लक्ष्मी पूजन कैसे करें


Rajesh Kumar at  2018-08-27  at 08:18:46
 Lakshmi Poojan Kaise Karein
Lakshmi Poojan Kaise Karein

लक्ष्मी पूजन कैसे करें
   Laxmi pooja ki vidhi, lakshmi poojan kaise karein   
दीपावली के दिन कार्तिक कृष्णपक्ष की अमावस्या को लक्ष्मीजी के पूजन का विशेष विधान है। ब्रह्म पुराण के अनुसार इस दिन अर्धरात्रि के समय महालक्ष्मीजी सद्ग्रहस्थों के मकानों में यत्र-तत्र विचरण करती हैं। इसलिए इस दिन घर-बाहर को साफ-सुथरा कर सजाया-सँवारा जाता है। दीपावली मनाने से श्री लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर स्थायी रूप से सद्गृहस्थी के घर निवास करती हैं। वास्तव में दीपावली धनतेरस, नरक चतुर्दशी तथा महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाईदूज-इन पाँच पर्वों का मिश्रण है।

दीपावली के पूजन की विधियाँ हमने इस खंड में दीं हैं। फिर भी संक्षेप में लक्ष्मी पूजन कैसे करें, यह जान लें-

प्रात: स्नानादि से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
अब निम्न संकल्प से दिनभर उपवास रहें-
मम सर्वापच्छांतिपूर्-सकलशुभफल प्राप्त्यर्थं
गजतुरगरथराज्यैश्व इंद्रकुबेरसहितश्र करिष्ये।

सायंकाल पुन: स्नान करें।
लक्ष्मीजी के स्वागत की तैयारी में घर की सफाई करके दीवार को चूने अथवा गेरू से पोतकर लक्ष्मीजी का चित्र बनाएँ। (लक्ष्मीजी का छायाचित्र भी लगाया जा सकता है ।)
भोजन में स्वादिष्ट व्यंजन, कदली फल, पापड़ तथा अनेक प्रकार की मिठाइयाँ बनाएँ।
लक्ष्मीजी के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर मौली बाँधें।
इस पर गणेशजी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें।
फिर गणेशजी को तिलक कर पूजा करें।
अब चौकी पर छ: चौमुखे व 26 छोटे दीपक रखें।
इनमें तेल-बत्ती डालकर जलाएँ।
फिर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से विधिवत पूजन करें।
पूजा पहले पुरुष तथा बाद में स्त्रियाँ करें।
पूजा के बाद एक-एक दीपक घर के कोनों में जलाकर रखें।
एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर निम्न मंत्र से लक्ष्मीजी का पूजन करें-

नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरे: प्रिया।
या गतिस्त्वत्प्रपन्न सा में भूयात्वदर्चनात॥

साथ ही निम्न मंत्र से इंद्र का ध्यान करें-
ऐरावतसमारूढो वज्रहस्तो महाबलः।
शतयज्ञाधिपो देवस्तमा इंद्राय ते नमः॥

पश्चात निम्न मंत्र से कुबेर का ध्यान करें-
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च।
भवंतु त्वत्प्रसादान्मे धनधान्यादिसम्पदः॥

इस पूजन के पश्चात तिजोरी में गणेशजी तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजा करें।
तत्पश्चात इच्छानुसार घर की बहू-बेटियों को रुपए दें।
लक्ष्मी पूजन रात के बारह बजे करने का विशेष महत्व है।
इसके लिए एक पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर एक जोड़ी लक्ष्मी तथा गणेशजी की मूर्ति रखें।
समीप ही एक सौ रुपए, सवा सेर चावल, गुड़, चार केले, मूली, हरी ग्वार की फली तथा पाँच लड्डू रखकर लक्ष्मी-गणेश का पूजन करें।
उन्हें लड्डुओं से भोग लगाएँ।
दीपकों का काजल सभी स्त्री-पुरुष आँखों में लगाएँ।
फिर रात्रि जागरण कर गोपाल सहस्रनाम पाठ करें।
इस दिन घर में बिल्ली आए तो उसे भगाएँनहीं।
बड़े-बुजुर्गों के चरणों की वंदना करें।
व्यावसायिक प्रतिष्ठान, गद्दी की भी विधिपूर्वक पूजा करें।

रात को बारह बजे दीपावली पूजन के उपरान्त चूने या गेरू में रुई भिगोकर चक्की, चूल्हा, सिल्ल, लोढ़ा तथा छाज (सूप) पर तिलक काढ़ें।
दूसरे दिन प्रातःकाल चार बजे उठकर पुराने छाज में कूड़ा रखकर उसे दूर फेंकने के लिए ले जाते समय कहें ‘लक्ष्मी-लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ ’ ।


Lakshmi Poojan Kaise Karein tabline Deepawali Ke Din Kartik KrishnaPaksh Ki Amawasya Ko LakshmiJi Ka Vishesh Vidhaan Hai Brahm Purann Anusaar Is ArdhRatri Samay Mahalaxmiji सद्ग्रहस्थों Makanon Me Yatr Tatra ViCharan Karti Hain Isliye Ghar Bahar Saaf Suthra Kar Sajaya Sanwara Jata Manane Se Shri Prasann Hokar Sthayi Roop Sadgrihasthi Niwas Wastav Dhanteras Narak Chaturdashi Tatha MahaLakshmi Govardhan Pooja Aur Bhaidooj In Panch Parvon Mishrann Vidhiyan Hamne Khand Di Fir Bhi Sankshep Yah Jaan Lein Praat Snanadi Nivritt Ho Swachh Vastra Dharann Ab Nimn SanKalp Dinbhar Upwas Rahein मम सर्वापच्छांतिपूर् सकलशुभफल प्राप्त्यर्थं गजतुरगरथराज्यैश्व इंद्रकुबेरसहितश्र करिष्ये SaayanKaal Punah Snan Swagat Taiyari Safai Karke Diwar Choone Athvaa Geru Potkar Chitra Banayein ChhayaChitra Lagaya Jaa Sakta Bhojan SwaDisht Vyanjan Kadli Fal Paapad Anek Prakar Mithaiyan Samne Ek Chauki Rakhkar Us Par Mauli Bandhein Ganeshji Mitti Murti Sthapit Tilak Chh चौमुखे Wa 26 Chhote Deepak Rakhein Inme Tel Batt

Labels: All religion