Digboi
= डिगबोई() (Digboi)
डिगबोई भारत के असम राज्य के तिनसुकिया जिले के उत्तर पूर्वी हिस्से में स्थित एक छोटा सा नगर है। 19वीं सदी के अंतिम वर्षों में यहाँ कच्चे तेल की खोज की गयी थी। डिगबोई असम के तेल नगरी के रूप में जाना जाता है। डिगबोई में एशिया में पहली बार तेल कुएँ का खनन हुआ था। 1901 में यहाँ एशिया की पहली रिफाइनरी को शुरू किया गया था। डिगबोई में अभी तक उत्पादन करने वाली कुछ सबसे पुराने तेल कुएँ हैं। भारत की स्वतंत्रता के दशकों बाद तक असम तेल कंपनी के लिए काम कर रहे ब्रिटिश पेशेवरों की एक महत्वपूर्ण संख्या थी। इसीलिए ब्रिटिश लोगों ने डिगबोई को अच्छी तरह से विकसित किया था तथा बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण किया था। यहाँ मौजूद कुछ बंगले अभी तक ब्रिटिश काल की याद दिलाते हैं। यहाँ डिगबोई क्लब के भाग के रूप में अठारह होल्स का एक गोल्फ कोर्स है। १९वीं सदी के शुरुआती वर्षों में ब्रिटिश सरकार के लोगों ने तिनसुकिया के पूर्वी इलाकों में कोयले और काष्ठ उद्योग के लिए प्रवेश किया। तब यह इलाका घने जंगलों से भरा हुआ था। १८८२ में इंग्लैंड में पंजीकृत कंपनी असम रेलवे एंड ट्रेडिंग कंपनी (ए आर एंड टीसी) के इंजीनियर, डब्ल्यू. एल. लेक और कई मजदूर लेडो तक डिब्रू-सदिया रेलवे लाइन का विस्तार करने में व्यस्त थे। काम में अनेक हाथियों को भी इस्तेमाल किया जा रहा था। घने जंगल के बाहर निकलते हुए एक हाथी के तेल से सने पैरों को देखकर डब्ल्यू. एल. लेक जो कि कनाडा के थे, चिल्लाये “डिग बॉय ..डिग”.. संभवतः इसी तरह डिगबोई का नामकरण हुआ होगा. डिगबोई के नामकरण की शायद यह सबसे मजेदार कहानी है। परन्तु इसके कोई ठोस तथ्य नहीं है। अन्य कहानियों के अनुसार दिहिंग नदी की उपनदी डिगबोई नाला से डिगबोई का नाम पड़ा. हाथी के पैरों पर लगे तेल से कच्चे तेल के पता लगने की कहानी पर कुछ लोग यकीन नहीं करते. कुछ पुराने तथ्यों से पता चलता है की बरबिल अंचल से जमीन से तेल रिसने की घटना को कई ब्रिटिश अफसरों और इंजिनिरिओं ने प्रत्यक्ष किया था। ब्रिटिश सैन्य अधिकारी जो १८२५ में इन जंगलों में आये थे, उनकी डायरियों और चिठ्ठियों से पता चलता है की इन इलाकों में कच्चे तेल की मौजूदगी के बारे में उन्हें मालूम था। लेफ्टिनेंट आर. विलकॉक्स, मेजर ए. व्हाइट, कैप्टन फ्रांसिस जेनकींस, कैप्टन पी.एस. हीने आदि वे सब अफसर थे जिन्होंने अलग अलग समय में
डिगबोई meaning in english