Mukchund
= मुचकुन्द() (Muchkund)
मुचकुंद संज्ञा पुं॰ [सं॰ मृचकुन्द, मुचुकुन्द]
१. एक बड़ा पेड़ जिसके फूल और छाल दवा के काम आते हैं । हरिवल्लभ । दीर्घपुष्प । विशेष—इसके पत्तो फालसे के पत्तों के आकार के और बड़े बड़े होते हैं । पत्तों में महीन महीन रोई होती हैं जिससे वे छूने में खुरदरे लगते हैं । फूल में पाँच छह अंगुल लंबे और एक अंगुल के लगभग चौड़े सफेद दल होते हैं । दलों मध्य से सूत के समान कई केसर निकले होते हैं । दलों के नीचे का कोश भई बहुत लंबा होता है । फूल को सुगंध बहुत ही मीठी और मनोहर होती है । ये फूल सिर के दर्द में बहुत लाभकारी होती हैं । इसके फल कटहल के प्रारंभिक फलों के समान लंबे लंबे और पत्थर की तरह कड़े होते हैं । इसके फूल और छाल औषध के काम में आती है । वैद्यक में यह चरपरा, गरम, कड़ुवा, स्वर को मधुर करनेवाला तथा कफ, खाँसी, त्वचा के विकार, सूजन, सिर का दर्द, त्रदोष, रत्कपित्त और रुधिर- विकार को दूर करनेवाला माना गया है । पर्या॰—छत्रवृक्ष । चित्र । प्रतिविष्णुक । दीर्घपुप्प । बहुपत्र । सुदल । सुपुप्प । हरिवल्लभ । रत्कप्रसव ।
२. मांवाता नरेश का एक पुत्र । दे॰ 'मुचुकुंद' । यौ॰—मुचकुंद प्रसादक = श्रीकृष्ण ।
मुचकुन्द meaning in english