गोह (Goh) = Goah
स्त्री॰गोह ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गोधा] छिपकली की जाति का एक जंगली जंतु जो आकर में नेवले से कुछ बड़ा होता है । विशेष—इसकी फुफकार में बहुत विष होता है । इसके काटने पर पहले मांस गलने लगता है और तब सारे शरीर में विष फैलने के कारण मनुष्य मर जाता है । इसका चमड़ा बहुत मोटा और मजबूत होता है जिससे प्रचीन काल में लड़ाई के समय उँगलियों की रक्षा करने के लिये दस्ताने बनते थे । कभी कभी इसके चमड़े से खँजरी भी मढ़ी जाती है । इसका मांस बहुत पुष्ट होता है और प्रचीन काल में खाया जाता था । अब भी जंगली जातियाँ गोह का मांस खाती हैं । यह दीवार में चपक जाती है और उसे बहुत कठिनता से छोड़ती है । ऐसा प्रसिद्ध है कि पहले चोर इसकी कमर में रस्सी बाँधकर इसे मकान के ऊपर फैंक देते थे और जब यह वहाँ पहुँचकर चिपक जाती थी, तो वे उस रस्सी की सहायता से ऊपर चढ़ जाते थे । गोह दो प्रकार की होती है, एक चंदन गोह जो छोटी होती है और दूसरी पटरा जो बड़ी और चिपटी होती है । गोह ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. गेह । घर ।
२. माँद । छिपने का स्थान [को॰] । गोह ^३ संज्ञा पुं॰ उदयपुर राजवंश के एक पूर्वपुरुष का नाम जो बाप्पा रावल से पहले हुआ था ।
स्त्री॰गोह ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गोधा] छिपकली की जाति का एक जंगली जंतु जो आकर में नेवले से कुछ बड़ा होता है । विशेष—इसकी फुफकार में बहुत विष होता है । इसके काटने पर पहले मांस गलने लगता है और तब सारे शरीर में विष फैलने के कारण मनुष्य मर जाता है । इसका चमड़ा बहुत मोटा और मजबूत होता है जिससे प्रचीन काल में लड़ाई के समय उँगलियों की रक्षा करने के लिये दस्ताने बनते थे । कभी कभी इसके चमड़े से खँजरी भी मढ़ी जाती है । इसका मांस बहुत पुष्ट होता है और प्रचीन काल में खाया जाता था । अब भी जंगली जातियाँ गोह का मांस खाती हैं । यह दीवार में चपक जाती है और उसे बहुत कठिनता से छोड़ती है । ऐसा प्रसिद्ध है कि पहले चोर इसकी कमर में रस्सी बाँधकर इसे मकान के ऊपर फैंक देते थे और जब यह वहाँ पहुँचकर चिपक जाती थी, तो वे उस रस्सी की सहायता से ऊपर चढ़ जाते थे । गोह दो प्रकार की होती है, एक चंदन गोह जो छोटी होती है और दूसरी पटरा जो बड़ी और चिपटी होती है । गोह ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. गेह । घर ।
२. माँद । छिपने का स्थान [को॰] ।
स्त्री॰गोह ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गोधा] छिपकली
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देवबंद आंदोलन के प्रणेता थे
A - मुहम्मद् कासिम ननौतवी B - रशीद अहमद गंगोही C - सर सैय्यद अहमद खाँ D - बख्त खाँ
गोहिल वंश का इतिहास
रभड़ा (गोहाना, सोनीपत) में किस मेले का आयोजन होता हैं ?
गोह औरंगाबाद बिहार
गोहाना क्षेत्र में किस शासक के विरूद्ध विद्रोह हुआ था ?
Goh meaning in Gujarati: ઇગુઆના
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Goh meaning in Marathi: इगुआना
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Goh meaning in Bengali: ইগুয়ানা
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Goh meaning in Telugu: ఇగువానా
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Goh meaning in Tamil: உடும்பு
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