Raajput = राजपूत(noun) (Rajput)
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राजपूत संज्ञा पुं॰ [सं॰ राजपुत्र]
1. दे॰ ' राजपुत्र' ।
2. राजपूताने में रहनेवाले क्षत्रियों के कुछ विशिष्ट वंश जो सब मिलाकर एक बड़ी जाति के रूप में माने जाते हैं । विशेष— 'राजपूत' शब्द वास्तव में 'राजपुत्र' शब्द का अपभ्रंश है और इस देश में मुसलमानों के आने के पश्चात प्रचलित हुआ है । प्राचीन काल में राजकुमार अथवा राजवंश के लोग 'राजपुत्र' कहलाते थे, इसीलिये क्षत्रिय वर्ग के सब लोंगों को मुसलमान लोग राजपूत कहने लगे थे । अब यह शब्द राजपूताने में रहनेवाले क्षत्रियों की एक जाति का ही सूचक हो गया है । पहले कुछ पाश्चात्य विद्वान् कहा करते थे कि 'राजपूत' लोग शक आदि विदेशी जातियों की संतान हैं और वे क्षत्रिय तथा आर्य नहीं हैं । परंतु अब यह बात प्रमाणित हो गई है कि राजपूत लोग क्षत्रिय तथा आर्य हैं । यह ठीक है कि कुछ जंगली जातियों के समान हूण आदि कुछ विदेशी जातियाँ भी राजपूतों में मिल गई हैं । रही शकों की वाता, सो वे भी आर्य ही थे, यद्यपि भारत के बाहर बसते थे । उनका मेल ईरानी आर्यों के साथ आधिक था । चौहान, सोलंकी, प्रतिहार, परमार, सिसोदिया आदि राजपूतों के प्रसिद्ध कुल हैं । ये लोग प्राचीन काल से बहुत ही वीर, योद्धा, देशभक्त तथा स्वामिभक्त होते आए हैं ।
राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल माना जाता है। जो कि राजपुत्र का अपभ्रंश है। राजस्थान को ब्रिटिशकाल मे राजपूताना कहा गया हे जो पहले गुर्जर देश था पुराने समय में आर्य जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी। राजपूत काल में प्राचीन वर्ण व्यवस्था समाप्त हो गयी थी तथा वर्ण के स्थान पर कई जातियाँ व उप जातियाँ बन गईं थीं। उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत सूर्यवंश और चंद्रवंश के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ। राजपूतों में मेवाड़ के महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान का नाम सबसे ऊंचा है। हर्षवर्धन के उपरान्त भारत मे कोई भी ऐसा शक्तिशाली राजा नहीं हुआ जिसने भारत के बृहद भाग पर एकछत्र राज्य किया हो। इस युग मे भारत अनेक छोटे बड़े राज्यों में विभाजित हो गया जो आपस मे लड़ते रहते थे। इनके राजा राजपूत कहलाते थे तथा सातवीं से बारहवीं शताब्दी के इस युग को राजपूत युग कहा गया है। राजपूतों की उत्पत्ति के संबंध मे इतिहास में दो मत प्रचलित हैं। कर्नल टोड व स्मिथ आदि के अनुसार राजपूत वह विदेशी जातियाँ है जिन्होंने भारत
राजपूत meaning in english