कामां (Kaman) = kamam
कामां या कामवन राजस्थान के भरतपुर जिले का एक उपखंड और तहसील मुख्यालय है। इसका वर्तमान नाम 'कामां' है। कामां एक बड़ा ही प्राचीन और ऐतिहासिक क़स्बा है। आसपास के क़स्बे/ शहर हैं : नगर, नंदगाँव, बरसाना, डीग, पलवल और अलवर आदि। निर्देशांक: 27°39′13″N 77°16′11″E / 27.65361°N 77.26972°E / 27.65361; 77.26972इसके ध्रुवीय निर्देशांक हैं : 27°39'13"N 77°16'11"Eकामवन ब्रज का प्रसिद्ध तीर्थ भी है। इसका पौराणिक नाम काम्यकवन, कामवन था। ब्रज की चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग में इस स्थान का अपना महत्त्व है। इंद्र स्तुति करते हैं कि 'हे श्रीकृष्ण! आपके ब्रज में अति रमणीक स्थान हैं। उन में हम सभी जाने की इच्छा करते हैं पर जा नहीं सकते। (कारण, 'अहो मधुपुरीधन्या वैकुण्ठाच्चगरीयसी। विनाकृष्णप्रसादेन क्षणमेकं न तिष्ठति॥' यानी यह मधुपुरी ब्रज धन्य और वैकुण्ठ से भी श्रेष्ठ है, क्योंकि वैकुण्ठ में तो मनुष्य अपने पुरुषार्थ से पहुँच सकता है पर यहाँ श्रीकृष्ण की आज्ञा के बिना कोई एक क्षण भी नहीं ठहर सकता)। बृज के 12 प्राचीनतम वनों में कामवन पांचवा वन है। मथुरा से 65 किमी पश्चिम दिशा में गोवर्धन और डीग होते हुए सड़क मार्ग से कामवन (कामां) पंहुचा जा सकता है। 1. विमल कुण्ड : यहां सरोवर मात्र न होकर लोक-समाज के लिए आज भी तीर्थ स्थल की तरह है। आज भी यहां यह लोक मान्यता है कि आप चाहे चारों धाम की तीर्थ-यात्रा कर आएं, यदि आप विमल कुण्ड में नहीं नहाये तो आपकी तीर्थ-भावना अपूर्ण रहेगी। 2. विमल बिहारी मंदिर3. कामेश्वर महादेव4. चरण पहाडी5. भोजन थाली6. कदम्ब खंडी7. प्राचीन महलों के भग्नावशेषकामां, जिसे पौराणिक नगरी होने का गौरव हासिल है, मध्यकाल से पूर्व की बहुत प्राचीन नगरी है। इसका ब्रज के वनों में केंद्रीय स्थान रहा है। इसे कामवन इसीलिये कहा जाता है। कोकिलावन भी इसके बहुत नज़दीक है। वहाँ नंदगांव हो कर जाते हैं। नंदगांव, कामां के पास ही सीमावर्ती कस्बा है, यद्यपि वह उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में आता है। ब्रज-संस्कृति में प्रेम तत्त्व ही प्रधान रहा है, जिसके प्रति रसखान जैसा पठान कवि इतना सम्मोहित हो गया कि उसने जन्म जन्मान्तर तक हर रूप में यहीं का होकर रहने की कामना की। शुद्धाद्वैत दर्शन के प्रणेता, पुष्टिमार्ग के प्रवर्तक तथा सूर सरीखे महान कवि के प्रेरणा स्रोत वल्लभाचार्य के पुत्र गुस
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।