भारत का संविधान-अनुच्छेद 4 - पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के Gk ebooks


Rajesh Kumar at  2018-08-27  at 09:30 PM
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अनुच्छेद 4 - पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक, अानुषंगिक और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां। 

4. (1) अनुच्छेद 2 या अनुच्छेद 3 में निर्दिष्ट किसी विधि में पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन के लिए ऐसे उपबंध अंतर्विष्ट होंगे जो उस विधि के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए आवश्यक हों तथा ऐसे अनुपूरक, अानुषंगिक और पारिणामिक उपबंध भी (जिनके अंतर्गत ऐसी विधि से प्रभावित राज्य या राज्यों के संसद् में और विधान-मंडल या विधान-मंडलों में प्रतिनिधित्व के बारे में उपबंध है) अंतर्विष्ट हो सकेंगे जिन्हें संसद् आवश्यक समझे। 

(2) पूर्वोक्त प्रकार की कोई विधि अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिए इस संविधान का संशोधन नहीं समझी जाएगी।


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अनुच्छेद 2 - नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
अनुच्छेद 3 - नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
अनुच्छेद 4 - पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के

Anuchhed 4 - Pehli AnuSoochi Aur Chauthi Ke Sanshodhan Tatha Anupoorak Aanushangik Parinnamik Vishayon Ka Upbandh Karne Liye 2 3 Adheen Banai Gayi Vidhiyan । 1 Ya Me Nirdisht Kisi Vidhi Aise Antarvisht Honge Jo Us UpBandhon Ko Prabhavi Awashyak Ho Bhi Jinke Antargat Aisi Se Prabhavit Rajya Rajyon Sansad Vidhaan Mandal Mandalon Pratinidhitva Bare Hai Sakenge Jinhe Samjhe Purvokt Prakar Ki Koi 368 Prayojano Is Samvidhan Nahi Samj


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