बाल मनोविज्ञान एवं शिक्षा शास्त्र
GkExams on 18-12-2018
- शिक्षा मनोविज्ञान आवश्यक है – शिक्षा एवं अभिभावकों के लिए
- शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य सम्बन्ध सिखने से है l यह कथन है – सॉरे एवं टेलफ़ोर्ड का
- मनोविज्ञान की आधारशिला किस पुस्तक में राखी गई- मनोविज्ञान के सिद्धान्त
- अमेरिका में प्रकाशित ‘Principal of Psychology’ के लेखक हैं – विलियम जेम्स
- शिक्षा मनोविज्ञान का वर्तमान स्वरुप है – व्यापक
- गौरिसन के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान का उदेश्य है – व्यवहार का ज्ञान
- कुप्पूस्वामी के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान के सिद्धांन्तों का सर्वोत्तम प्रयोग होता है – उत्तम शिक्षा एवं उत्तमअधिगम में
- शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख उदेश्य कोलेसनिक के अनुसार है – शिक्षा की समस्याओं का समाधान करना
- कैली के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान के उदेश्य हैं – नौ
- स्किनर के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान के सामान्य उदेश्य हैं – बाल विकास
- स्किनर के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान के विशिष्ट उदेश्य हैं – बालकों के वांछनीय व्यवहार के अनुरूपशिक्षा के स्तर एवं उदेश्यों को निचित करने में सहायता करना
- शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र में वह सभी ज्ञान और विधियां सम्मिलित हैं जो सिखने की प्रक्रिया से अधिक अच्छी प्रकार समझने में सहायक हैं l यह कथन है – ली का
- गेट्स के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान की सिमा है – अस्थिर एवं परिवर्तनशील
- “अवस्था विशेष के आधार पर ही हमें किसी को बालक युवा या वृद्ध कहना चाहिए l ” यह कथन है –फ़्रॉबेल का
- हरबर्ट के अनुसार शिक्षा सिद्धान्तों का आधार होना चाहिए – मनोविज्ञानिक
- माण्टेसरी के अनुसार एक अध्यापक द्वारा उस स्थिति में ही शिक्षण कार्य प्रभावी ढंग से किया जा सकता है, जब उसे ज्ञान होगा – मनोविज्ञान के प्रयोगात्मक स्वरुप का
- वर्तमान समय में शिक्षा मनोविज्ञान की आवश्यकता है – बाल केन्द्रित शिक्षा
- वर्तमान समय में शिक्षा मनोविज्ञान की आवश्यकता समझी जाती है – सर्वांगीण विकास में
- शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख लाभ है – शिक्षक शिक्षार्थी मधुर संम्बन्ध
- कक्षा में छात्रों को उनकी विभिन्नताओं के आधार पर पहचानने के लिए शिक्षक को ज्ञान होना चाहिए –शिक्षा मनोविज्ञान का
- समय सरणी में गणित, विज्ञान या कठिन विषय के कालांश पहले क्यों रखे जाते हैं – मनोविज्ञान केआधार पर
- सफल एवं प्रभावशाली शिक्षा अधिगम प्रक्रिया के लिए आवश्यक है– शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रयोगएवं शिक्षा मनोविज्ञान के सिद्धान्तों का प्रयोग
- निर्देशन एवं परामर्श में किस विषय का अधिक उपयोग किया जाता है – शिक्षा मनोविज्ञान का
- छात्रों की योग्यता एवं रूचि के आधार पर पठ्यक्रम निर्माण में योगदान होता है – शिक्षा मनोविज्ञान का
- बुद्धि परीक्षण विषय है – शिक्षा मनोविज्ञान का
- शिक्षक मनोविज्ञान के ज्ञान द्वारा बालकों की – बुद्धि तथा रुचियों की जानकारी करके शिक्षा देता है ,प्रकृति को जान कर शिक्षा देता है और आर्थिक स्तिथि तथा पारिवारिक स्थिति की जानकारी लेकर शिक्षादेता है
- मनोविज्ञान का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान है – अब शिक्षा बाल केन्द्रित हो गई है , शिक्षक बालकों सेनिकट का संम्पर्क स्थापित करने का प्रयास करता है और शिक्षक को छात्रों की आवश्यकता का ज्ञान होसकता है l
- शिक्षा मनोविज्ञान एक विज्ञान है – शैक्षिक सिद्धान्तों का
- शिक्षा मनोविज्ञान की उत्पति मानी जाती है – वर्ष 1900
- ‘मनोविज्ञान’ शब्द के समांनान्तर अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘साइकोलॉजी’ की व्युत्पत्ति किस भाषा से हुई है –ग्रीक भाषा से
- शिक्षा मनोविज्ञान का सम्बन्ध है – शिक्षा से , दर्शन से और मनोविज्ञान से
- शिक्षा का शाब्दिक अर्थ है – पालन–पोषण करना , सामने लाना और नेत्रित्व देना
