कृषि एवं उद्यानिकी-बुवाई का समय व तरीका

Buwai Ka Samay Wa Tarika

बुवाई का समय व तरीका
जीरे की बुवाई मध्य नवम्बर के आसपास कर देनी चाहिये। बुवाई आमतौर पर छिटकवां विधि से की जाती है। तैयार खेत में पहले क्यारियां बनाते है। उनमें बीजों को एक साथ छिटक कर क्यारियों में लोहे की दंताली इस प्रकार फीरा देनी चाहिए कि बीज के ऊपर मिट्टी की एक हल्की सी परत चढ़ जाये। कतारों में बुवाई के लिए क्यारियों में 25-30 सेन्टीमीटर की दूरी पर लोहे या लकड़ी के बने हुक से लाईने बना देते हैं। बीजों को इन्हीं लाईनों में डालकर दंताली चला दी जाती है।


सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
जलवायु
उपयुक्त किस्में- आर.जेड. – 19, आर.जेड. – 209, आर.जैड. – 223, गुजरात जीरा -4 (जी.सी-4)
भूमि तथा भूमि की तैयारी
खाद एवं उर्वरक
बीजदर व बीजोपचार
बुवाई का समय व तरीका
सिंचाई
निराई-गुड़ाई
कटाई
भण्डारण

Buwai, Ka, Samay, Wa, Tarika, Jeere, Ki, Madhy, November, Ke, AasPaas, Kar, Deni, Chahiye, Aamtaur, Par, Chhitakwan, Vidhi, Se, Jati, Hai, Taiyaar, Khet, Me, Pehle, Kyariyan, Banate, Unme, Beejon, Ko, Ek, Sath, Chhitak, Kyariyon, Lohe, Dantali, Is, Prakar, फीरा, Beej, Upar, Mitti, Halki, Si, Parat, Chadh, Jaye, Kataron, Liye, 25, 30, Centimeter, Doori, Ya, Lakadi, Bane, Hook, Lines, Banaa, Dete, Hain, Inhi, Daalkar, Chala, Dee