Mire
= चिचड़ा() (Chichda)
चिचड़ा संज्ञा पुं॰ [देश॰]
१. डेढ़ दो हाथ ऊँचा एक पौधा । अपामार्ग । विशेष—इसमें थोड़ी थोड़ी दूर पर गाँठें होती हैं । गाठों के दोनों ओर पतली टहनियाँ या पत्तियाँ लगी होती हैं । पत्तियाँ दो तीन अंगुली लंबी, नसदार और गोल होती हैं । फूल और बीज लंबी लंबी सींकों में गुछे होते हैं । बीज जीर के आकार के होते हैं और कुछ नुकीले तथा रोएँदार होने के कारण कपड़ों से कभी कभी लिपट जाते हैं । इस पौधे की जड़ मूसला होती है । इसकी जड़, पत्ती आदि सब दवा के काम में आती है । ऋषिपंचमी का व्रत रहनेवाले इसकी दतुवन करते हैं । कर्मकांडी इसे बहुत पवित्र मानते हैं । श्रावणी उपाकर्म के गणस्नान के अनंतर इससे मार्जन करने का विधान है । यह पौधा बरसात में अन्य घासों के साथ उगता है और बहुत दिनों तक रहता है । पर्या॰—अपमार्ग । ओंगा । अंझाझार । लटजीरा ।
२. किलनी या किल्ली नाम का कीड़ा जो पशुओं के शरीर में चिमटकर उनका रक्त पीता है ।
चिचड़ा meaning in english