राग (Raag) = Melody
राग संज्ञा पुं॰
1. किसी इष्ट वस्तु या सुख आदि को प्राप्त करने की इच्छा । प्रिय या आभमत वस्तु का प्राप्त करने की आभिलापा । प्रिय या सुखद वस्तु की ओर आकर्षण या प्रवृत्ति । सांसारिक सुखों की चाह । विशेष—पतंजलि ने इसे पाँच प्रकार के क्लेशों में से एक प्रकार का क्लेश माना है । उनके मत से जो व्यक्ति सुख भोगता है, उसकी प्रवृत्ति और अधिक सुख प्राप्त करने की ओर होती हे ; और इसी प्रवृति का नाम उन्होंने राग रखा हे । इसका मूल आवेद्या ओर परिणाम क्लेश है ।
2. क्लेश । कष्ट । पीड़ा । तकलीफ ।
3. मत्सर । ईर्ष्या । द्वेष ।
4. अनुराग । प्रेम । प्रीति । उ॰—सो जन जगत जहाज है, जाके राग न द्वेष । —तुलती (शब्द॰) ।
5. चंदन, कपूर, कस्तूरी आदि से बना हुआ अंग में लगाने का सुगंधित लेप । अंगराग । उ॰—कौन करै होरी कोई गोरी समुझावै कहा, नागरी को राग लाग्यो विष सो बिराग सों । कहर सी केसर कपूर लाग्यो काल सम गाज सो गुलाब लाग्यो अरगजा आग सो । —पद्माकर (शब्द॰) ।
6. एक वर्णवृत जिसके प्रत्येक चरण में 13 अक्षर (र, ज, र, ज और ग) होते हैं ।
7. रंग, विशेषतः लाल रंग । जैसे,—लाख आदि का ।
8. मन प्रसन्न करने की क्रिया । रंजन ।
9. राजा ।
10. सूर्य ।
11. चंद्रमा ।
12. पैर में लगाने का अलता ।
13. संगीत में पड़ज आदि स्वरों, उनके वर्णों और अंगों से युक्त वह ध्वनि जो किसी विशिष्ट ताल में बैठाई हुई हो ओर जो मनोरंजन के लिये गाई जाती हो । किसी खास धुन में वैठाए हुए स्वर जिनके उच्चारण से गान होता हो । विशेष—संगीत शास्त्र के भारतीय आचार्यों ने छह् राग माने है; परतु इन रागों के नामों के संबंध में बहुत मतभेद है । भरत और हनुमत के मत से ये छह राग इस प्रकार हैं—भैरव, कौशिक (मालकोस), हिंडेल, दीपक, श्री ओर मेघ । सोमेश्वर ओर ब्रह्मा के मत से इन छह रागों के नाम इस प्रकार हैं— श्री, वसंत, पंचम, भैरव, मेघ और नटनारायण । नारद- संहिता का मत है कि मालव, मल्लार, श्री, वसंत, हिंडोल और कर्णाट ये छह राग हैं । परंतु आजकाल प्रायः ब्रह्मा ओर सोमेश्वर का मत ही अधिक प्रचलित है । स्वरभेद से राग तीन प्रकार के कहे गए हैं—(1) संपूर्ण, जिसमें सातो स्वर लगते हों; (2) षाड़व, जिसमें केवल छह स्वर लगते हों और कोई एक स्वर वर्जित हो; और (3) ओड़व, जिसमे केवल पाँच स्वर लगते हों और
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
राग, लय,