Muscle
= मांसपेशी() (MaansPeshi)
मांसपेशी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. शरीर के अंदर होनेवाला । मांसपिंड । विशेष दे॰ 'मांस' । उ॰—मांसपेशी अर्थात् मांस- बोटी जो है सो बल करती है । —शार्ङ्गधर॰, पृ॰ ५१ ।
२. भावप्रकाश के अनुसार गर्भ की वह अवस्था जो गर्भधारण के सात दिनों के बाद होती है और प्रायः एक सप्ताह तक रहती हैं ।
पेशी (Muscle) प्राणियों का आकुंचित होने वाला (contractile) ऊतक है। इनमें आंकुंचित होने वाले सूत्र होते हैं जो कोशिका का आकार बदल देते हैं। पेशी कोशिकाओं द्वारा निर्मित उस ऊतक को पेशी ऊतक कहा जाता है जो समस्त अंगों में गति उत्पन्न करता है। इस ऊतक का निर्माण करने वाली कोशिकाएं विशेष प्रकार की आकृति और रचना वाली होती हैं। इनमें कुंचन करने की क्षमता होती है। पेशिया रेखित, अरेखित एवं हृदय तीन प्रकार की होती हैं। मनुष्य के शरीर में 40 प्रतिशत भाग पेशियों का होता है। शरीर में तीन प्रकार की पेशियाँ पाई जाती है :रेखांकित पेशियाँ ऐच्छिक होती हैं (अर्थात् इच्छा होने से संकुचित होनेवाली) और अस्थियों पर लगी रहती हैं। शरीर की गति : चलना फिरना, दौड़ना, पकड़ना, खड़े होना - इन्हीं पेशियों के आकुंचन और प्रसार का फल है। अरेखांकित पेशियाँ हमारी इच्छा के अधीन नहीं है। वे स्वत: ही आकुचित और प्रसरित होती है। सारी पाचनप्रणाली, ग्रसनिका से लेकर गुदा तक, में इन पेशियों का प्रधान भाग रहता है। आंवगति इन्हीं की क्रिया का फल होती है। प्रत्येक नलिका रक्तवाहिनियों तथा आशयों की भित्तियाँ प्रधानत: इन्हीं पेशियों की बनी होती है। हृद् पेशियों की रचना यद्यपि ऐच्छिक पेशी के समान होती है, तथापि वे इच्छा के अधीन नहीं होतीं, स्वत: ही संकोच और प्रसार करती रहती है। वास्तव में यह सिद्ध हो चुका है कि हृदय की पेशी में स्वत: आकुंचन करने की शक्ति होती है, जो नाड़ी नियत्रण से बिलकुल स्वतंत्र है। प्रत्येक पेशी सूत्रों का समूह होती है। ये सूत्र पेशी को लंबाई की ओर चीरने से एक दूसरे से पृथक किए जा सकते हैं। ये सूत्र भी सूत्राणुओं (fibrils) के बने होते हैं। प्रत्येक सूत्र पर एक आवरण रहता है, जिसके भीतर कई केंद्रक होते हैं। प्रत्येक सूत्र पर एक आवरण रहता है, जिसके भीतर कई केंद्रक होते हैं और कोशिकासार भरा रहता है, जिसके भीतर कई केंद्रक होते हैं और कोशिकासार भरा रहता है। कंकन की दीर्घ पेशियों में 5 इंच तक लंबे और 0.0
मांसपेशी meaning in english