भारत का संविधान-अनुच्छेद 3 - नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन Gk ebooks


Rajesh Kumar at  2018-08-27  at 09:30 PM
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नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन

3. संसद्, विधि द्वारा—
(क) किसी राज्य में से उस का राज्यक्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर अथवा किसी राज्यक्षेत्र को किसी राज्य के भाग के साथ मिलाकर नए राज्य का निर्माण कर सकेगी ;
(ख) किसी राज्य का क्षेत्र बना सकेगी 
(ग) किसी राज्य का क्षेत्र घटा सकेगी 
(घ) किसी राज्य की सीमाओं में परिवर्तन कर सकेगी 
(ड़) किसी राज्य के नाम में परिवर्तन कर सकेगी—


1[परंतु इस प्रयोजन के लिए कोई विधेयक राष्ट्रपति की सिफारिश के बिना और जहां विधेयक में अंतर्विष्ट प्रस्थापना  का प्रभाव 2  राज्यों में से किसी के क्षेत्र, सीमाआें या नाम पर पड़ता है वहां जब तक उस राज्य के विधान-मंडल द्वारा उस पर अपने विचार, ऐसी अवधि के भीतर जो निदेर्श में विनिर्दिष्ट की
जाए या ऐसी अतिरिक्त अवधि के भीतर जो राष्ट्रपति द्वारा अनुज्ञात की जाए, प्रकट किए जाने के लिए वह विधेयक राष्ट्रपति द्वारा उसे निदेर्शित नहीं कर दिया गया है और इस प्र कार विनिर्दिष्ट या अनुज्ञात अवधि समाप्त नहीं हो गई है, संसद् के किसी सदन में पुर—स्थापित नहीं किया जाएगा।]
3[स्पष्टीकरण 1—इस अनुच्छेद के खंड (क) से खंड (ड़) में, ““राज्य”” के अंतर्गत संघ राज्यक्षेत्र है, किंतु परंतुक में ““राज्य”” के अंतर्गत संघ राज्यक्षेत्र नहीं है।
स्पष्टीकरण 2—खंड (क) द्वारा संसद् को प्रदत्त शक्ति के अंतर्गत किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के किसी भाग को किसी अन्य राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के साथ मिलाकर नए राज्य या संघ राज्यक्षेत्र  का निमार्ण करना है।]

1संविधान (पांचवां संशोधन) अधिनियम 1955 की धारा 2 द्वारा परंतुक के स्थान पर प्रतिस्थापित।
2संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा ““पहली अनुसूची के भाग क या भाग ख में विनिर्दिष्ट”” शब्दों और अक्षरों  का लोप किया गया।
3संविधान (अठारहवां संशोधन) अधिनियम 1966 की धारा 2 द्वारा अंत—स्थापित।


सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
अनुच्छेद 1 संघ और उस का राज्यक्षेत्र
अनुच्छेद 2 - नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
अनुच्छेद 3 - नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
अनुच्छेद 4 - पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के

Naye Rajyon Ka Nirmann Aur Vartman Ke Area Borders Ya Namo Me Parivartan । 3 Sansad Vidhi Dwara — क Kisi Rajya Se Us rajyakshetra Alag Karke Athvaa Do Adhik Ko Bhagon Milakar Bhag Sath Kar Sakegi ; Kha Shetra Banaa Ga Ghata घ Ki D Naam


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