Kathasaritsagar = कथासरित्सागर() (Kathasaritsagar)
कथासरित्सागर, संस्कृत कथा साहित्य का शिरोमणि ग्रंथ है। इसकी रचना कश्मीर में पंडित सोमदेव (भट्ट) ने त्रिगर्त अथवा कुल्लू कांगड़ा के राजा की पुत्री, कश्मीर के राजा अनंत की रानी सूर्यमती के मनोविनोदार्थ 1063 ई और 1082 ई. के मध्य संस्कृत में की। सोमदेव रचित कथासरित्सागर गुणाढ्य की बृहत्कथा का सबसे बेहतर, बड़ा और सरस रूपांतरण है। वास्तविक अर्थों में इसे भारतीय कथा परंपरा का महाकोश और भारतीय कहानी एवं जातीय विरासत का सबसे अच्छा प्रतिनिधि माना जा सकता है। मिथक, इतिहास यथार्थ, फैंटेसी, सचाई, इन्द्रजाल आदि का अनूठा संगम इन कथाओं में है। ईसा लेकर मध्यकाल तक की भारतीय परंपराओं और सांस्कृतिक धाराओं के इस दस्तावेज में तांत्रिक अनुष्ठानों, प्राकेतर घटनाओं तथा गंधर्व, किन्नर, विद्याधर आदि दिव्य योनि के प्राणियों के बारे में ढेरों कथाएं हैं। साथ ही मनोविज्ञान सत्य, हमारी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों तथा धार्मिक आस्थाओं की छवि और विक्रमादित्य, बैताल पचीसी, सिंहासन बत्तीसी, किस्सा तोता मैना आदि कई कथाचक्रों का समावेश भी इसमें हैं। कथासरित्सागर में 21,388 पद्म हैं और इसे 124 तरंगों में बाँटा गया है। इसका एक दूसरा संस्करण भी प्राप्त है जिसमें 18 लंबक हैं। लंबक का मूल संस्कृत रूप 'लंभक' था। विवाह द्वारा स्त्री की प्राप्ति "लंभ" कहलाती थी और उसी की कथा के लिए लंभक शब्द प्रयुक्त होता था। इसीलिए रत्नप्रभा लंबक, मदनमंचुका लंबक, सूर्यप्रभा लंबक आदि अलग-अलग कथाओं के आधार पर विभिन्न शीर्षक दिए गए होंगे। कथासरित्सागर गुणाढ्यकृत बड्डकहा (बृहत्कथा) पर आधृत है जो पैशाची भाषा में थी। सोमदेव ने स्वयं कथासरित्सागर के आरंभ में कहा है : मैं बृहत्कथा के सार का संग्रह कर रहा हूँ। बड्डाकहा की रचना गुणाढय ने सातवाहन राजाओं के शासनकाल में की थी जिनका समय ईसा की प्रथम द्वितीय शती के लगभग माना जाता है। आंध्र-सातवाहनयुग में भारतीय व्यापार उन्नति के चरम शिखर पर था। स्थल तथा जल मार्गो पर अनेक सार्थवाह नौकाएँ और पोतसमूह दिन-रात चलते थे। अत: व्यापारियों और उनके सहकर्मियों के मनोरंजनार्थ, देश-देशांतर-भ्रमण में प्राप्त अनुभवों के आधार पर अनेक कथाओं की रचना स्वाभाविक थी। गुणाढय ने सार्थो, नाविकों और सांयात्रिक व्यापारियों में प्रचलित विविध कथाओं को अपनी विलक्षण प्रतिभा से गुंफित कर, बड्डकहा के रूप में
कथासरित्सागर meaning in english
Kathasaritsagar meaning in Gujarati: કથાસરિતસાગર
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Kathasaritsagar meaning in Marathi: कथासरितसागर
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Kathasaritsagar meaning in Bengali: কথাসরিতসাগর
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Kathasaritsagar meaning in Telugu: కథాసరిత్సాగర్
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Kathasaritsagar meaning in Tamil: கதாசரித்சாகர்
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