treaty = संधि(noun) (Sandhi)
संधि संज्ञा
1. दो चीजों का एक में मिलाना । मेल । संयोग ।
2. वह स्थान जहाँ दो चीजें एक में मिलती हों । मिलने की जगह । जोड़ ।
3. राजाओं या राज्यों आदि में होनेवाली वह प्रतिज्ञा जिसके अनुसार युद्ध बंद किया जाता है, मित्रता या व्यापार संबंध स्थापित किया जाता है, अथवा इसी प्रकार का और कोई काम होता है । विशेष—पहले केवल दो योद्धा राज्यों में ही संधि हुआ करती थी; पर अब बिना युद्ध के ही मित्रता का बंधन दृढ़ करने, पारस्परिक व्यवसाय वाणिज्य में सहायता देने और सुगमता उत्पन्न करने अथवा किसी दूसरे राज्य में राजनीतिक अधिकारों की प्राप्ति अथवा रक्षा के लिये भी संधि हुआ करती है । आजकल साधारणतः राज प्रतिनिधि एक स्थान पर मिलकर संधि का मसौदा तैयार करते है; और तब वह मसौदा अपने अपने राज्य के प्रधान शासक अथवा राजा आदि के पास स्वीकृति के लिये भेजते है; और जब प्रधान शासक अथवा राजा उसपर स्वीकृति की छाप लगा देता है, तब वह संधि पूरी समझी जाती है और उसके अनुसार कार्य होता है । जिस पत्र पर संधि की शर्तें लिखी जाती हैं, उसे 'संधिपत्र' कहते हैं । मनु भगवान् ने संधि को राजा के छह् गुणों में से एक गुण बतलाया है, (शेष पाँच गुण ये हैं—विग्रह, यान, आसन, द्रैध और आश्रय) । हमारे यहाँ प्राचीन काल में किसी शत्रु राज्य पर आक्रमण करने के लिये भी दो राजा परस्पर मिलकर संधि किया करते थे । हितोपदेश में संधि सोलह प्रकार की कही गई है—कपाल, उपहार, संतान, संगत, उपन्यास, प्रतीकार, संयोग, पुरुषांतर, अदृष्टतर, आदिष्ट, आत्मादिष्ट, उपग्रह, परिक्रय, ततोच्छिन, परभूषण और स्कंधोपनेय । जब संधि करनेवालों में से कोई पक्ष उस संधि की शर्तों को तोड़ता या उनके विरुद्ध काम करता है, तो उसे संधि का भंग होना कहते हैं ।
4. सुलह । मित्रता । मैत्री ।
5. शरीर में कोई वह स्थान जहाँ दो या अधिक हड्डियाँ आपस मे मिलती हों । जोड़ । गाँठ । जैसे,—कुहनी, घुटना, पोर आदि । विशेष—वैद्यक के अनुसार ये संधियाँ दो प्रकार की हैं । चेष्टा- वान् और निश्चल । सुश्रुत के अनुसार सारे शरीर में सब मिलाकर 210 संधियाँ हैं ।
6. व्याकरण में वह विकार जो दो अक्षरों के पास पास आने के कारण उनके मेल से होता है ।
संधि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल'। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संध
संधि meaning in english