Keane
= कीन() (Keen)
कीन ^१ संज्ञा पुं॰ [फा़॰]
१. घृणा ।
२. शत्रुता
३. मनोमालिन्य ।
४. प्रतिशोध । उ॰—हर चार तरफ कारे हसद बुगजो कीन का, देखो जिधर को जा के तमाशा है तीन का । —कबीर म॰, पृ॰ २२३ । कीन ^२पु वि॰ [फा॰ कीनवर] शत्रुता या वैमनस्य रखनेवाला । द्वेषी । उ॰—जो कोइ कीन जानिहै मोहीं, तेहिका दूरि बहावौं । —जग॰ बानी॰, पृ॰ ११ । कीन ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰] मांस [को॰] । कीन ^४पु † वि॰ [हिं॰ करना क्रिया का भूत कृदंत रूप] किया । किया हुआ ।
कीन ^१ संज्ञा पुं॰ [फा़॰]
१. घृणा ।
२. शत्रुता
३. मनोमालिन्य ।
४. प्रतिशोध । उ॰—हर चार तरफ कारे हसद बुगजो कीन का, देखो जिधर को जा के तमाशा है तीन का । —कबीर म॰, पृ॰ २२३ । कीन ^२पु वि॰ [फा॰ कीनवर] शत्रुता या वैमनस्य रखनेवाला । द्वेषी । उ॰—जो कोइ कीन जानिहै मोहीं, तेहिका दूरि बहावौं । —जग॰ बानी॰, पृ॰ ११ । कीन ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰] मांस [को॰] ।
कीन ^१ संज्ञा पुं॰ [फा़॰]
१. घृणा ।
२. शत्रुता
३. मनोमालिन्य ।
४. प्रतिशोध । उ॰—हर चार तरफ कारे हसद बुगजो कीन का, देखो जिधर को जा के तमाशा है तीन का । —कबीर म॰, पृ॰ २२३ । कीन ^२पु वि॰ [फा॰ कीनवर] शत्रुता या वैमनस्य रखनेवाला । द्वेषी । उ॰—जो कोइ कीन जानिहै मोहीं, तेहिका दूरि बहावौं । —जग॰ बानी॰, पृ॰ ११ ।
कीन ^१ संज्ञा पुं॰ [फा़॰]
१. घृणा ।
२. शत्रुता
३. मनोमालिन्य ।
४. प्रतिशोध । उ॰—हर चार तरफ कारे हसद बुगजो कीन का, देखो जिधर को जा के तमाशा है तीन का । —कबीर म॰, पृ॰ २२३ ।
कीन meaning in english
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