swimming = तैरना(noun) (Tairna)
तैरना क्रि॰ अ॰ [सं॰ तरण]
1. पानी के ऊपर ठहरना । उतराना । जैसे, लकडी़ या काग आदि का पानी पर तैरना ।
2. किसी जीव का अपने अंग संचालित करके पानी पर चलना । हाथ पैर या और कोई अंग हिलाकर पानी पर चलना । पैरना । तरना । विशेष—मछलियाँ आदि जलजंतु तो सदा जल में रहते और विचरते ही हैं; पर इनके अतिरिक्त मनुष्य को छोड़कर बाकी अधिकाँश जीव जल में स्वभावतः बिना किसी दूसरे की सहा— यता या शिक्षा के आपसे आप तैर सकते हैं । तैरना कई तरह से होता है और उसमें कैवल हाथ, पैर, शरीर का कोई अं ग अथवा शरीर के सब अंगो को हिलाना पड़ता है । मनुष्य को तैरनै सीखना पड़ता है और तैरने में उसे हाथों और पैरों अथवा केवल पैरों को गति देनी पड़ती है । मनुष्य का साधारण तैरना प्रायः मेंढक के तैरने की तरह का होता है । बहुत से लोग पानी पर चुपचाप चित भी पड़ जीते हैं और बराबर तैरते रहते हैं । कुछ लोग तरह तरह के दूसरे आसनों से भी तैरते हैं । साधारण चौपायों को तैरने में अपने पैरों को प्रायः वैसी ही गति देनी पड़ती है जैसी स्थल पर चलने में, जैसे, घोडा़, गाय, हाथी, कुत्ता आदि । कुछ चौपाए ऐसे भी होते हैं जिन्हें तैरने में अपनी पूँछ भी हिलानी पड़ती है, जैसे,ऊद— बिलाव, गंधबिलाव आदि । कुछ जानवर केवल अपनी पूँछ और शरीर के पिछले भाग को हिलाकर ही बिलकुल मछलियों की तरह तैरते हैं, जैसे, ह्नेल । ऐसे जानवर पानी के ऊपर भी तैरते हैं और अंदर भी । जिन पक्षियों के पैरों में जालियाँ होती है, वे जल में अपने पैरों की सहायता से चलने की भाँति ही तैरते हैं, जैसे, बत्तक, राजहंस आदि । पर दूसरे पक्षी तैरने के लिये जल में उसी प्रकार अपने पर फटफटाते हैं जिस प्रकार उड़ने के लिये हवा में । साँप, अजगर आदि रेंगनेवीले जान— वर जल में अपने शरीर को उसी प्रकार हिलाते हुए तैरते हैं जिस प्रकार वे स्थल में चलते हैं । कछुए आदि अपने चारों पैरों का सहायता से तैरते हैं । बहुत से छोटे छोटे कीडे़ पानी की सतह पर दौड़ते अथव चित पड़कर तैरते हैं ।
तरण या तैराकी एक जलक्रीड़ा है। इसके अन्तर्गत अपने हाथ-पैर की सहायता से जल में गति करना होता है जो किसी कृत्रिम साधन के बिना किया जाता है। तैराकी मनोरंजन भी है और स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकर भी। आप अपने अवयवों को पानी में ढीला छोड़ दीजिए और आकाश की ओर देखते हुए पानी में लेट जाइए, आपको यह देखकर आश्
तैरना meaning in english