Shyanta Gunnank in english श्यानता गुणांक in english

श्यानता गुणांक in english



GkExams on 18-11-2018

प्रयोगों द्वारा यह पाया गया है कि, काफी हद तक, द्रवों की श्यानता ताप पर निर्भर है। यद्यपि इस क्षेत्र में काफी प्रयोग किए जा चुके हैं, तथापि कोई ऐसा साधारण सूत्र नहीं मिला जो श्यानता तथा ताप के संबंध की उच्च यथार्थता को प्रदर्शित करे। प्राय: यह पाया जाता है कि पूरे क्षेत्र में ताप के बढ़ने के साथ साथ श्यानता घटती चली जाती है, लेकिन श्यानता में यह घटाव प्रति अंश निम्न ताप पर ऊँचे ताप की अपेक्षा ज्याद होता है। श्यानता तथा ताप के संबंध में सर्वप्रथम स्लॉट (Slotte) द्वारा एक मूलानुपाती सूत्र (empirical formula) दिया गया, जो बाद में संशोधित हुआ तथा शुद्ध द्रवों के संबंध में ही लागू होता है। आगे चलकर ऐंड्राडे के सिद्धांत (Andrade's theory) पर एक जटिल श्यानता-ताप-संबंध दिया गया, जो प्रयोगों से काफी संतोषप्रद पाया गया है और वह इस प्रकार है :


h v1/3 = AeC/vT ..... ..... .... (6)


जहाँ A तथा C स्थिरांक (constants) हैं, T = ताप तथा v = विशिष्ट आयतन (specific volume) है।


ताप के बढ़ने के साथ साथ गैसों का श्यानता का गुणांक बढ़ता है। इसके संबंध में सदरलैंड (Sutherland) ने एक सूत्र दिया है, जो इस प्रकार है :

जहाँ:

  • = ताप T पर श्यानता गुणांक का मान (Pa·s)
  • = सन्दर्भ ताप पर श्यानता गुणांक का मान (Pa·s)
  • = ताप [K]
  • = सन्दर्भ ताप [K]
  • = सदरलैंड स्थिरांक [K]..... ...... (7)

श्यानता और दबाव (Viscosity and Pressure)

जिन द्रवों की श्यानता ज्यादा होती है, जैसे खनिज तेल की, उनकी श्यानता का गुणांक दबाव के बढ़ने के साथ साथ बढ़ता है। केवल पानी को छोड़कर अन्य सभी द्रवों में करीब करीब ऐसी ही स्थिति पाई गई है। पानी में पहले कई सौ वायु दबाव (few hundred atmospheric pressures) तक श्यानतागुणांक घटता जाता है, तदुपरांत इसका श्यानतागुणाक अन्य द्रवों की तरह दबाव के साथ साथ बढ़ता है।


गैसों के बारे में यह पाया गया है कि साधारणतया उच्च दबाव का श्यानतागुणांक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, किंतु न्यून दबाव पर श्यानतागुणांक दबाव के घटने के साथ साथ ही घटता जाता है। जिस दबाव पर यह प्रभाव आरंभ होता है, वह इन दो बातों पर निर्भर करता है :

  • (1) बरतन के आकार पर, जिसमें गैस भरी होती है, तथा
  • (2) गैस की प्रकृति पर।

श्यानता और रासायनिक रचना (Viscosity and Chemical Constitution)

सर्वप्रथम टॉमस ग्राहम (Thomas Graham) ने यह सुझाव दिया कि एक ही प्रकार की रचना के यौगिकों का श्यानता गुणांक नियमित ढंग से बढ़ सकता है, यदि उनके अणुओं या समूहों की संख्या बढ़ाई जाए। प्रयोगों से थॉर्प तथा रॉजर (Thorpe and Rodger) ने यह पाया कि किसी सजातीय श्रेणी का श्यानतागुणांक उसके अणुभार के साथ बढ़ता जाता है। यह वृद्धि नियमित ढंग से होती है, जबकि सजातीय श्रेणी के प्रथम दो या तीन यौगिक अनियमता दर्शाते हैं।




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Comments Viscosity cooeficient of Hg on 02-10-2022

Viscosity cooeficient of Hg

Siddharth on 12-05-2019

Tap badane par synta per kya prabhav padega?





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