Kolar
= कोलार() (Kolar)
निर्देशांक: 13°08′N 78°08′E / 13.13°N 78.13°E / 13.13; 78.13 कोलार (कन्नड़: ಕೋಲಾರ)कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। यह कर्नाटक के कोलार जिला में आता है। कोलार भारत के पुराने स्थलों में से है। इस जगह के निर्माण में चोल और पल्लव का योगदान रहा है। मध्यकाल में यह विजयनगर के शासकों के अधीन रहा। कोलार में कई पर्यटन स्थल है जहां आप जा सकते हैं। हैदर अली के पिता का मकबरा कोलार की पुरानी इमारतों में से है। कोलार की स्थिति 13°08′N 78°08′E / 13.13°N 78.13°E / 13.13; 78.13 पर है। यहां की औसत ऊंचाई है 822-मीटर (2,700 फुट)। coor title dm|30|31|N|77|25|E|region:IN_type:cityकोलार के इतिहास का सम्बन्ध कई प्रमुख दन्तकथाओं से है। इसका सम्बन्ध मुलबगल तालुक के अवनी से है। इसे अवनी क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऋषि वाल्मीकि (रामायण महाकाव्य के रचनाकार) यहां पर ठहरें थे। इसके अलावा श्रीराम लंका से अयोध्या वापस आ रहे थे तो वह भी कुछ समय के लिए यहां पर रूके थे। राम द्वारा सीता को ठुकराए जाने पर सीता जी अपने दोनों पुत्रों लव व कुश के साथ अवनी में ही शरण लिया था। एल आकार में बने इस मंदिर में दो प्रमुख मंदिर दुर्गा (कोलारम्मा) और सप्तमात्रा स्थित है। सप्तमात्रा काफी बड़ा मंदिर है। यह मंदिर द्रविडियन शैली में बना हुआ है। विमान इस शैली की प्रमुख विशेषता होती है। इस मंदिर का निर्माण ग्याहरवीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर के भीतर महाद्वार बना हुआ है। यह काफी प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मुलाबगल, होयसल वंश की राजधानी से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में कुरूदमेल गणेश की 13.5 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर विजयनगर शैली का अनूठा उदाहरण है। यह मंदिर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। कम्मासन्द्रा गांव कोलार से 6 किलोमी. की दूरी पर स्थित है। यहां 80 लाख से भी अधिक लिंग स्थापित है। 108 फीट से अधिक ऊंचा लिंग यहां का प्रमुख आकर्षण है। पर्यटकों के लिए यहां रहने व मुफ्त खाने की सुविधा उपलब्ध है। यह सोने की खान कोलार से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा यहां कुछ समय पहले ही बी.ई.एम.एल की स्थापना की गई है। कोलर बेत्ता या कोलर पर्वत सतश्रीगा पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान प्रसिद्ध पर्यटन स्
कोलार meaning in english