उपचार हेतु सरल उपाय पालन करें: रोगी को अच्छे हवादार कमरे में रखना चाहिये। उसे बहुत सारे द्रव पदार्थ पीने को दें। स्वच्छ एवं मुलायम वस्त्र पहनाऍं, पर्याप्त विश्राम अति आवश्यक है। यदि ज्वर 39.5 डिग्री से. या 103.0 फैरेनहाइट से अधिक हो या फिर 48 घंटों से अधिक समय हो गया हो तो डॉक्टर से परामर्श लें। इसके अलावा रोगी को खूब सारा स्वच्छ एवं उबला हुआ पानी पिलाएं, शरीर को पर्याप्त कैलोरिज देने के लिये, ग्लूकोज, आरोग्यवर्धक पेय (हेल्थ ड्रिंक्स), फलों का रस आदि लेने की सलाह दी जाती है। आसानी से पचनेवाला खाना जैसे चावल की कांजी,
ज्वर meaning in english