Ujjaini
= उज्जैनी() (Ujjaini)
वर्तमान उज्जैन नगर, जो कि भारत के मध्य प्रदेश में स्थित है, उसे प्राचीन काल में उज्जयिओनी कहा जाता था। इसी से वर्तमान नाम उज्जैन पड़ा है। यह सात मोक्षदायिनी नगरियों, सप्तपुरियों में आता है। संसार में संभवत: कोई भी तीर्थ स्थान ऐसा नहीं होगा जिसे तीथों का तीर्थ कहा जा सके। एक तीर्थ के रूप में अनेक नगरियों की अपनी-अपनी मान्यताएँ हैं, विश्वास है। परंतु उज्जैन सही मायने में तीर्थों का तीर्थ है। महाकालेश्वर की प्राणप्रतिष्ठा यहाँ हुईं हैं। ऐसी भी मान्यता है कि महाप्रलय के बाद मानव सृष्टि का आरंभ इसी पावन भू-भाग से हुआ है। महाकाल तीर्थ क्षेत्र की महानता केदार तीर्थ और बनारस (काशी) से भी अधिक मानी गयी है। सर्वाधिक पुण्यमय भूमि, अद्भुत पापनाशी, अलौकिक शांति और मनोवांछित फल देने में इस क्षेत्र का पृथ्वी पर कोई सानी नहीं है। महाकालेश्वर और वीर विक्रमादित्य की प्रसिध्द नगरी उज्जैन भारत की अत्यंत प्राचीन नगरी है। भारतीय पुरातन साहित्य में अनेक स्थानों पर इसकी महिमा और वैभव के वर्णन है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टियों से उज्जैन (अवंतिका) का महत्व उल्लेखनीय है। आज जो नगर उज्जैन नाम से जाना जाता है वह अतीत में अवंतिका, विशाला, प्रतिकल्पा, कुमुदवती, स्वर्णशृंगा, अमरावती आदि अनेक नामों से अभिहित रहा। मानव सभ्यता के प्रारंभ से यह भारत के एक महान तीर्थ-स्थल के रूप में विकसित हुआ। पुण्य सलिला क्षिप्रा के दाहिने तट पर बसे इस नगर को भारत की मोक्षदायक सप्तपुरियों में एक माना गया है। कहा जाता है कि उज्जयिनी का प्रत्येक कंकर शंकर का ही स्वरूप है। भारत के सर्वज्ञात द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक महालोकेश भगवान महाकालेश्वर तो यहाँ अनंत काल से विराजित है ही। स्कन्द पुराण के अवन्तिखंड में वर्णित चौरासी महादेव का अपना अलग ही माहत्म्य है। महाकाल की इस नगरी का महत्व इसलिये भी है कि यहां पर पांच वस्तु-श्मशान, उखर, क्षेत्र हरसिध्द पीठ तथा वन एक ही स्थान पर हैं, जो अन्यत्र दुर्लभ है। नालन्दा और काशी के पूर्व उज्जयिनी ने शैक्षणिक महत्ता प्राप्त कर ली थी। इसी कारण बलराम-कृष्ण को अपने मित्र सुदामा के साथ उज्जयिनी के सान्दीपनि आश्रम में विद्याध्ययन के लिये आना पत्रडा। उज्जयिनी स्थित सुप्रसिध्द पुरातन शिक्षा केंद्र में चारों वेदों, वेदांगों, उपनिषदों आदि का सांगोपांग अध्यापन होता था
उज्जैनी meaning in english