Mandla Jile Ka Itihas
मंडला का इतिहास बहुत ही शौर्यता और वीरता पूर्ण रहा है, रानी दुर्गावती और अवन्ति बाई की वीर गाथाये सभी देश प्रेमिओ को स्मरण होंगी, जिनमे से एक ने अकबर को धूल छटा दी दी थी जबकि दूसरी रानी हमेशा अंग्रेजो पर भारी पड़ी।
1480 से पहले यह भूभाग महिस्मती के नाम से जाना जाता था, और यह गोंडवाना भूभाग का अंश था,1480 में यहाँ के शासक राजे संग्राम शाह मड़ावी बने जिनके नाम पर इस भूभाग का नाम मण्डला पड़ा और इस राज्य का बहुत विस्तार भी हुआ।
1564 में अकबर के एक कारिंदे आसफ शाह ने यहां पर हमला किया जिसका रानी दुर्गावती ने बहुत वीरता पूर्वक सामना किया और लगभग धूल ही चटा दी थी मगर मुगलो की नीचना के कारण हार गयी,1742 में मराठाओ के अधीन आ गया था मंडला।
1818 में मंडला और अन्य मराठो क्षेत्रो को लेकर एंग्लो मराठा युद्ध हुआ, मराठे बड़ी वीरता से लडे, 1857 की प्रथम स्वतंत्रता के युद्ध में भी यहाँ पर कोई हलचल नहीं हुयी और ये उस संग्राम से बिलकुल अछूता रहा, 1861 में मंडला केंद्रीय राज्य का भाग बना, 1867 में यहाँ पर नगर पालिका स्थापित हुयी और इसके बाण इस जिले की मान्यता मिली जो की आज तक है।
Mandla ka gk question
Mandla ka gk
1857 मै कोई हलचल नहीं हुई तो रानी अवन्ति बाई अंग्रेजो मे भारी कैसे पडी| वो 1857 कि क्रान्ति का हिस्सा थी| गलत जानकारी है| संशोधन करो|
mandla jila ka purana nam kya hai