स्थलमंडल Ki Sanrachana स्थलमंडल की संरचना

स्थलमंडल की संरचना



GkExams on 07-02-2019

स्थलमंडल की जानकारी

स्थलमंडल की जानकारी में पृथ्वी की सम्पूर्ण ब्राहा परत जिस पर महाद्वीप और महासागर स्थित है, स्थलमंडल कहलाती है. पृथ्वी के कुल 29% भाग पर स्थल तथा 71% भाग पर जल है.


पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध का 61% तथा दक्षिणी गोलार्द्ध के 81% क्षेत्रफल में जल का साम्राज्य है.




पृथ्वी पर अधिकतम ऊँचाई माउंटएवरेस्ट 8850 मीटर की तथा अधिकतम गहराई मेरियाना गर्त 11033 मीटर की है. इस प्रकार पृथ्वी की अधिकतम ऊँचाई और अधिकतम गहराई में लगभग 20 किमी का अंतर है.


स्थलमंडल महाद्वीप क्षेत्रो में अधिक मोटी 40 किमी और महासागर क्षेत्रो में अपेक्षाकृत पतली 20-12 किमी है.



स्थलमंडल की जानकारी में चट्टान Rock से जुड़ी जानकारी

पृथ्वी की सतह के कठोर भाग को चट्टान कहते है, जो पृथ्वी की बाहरी परत की संरचना की मूलभूत इकाइयाँ है. उत्पत्ति के आधार पर यह तीन प्रकार की होती है. आग्नेय Igneous, अवसादी Sedimentary, कायान्तरित Metamorphic.



स्थलमंडल की जानकारी में आग्नेय चट्टान Igneous Rock से जुड़ी जानकारी

यह मेगमा या लावा के जमने से बनती है. जैसे ग्रेनाईट, बैसाल्ट, पैग्माटाइट, डायोराइट, ग्रेबो आदि.


आग्नेय चट्टान स्थूल परतरहित, कठोर संघनन और जीवाश्मरहित होती है. आर्थिक रूप से यह बहुत ही सम्पन्न चट्टान है. इसमें चुम्बकीय लोह, निकिल, ताम्बा, सीमा, जस्ता, क्रोमाइट, मैगनीज, सोना तथा प्लेटिनम पाए जाते है.


बेसाल्ट में लोहे की मात्रा सर्वाधिक होती है. इस चट्टान के क्षरण से काली मिट्टी का निर्माण होता है.


स्थलमंडल की जानकारी में पैग्माटाइट

कोडरमा झारखंड में पाया जाने वाला अभ्रक इन्ही शैलों में मिलता है.



स्थलमंडल की जानकारी में आग्नेय चट्टानी पिण्ड Igneous Rock Bodies

मैग्ना के ठंडा होकर ठोस रूप धारण करने से विभिन्न प्रकार के आग्नेय चट्टानी पिण्ड बनते है. इनका नामकरण इनके आकार, रूप, स्थिति तथा आस-पास पाई जाने वाली चट्टानों के आधार पर किया जाता है. अधिकांश चट्टानी पिण्ड अंतर्वेदी आग्नेय चट्टानों से बनते है.


स्थलमंडल की जानकारी में बैथोलिथ Batholith

यह सबसे बड़ा आग्नेय चट्टानी पिण्ड है जो अंतर्वेदी चट्टानों से बनता है. वास्तव में यह एक पातालिय पिण्ड है. यह एक बड़े गुम्बद के आकार का होता है. जिसके किनारे खड़े होते है. इसका ऊपरी तल विषम होता है. यह मूलत: ग्रेनाईट से बनता है. संयुक्त राज्य अमेरिका का इदाहो बैथोलिथ 40 हजार वर्ग किमी से भी अधिक विस्तृत है. कनाडा का कोस्ट रेंज बैथोलिथ इससे भी बड़ा है.



स्थलमंडल की जानकारी मे स्टॉक Stock

छोटे आकार के बैथेलिक को स्टॉक कहते है. इसका ऊपरी भाग गोलाकार गुम्बदनुमा होता है. स्टॉक का विस्तार 100 वर्ग किमी से कम होता है.

