Ishwar Singh
= ईश्वरीसिंह() (IshwariSingh)
Category: person
महाराजा ईश्वरीसिंह जयपुर के इतिहास में सबसे कम अवधि के शासन (1743-'50) के वावजूद, कई युद्धों का सामना करने वाले, संगीत, साहित्य, संस्कृत, ललित कला और तंत्र शास्त्र के गहरे अनुरागी राजा थे| वह जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह के सब से बड़े पुत्र, तथा राजा मानसिंह (प्रथम) के पौत्र थे। "इनका जन्म फाल्गुन सुदी अष्टमी विक्रम संवत 1778 को जयपुर में हुआ था। (नीचे सन्दर्भ देखें-'जयपुर-दर्शन')इनकी असामयिक मृत्यु मात्र ३० साल की उम्र में दिनांक 12.12.1750 को हुई|सर यदुनाथ सरकार के 'जयपुर के इतिहास' के अध्याय "ईश्वरी सिंह" में ऐसा वर्णित है कि 1743 में महाराजा सवाई जयसिंह की मृत्यु के बाद, उनके ज्येष्ठ पुत्र ईश्वरीसिंह ने शासन संभाला, जिसे दिल्ली के बादशाह मुहम्मद शाह ने भी अपनी मान्यता दे दी। वह स्थानीय सरदारों की सहमति से (आषोज सुदी पूर्णिमा विक्रम संवत 1800 दिनांक 23.9.1743 को गद्दी पर बैठे थे, लेकिन उनका सौतेला भाई माधो सिंह जयपुर का शासन चाहता था, क्योंकि उसके भी पिता सवाई जयसिंह ने सन १७०८ में मेवाड़ की राजकुमारी से अपने एक विवाह के वक़्त वहां के महाराणा को यह वचन दे दिया था कि उनके बाद (ईश्वरी नहीं) मेवाड़ की रानी से जन्मा बेटा ही जयपुर के राज-आसन पर बैठेगा|| मेवाड़ की रानी से जन्मा बेटा माधोसिंह था। पर जब ईश्वर सिंह ने उसके मंसूबे पूरे होने से पहले ही जयपुर का शासक बनने की घोषणा कर डाली तो नाराज़ माधोसिंह ने अपने मामा, उदयपुर के महाराणा और कोटा व बूंदी नरेशों के साथ मिल कर 1744 में जयपुर पर हमला कर दिया। लेकिन ईश्वरी सिंह के प्रधानमंत्री राजामल खत्री और धूला ठिकाने के राव....... ने इस संयुक्त आक्रमण का करारा जवाब देते हुए राजमहल (टोंक) के पास, जहाँ आज बीसलपुर बाँध बनाया गया है, हमला विफल कर दिया। "भरतपुर के महाराजा सूरजमल जयसिंह के वारिस के तौर पर बड़े बेटे, ईश्वरी सिंह के पक्ष में थे, जबकि उदयपुर के महाराणा जगतसिंह माधो सिंह (प्रथम) के पक्ष में। " एक बार फिर भीलवाड़ा के कस्बे जहाजपुर के पास दोनों भाइयों में युद्ध हुआ और मार्च 1747 में ईश्वरी सिंह की ही जीत हुई। इसके एक साल बाद मई 1748 में माधोसिंह के समर्थक पेशवाओं ने ईश्वरीसिंह पर दबाव डाला कि वह माधोसिंह को चार/पांच (?) परगने सौंप दे। इनकार किये जाने पर सन 1748 में माधोसिंह ने उदयपुर के महाराणा, मल्हारराव होलकर
ईश्वरीसिंह meaning in english
Ishwar Singh
meaning in Gujarati: ઈશ્વરી સિંહ
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Ishwar Singh
meaning in Marathi: ईश्वरी सिंग
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Ishwar Singh
meaning in Bengali: ঈশ্বরী সিং
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Ishwar Singh
meaning in Telugu: ఈశ్వరి సింగ్
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Ishwar Singh
meaning in Tamil: ஈஸ்வரி சிங்
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