Amoeba Ka Bhojan अमीबा का भोजन

अमीबा का भोजन



Pradeep Chawla on 12-05-2019

  1. स्वभाव व वास्थान :- वंश अमीबा की अनेक जातियों में

    से कुछ स्वच्छ जल तो कुछ लवणीय जल में पाई जाती है। अमीबा गमनशील मुक्तजीवी

    होते है। अमीबा लगभग समस्त संसार में पाए जाते है।
  2. सामान्य लक्षण :- अमीबा एक अनियमित आकृति का सरल

    एककोशिक जीव है। अमीबा के शरीर पर प्लाज्माकला का एक पतला आवरण पाया जाता

    है। प्लाज्माकला जीवद्रव्य को अन्दर से बाहर नहीं आने देती है परन्तु यह

    अर्ध-पारगम्य होने के कारण जल, ऑक्सीजन तथा कार्बन-डाइ-ऑक्साइड के

    आदान-प्रदान को अनुमत करती है। प्लाज्माकला के नीचे दो स्तर पाए जाते है।

    पहला भाग एक पतली, स्पष्ट व अकणिकामय परत का होता है जिसे एक्टोप्लाज्म कहा

    जाता है। एक्टोप्लाज्म के नीचे का सम्पूर्ण भाग एन्डोप्लाज्म कहलाता है।

    यह कणिकामय होता है। एन्डोप्लाज्म स्वयं दो भागों का बना होता है। पहला भाग

    बाहरी एवं सख्त होता है, इसे प्लैज्माजेल कहा जाता है। दूसरा अन्दर का

    हिस्सा प्लैज्मासोल कहलाता है। प्लैज्मासोल का जीवद्रव्य घूमता रहता है इस

    क्रिया को जीवद्रव्यभ्रमण कहा जाता है। एन्डोप्लाज्म(अंतर्द्रव्य) में

    केन्द्रक, संकुंचनशील धानियां , एक या अनेक खाद्य-धानियां व अन्य धानियां,

    वसा-धानियां, क्रिस्टल आदि संरचनाएं मिलती है।
  3. अशन :- अमीबा अपने आस-पास के खाद्य कण को कूटपाद की

    सहायता से घेर कर इसे अन्तर्ग्रहीत कर लेता है। अन्तर्ग्रहीत भोजन को

    खाद्य-धानियों में किण्वकों द्वारा पचाया जाता है। अपचित पदार्थ का कोशिका

    की सतह से बहिक्षेपण कर दिया जाता है।
  4. गमन :- अमीबा को इसके विशेष प्रकार के कारण जाना जाता है। यह गमन अमीबाभ गमन कहलाता है। अमीबा कूटपाद की सहायता से गमन करता है।
  5. श्वसन :- अमीबा में उपापचय के दौरान उत्पन्न

    कार्बन-डाइ-ऑक्साइड विसरण द्वारा बाहर के जल में छोड़ दी जाती है तथा जल में

    मौजूद ऑक्सीजन भी विसरण द्वारा शरीर में ले ली जाती है।
  6. परासरण-नियमन :- अमीबा में आवश्यकता से अधिक जल अमीबा

    की आकृति, आकार, सांद्रता आदि को प्रभावित कर सकता है अतः इसका नियमन

    आवश्यक है। अमीबा के शरीर में अधिक जल होने की स्थिति में अस्थाई सकुंचनशील

    धानी नामक रचना का निर्माण होता है जो प्लाज्माकला तक जाकर पानी बाहर छोड़

    देती है।
  7. प्रजनन :- अमीबा में द्वि-विखंडन प्रकार का अलैंगिक

    जनन पाया जाता है। परिपक़्व अवस्था में अमीबा का केन्द्रक समसूत्रण द्वारा

    दो भागों में विभक्त हो जाता है। इसी के साथ अमीबा दो भागों में विभक्त

    होकर दो संततियाँ उत्पन्न करता है। इस प्रकार अमीबा की कभी वृद्धावस्था में

    मृत्यु नहीं होती है।



Comments AMOEBA detail in hindi on 08-09-2022

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What is the food of amoebas on 07-06-2022

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chandan gaur on 07-07-2020

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