स्थलमंडल की जानकारी

स्थलमंडल की जानकारी मे लैकोथिक Lacolith

जब मैग्मा ऊपर की परत को जोर से ऊपर को उठता है और गुम्बदकार रूप में जम जाता है तो इसे लैकोथिक कहते है. मैग्मा के तेजी से ऊपर उठने के कारण यह गुम्बदाकार ठोस पिण्ड छतरीनुमा दिखाई देता है. उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी भाग में लैकोथिक के कई उदाहरण मिलते है.


स्थलमंडल की जानकारी मे लैपोथिक Lapolith

जब मैग्मा जमकर तश्तरीनुमा आकार ग्रहण कर लेता है, तो उसे लैपोथिक कहते है. लैपोथिक दक्षिण अमेरिका में मिलते है.


स्थलमंडल की जानकारी मे फैकोलिथ Phacolith

जब मैग्मा लहरदार आकृति में जमता है तो फैकोलिथ कहलाता है.



स्थलमंडल की जानकारी मे सिल Sill

जब मैग्मा भू-पृष्ठ के समानांतर परतों में फैलकर जमता है. तो उसे मिल कहते है. इसकी मोटाई एक मीटर से लेकर सैकड़ो मीटर तक होती है. छत्तीसगढ़ तथा झारखंड में सिल पाए जाते है. एक मीटर से कम मोटाई वाले सिल को शीट कहते है.


स्थलमंडल की जानकारी मे डाइक Dyke or Dike

जब मैग्मा किसी लम्बवत दरार में जमता है तो डाइक कहलाता है. झारखंड के सिंहभूम जिले में अनेक डाइक दिखाई देते है.


स्थलमंडल की जानकारी मे अवसादी चट्टान Sedimentary Rock

प्रकृति के कारकों द्वारा निर्मित छोटी-छोटी चट्टानें किसी स्थान पर जमा हो जाती है और बाद के काल में दबाव या रासायनिक प्रतिक्रिया या अन्य कारणों के द्वारा परत जैसी ठोस रूप में निर्मित हो जाती है. इन्हें ही अवसादी चट्टान कहते है. जैसे बलुआ पत्थर चूना पत्थर, स्लेट, कांग्लोमरेट, नमक की चट्टान और शेलखरी आदि.


अवसादी चट्टानें परतदार होती है. इनमे वनस्पति और जीव जन्तुओ का जीवाश्म पाया जाता है. इन चट्टानों में लौह अयस्क, फास्फेट, कोयला और सीमेंट बनाने की चट्टान पाई जाती है.


खनिज तेल अवसादी चट्टानों में पाया जाता है. अप्रवेश्य चट्टानों की दो परतों के बीच यदि प्रवेश्य शैल की परत आ जाए तो खनिज तेल के लिए अनुकूल स्थिति पैदा हो जाती है.


दामोदर, महानदी तथा गोदावरी नदी बेसिनों की अवसादी चट्टानों में कोयला पाया जाता है.


आगरा का किला तथा दिल्ली का लाल किला तथा दिल्ली का किला बलुआ पत्थर नामक अवसादी चट्टानों का बना है.


स्थलमंडल की जानकारी मे कायांतरित चट्टान Metamorphic Rock

ताप, दाब और रसायनिक क्रियाओ के कारण आग्नेय और अवसादी चट्टानों से कायांतरित चट्टान का निर्माण होता है.


स्थलमंडल की जानकारी मे चट्टानों का रूपांतरण

आग्नेय चट्टान – ग्रेनाइट


कायांतरित चट्टान – नीस


अवसादी चट्टान – सपिंड


कायांतरित चट्टान – सपिंड सिस्ट



आग्नेय चट्टान – साईनाईट


कायांतरित चट्टान – साईनाईट नीस


अवसादी चट्टान – बलुआ पत्थर


कायांतरित चट्टान – क्वार्टजाइट



आग्नेय चट्टान – ग्रेबो


कायांतरित चट्टान – सरपेंटाइन


अवसादी चट्टान – शेल


कायांतरित चट्टान – स्लेट



आग्नेय चट्टान – बेसाल्ट


कायांतरित चट्टान – सिस्ट


अवसादी चट्टान – चूना पत्थर


कायांतरित चट्टान – संगमरमर



आग्नेय चट्टान – बिटुमिनस कोयला


कायांतरित चट्टान – ग्रेफाइट


अवसादी चट्टान – लिग्नाइट कोयला


कायांतरित चट्टान – एन्थ्रोसाइट कोयला






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