My Mother
= सूक्त() (Sookt)
सूक्त ^२ वि॰ उत्तम रूप से कथित । भली भाँति कहा हुआ । यौ॰—सूक्तद्रष्टा=सूक्तदर्शी । सूक्तभाक्=जिसके लिये सूक्त कहे जायँ । सूक्तवाक=(१) मंत्र का पाठ । (२) एक यज्ञ । सूक्त- वाक्य=उत्तम वाणी । सूक्ति ।
वेदों के संहिता भाग में मंत्रों का शुद्ध रूप रहता है जो देवस्तुति एवं विभिन्न यज्ञों के समय पढ़ा जाता है। अभिलाषा प्रकट करने वाले मंत्रों तथा गीतों का संग्रह होने से संहिताओं को संग्रह कहा जाता है। इन संहिताओं में अनेक देवताओं से सम्बद्ध सूक्त प्राप्त होते हैं। ऋषि - मधुच्छन्दा, निवास स्थान - पृथ्वीस्थानीय, सूक्त संख्या - 200ऋग्वेदीय देवों में अग्नि का सबसे प्रमुख स्थान हैं वैदिक आर्यों के लिए देवताओं में इन्द्र के पश्चात अग्नि देव का ही पूजनीय स्थान है। वैदिक मंत्रों के अनुसार अग्निदेव -नेतृत्व शक्ति से सम्पन्न, यज्ञ की आहुतियों को ग्रहण करने वाला तथा तेज एवं प्रकाश का अधिष्ठाता है। अग्नि को द्यावाप्रथ्वी का पुत्र बताया गया है। मातरिश्वा भृगु तथा अंगिरा इसे भूतल पर लाऐ। अग्नि पार्थिव देव है। यज्ञाग्नि के रूप में इसका मूर्तिकरण प्राप्त होता है। अतः इसे ऋत्विक होता और पुरोहित बताया गया है। यह यजमानों के द्वारा विभिन्न देवों के उद्देश्य से अपने में प्रक्षिप्त हविष् को उनके पास पहुँचाता है। यथा - अग्निमीले पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम् होतारं रत्नधातमम्॥ऋग्वेद में अग्नि को धृतपृष्ठ, शोचिषकेश, रक्तश्मश्रु,रक्तदन्त, गृहपति, देवदूत, हव्यवाहन, समिधान, जातवेदा, विश्वपति, दमूनस, यविष्ठय, मेध्य आदि नामों से सम्बोधि्ात किया गया है। ‘मुखादिन्द्रश्चाग्निश्च प्राणाद् वायुरजायत’ पुरुष सूक्त के अनुसार अग्नि और इन्द्र जुडवां भाई हैं इसका रथ सोने के समान चमकता है और दो मनोजवा एवं मनोज्ञ वायुप्रेरित लाल घोड़ो द्वारा खींचा जाता है। अगि् न का प्रांचीनतम प्रयोजन दुष्टात्माओं और आक्रामक,अभिचारों को समाप्त करना है। अपने प्रकाश से राक्षसों को भगाने के कारण ये रक्षोंहन् कहे गए हैं। देवों की प्रतिष्ठा करने के लिए अग्नि का आह्वान किया जाता है- जैसेसूक्त संख्या - 11, ऋषि - गृत्समद एवं हिरण्यस्तूप, निवास - द्युस्थानीयपवित्र गायत्री मंत्र का सम्बन्ध सवितृ से ही माना जाता हैं सविता शब्द की निष्पत्ति सु धातु से हुई है जिसका अर्थ है - उत्पन्न करना, गति देना तथा प्रेरणा देना। सवितृ
सूक्त meaning in english
संस्कृत सूक्ति हिंदी अर्थ
विश्वामित्र नदी संवाद सूक्त
ऋग्वैदिक काल के उस सबसे प्रधान देवता की पहचान , करें जिसकी स्तुति 250 सूक्तों की रचना की गयी थी -
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meaning in Gujarati: એફોરિઝમ
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meaning in Marathi: सूत्र
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meaning in Bengali: এফোরিজম
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meaning in Telugu: అపోరిజం
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meaning in Tamil: பழமொழி
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