- “मनोविज्ञान वातावरण के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों के क्रियाकलापों का विज्ञान है l ” यह कथन है –वुडवर्थ का
- “मनोविज्ञान शिक्षा का आधारभूत विज्ञान है ” यह कथन है – स्किनर का
- शिक्षा मनोविज्ञान की विषय – सामग्री कस सम्बन्ध है – सीखना
- शिक्षा मनोविज्ञान में जिन बालकों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है, वह है – मंध बुद्धि, पिछड़े हुएऔर समस्यात्मक
- सिखने की प्रक्रिया के अन्तर्गत शिक्षा मनोविज्ञान अध्ययन करता है – प्रेरणा व् पुर्नबलन के प्रभाव काअध्ययन
- “मनोविज्ञान मन का विज्ञान है l ” यह कथन है – अरस्तू का
- “शिक्षा मनोविज्ञान, अधियापको की तैयारी की आधारशिला है l यह कथन है – स्किनर का
- आंकड़ों का व्यवस्थापन करने हेतु संकलित आंकड़ों के संबन्ध में निम्नलिखित कार्य करना होता है –वर्गीकरण , सारणीयन, आलेखी निरूपण
- मनोविज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में सहायता देता है तथा बताता है – शिक्षा के उदेश्य सम्भावित हैं अथवा नहीं
- शिक्षा मनोविज्ञान का अध्ययन अध्यापक को इसलिए करना चाहिए , ताकि – इसकी सहायता से अपनेशिक्षण को अधिक प्रभावशाली बना सके
- “मनोविज्ञान व्यवहार का शुद्ध विज्ञान है ल” इस परिभाषा के प्रतिपादक हैं– ई0 वाटसन
- अचेतन मन का अध्ययन किया जाता है– मनोविश्लेषण विधियों द्वारा
- मनोविश्लेषणात्मक प्रणाली के जन्मदाता हैं – सिंगमण्ड फ्राइड
- वर्तमान समय में मनोविज्ञान है– व्यवहार का विज्ञान
- शिक्षा मनोविज्ञान का विषय क्षेत्र नहीं है – शैक्षिक मूल्यांकन
- ‘शिक्षा किसी निश्चित स्थान पर प्राप्त की जाती है l ‘ यह कथन शिक्षा के किस अर्थ में प्रयुक्त होता है –शिक्षा का संकुचित अर्थ
- ‘साइकी’ का अर्थ है – मानवीय आत्मा या मन
- मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञानं कहा– वाटसन ने
- “मनोविज्ञान मन का वैज्ञानिक अध्ययन है , जिसके अन्तर्गत न केवल बौद्धिक, अपितु संवेगात्मक अनुभूतियों , उत्प्रेरक शक्तियों तथा कार्य या व्यवहार भी सम्मिलित है l ” यह कथन है – सी0 डब्ल्यू0वैलेंटाइन का
- मनोविज्ञान – आत्मा का विज्ञान है ,मन का विज्ञान है , चेतना का विज्ञान है
- मानव मन को प्रभावित करने वाला करक है – व्यक्ति की रुचियाँ , अभिक्षमताए अभियोग्यताए व्वातावरण है
- मनोविज्ञान को शुद्ध विज्ञान मन है – जेम्स ड्रेवर ने
- शिक्षा मनोविज्ञान – मनोविज्ञान का एक अंग है
- शिक्षा मनोविज्ञान की पकृति से सम्बन्ध में कहा जा सकता है – यह सर्वव्यापी है तो सार्वभौमिक भी
- मनोविज्ञान के अंतर्गत – मानव का अध्ययन किया जाता है
- शिक्षा मनोविज्ञान के अध्य्यन के उदेश्य है – विद्यार्थियों द्वारा किसी बात के सीखे जाने को प्रभावित करना
- मनोविज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में सहायता देता है तथा स्पष्ट करता है – शिक्षा के उदेश्य की सम्भावना
- शिक्षक को शिक्षा मनोविज्ञान के अध्य्यन की प्रत्यक्ष आवश्यकता नहीं है – शारीरिक सुडौलता
- मनोइयाँ का सम्बन्ध प्राणिमात्र के व्यवहार के अध्ययन से है, जबकि शिक्षा मनोविज्ञान का क्षेत्र – मानवीयव्यवहार के अध्य्यन से है , शैक्षिक संस्थितियों में मानव व्यवहार से है
- शिक्षण प्रक्रिया के अंग है – शिक्षण के उदेश्य , शिक्षण को सार्थक बनाने वाले ज्ञानानुभव , शिक्षण कामूल्यांकन
- शिक्षा मनोविज्ञान का मूल उद्श्य है – विद्यार्थियों योग्यताओं एवं क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए उनकेद्वारा किसी बात को सीखे जाने से संबन्धित बात को प्रभावित करता है
- शिक्षा का सम्बन्ध है – शिक्षा के उदेश्य से और कक्षा पर्यावरण व् वातावरण से
- शिक्षा मनोविज्ञान का क्षेत्र है – व्यापक
- शिक्षा मनोविज्ञान के सामान्य उदेश्य है – बालक के व्यक्तित्व का विकास , शिक्षण कार्य में सहायता औरशिक्षण विधियों में सुधार
- “अवस्ता विशेष के अनुभवों के आधार पर ही हमें किसी को बालक, युवा एवं वृद्ध कहना चाहिए l ” यह कथन है – फ्रोबेल का
- शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख उदेश्य है – बाल केन्द्रित शिक्षा का विकास
Comments
Ravi on 18-02-2021
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