aircraft
= वायुयान() (Vayuyan)
वायुयान संज्ञा पुं॰ [सं॰] हवाई जहाज । वायु में उड़नेवाला यान । विमान । उ॰—रेडियो, तार, औ फोन वाष्प, जल, वायुयान । मिट गया दिशावधि का जिनसे व्यवधान यान । —प्राम्या, पृ॰ ८८ ।
वायुयान ऐसे यान को कहते है जो धरती के वातावरण या किसी अन्य वातावरण में उड सकता है। किन्तु राकेट, वायुयान नहीं है क्योंकि उडने के लिये इसके चारो तरफ हवा का होना आवश्यक नहीं है। आधुनिक वायुयान को सबसे पहले राइट बंधुओं ने बनाया था। विल्वर और ओरविल में केवल चार साल का अंतर था। जिस समय उन्हें हवाई जहाज बनाने का ख्याल आया, उस समय विल्वर सिर्फ 11 साल का था और ओरविल की उम्र थी 7 साल। हुआ यूं कि एक दिन उनके पिता उन दोनों के लिए एक उड़ने वाला खिलौना लाए। यह खिलौना बांस, कार्क, कागज और रबर के छल्लों का बना था। इस खिलौने को उड़ता देख विल्वर और ओरविल के मन में भी आकाश में उड़ने का विचार आया। उन्होंने निश्चय किया कि वे भी एक ऐसा खिलौना बनाएंगे। इसके बाद वे दोनों एक के बाद एक कई मॉडल बनाने में जुट गए। अंतत: उन्होंने जो मॉडल बनाया, उसका आकार एक बड़ी पतंग सा था। इसमें ऊपर तख्ते लगे हुए थे और उन्हीं के सामने छोटे-छोटे दो पंखे भी लगे थे, जिन्हें तार से झुकाकर अपनी मर्जी से ऊपर या नीचे ले जाया जा सकता था। बाद में इसी यान में एक सीधी खड़ी पतवार भी लगायी गयी। इसके बाद राइट भाइयों ने अपने विमान के लिए 12 हॉर्सपावर का एक deasel इंजन बनाया और इसे वायुयान की निचली लाइन के दाहिने और निचले पंख पर फिट किया और बाईं ओर पायलट के बैठने की सीट बनाई। राइट बंधुओं के प्रयोग काफी लंबे समय तक चले। तब तक वे काफी बड़े हो गये थे और अपने विमानों की तरह उनमें भी परिपक्वता आ गयी थी। आखिर में 1903 में 17 दिसम्बर को उन्होंने अपने वायुयान का परीक्षण किया। पहली उड़ान ओरविल ने की। उसने अपना वायुयान 36 मीटर की ऊंचाई तक उड़ाया। इसी यान से दूसरी उड़ान विल्वर ने की। उसने हवा में लगभग 200 फुट की दूरी तय की। तीसरी उड़ान फिर ओरविल ने और चौथी और अन्तिम उड़ान फिर विल्वर ने की। उसने 850 फुट की दूरी लगभग 1 मिनट में तय की। यह इंजन वाले जहाज की पहली उड़ान थी। उसके बाद नये-नये किस्म के वायुयान बनने लगे। पर सबके उड़ने का सिद्धांत एक ही है। मुख्य रूप से वायुयानों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है:एरोस्टैट्स, हवा में उडने के लिये उत
वायुयान meaning in english