Dhara 125 Aur Gharelu Hinsa Case Me Giraftari Kab Sambhav Hai धारा 125 और घरेलू हिंसा केस में गिरफ्तारी कब संभव है

धारा 125 और घरेलू हिंसा केस में गिरफ्तारी कब संभव है



Pradeep Chawla on 12-05-2019

डोमेस्टिक वॉयलेंस ऐक्ट का सहारा



अगर महिला को किसी भी वजह से प्रताड़ित किया जाता है तो वह घरेलू हिंसा कानून (डीवी ऐक्ट) के तहत मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकती है। महिला प्रोटेक्शन के साथ-साथ गुजारा भत्ता के लिए भी गुहार लगा सकती है।



घरेलू हिंसा का मतलब



- महिला के साथ किसी भी तरह की हिंसा या प्रताड़ना।

- महिला के साथ मारपीट की गई हो या फिर उसे मानसिक प्रताड़ना (ताना मारना या फिर गाली-गलौच करना या फिर किसी दूसरी तरह से भावनात्मक ठेस पहुंचाना) दी गई हो तो वह डीवी एक्ट के तहत कवर होगा।

- आर्थिक प्रताड़ना भी इस मामले में कवर होता है। किसी महिला को खर्च न देना, उसकी सैलरी आदि ले लेना या फिर नौकरी आदि से जुड़े उसके कागजात कब्जे में ले लेना भी प्रताड़ना की श्रेणी में आते हैं।

- अगर किसी महिला को प्रताड़ित किया जा रहा हो, उसे घर से निकाला जा रहा हो या फिर आर्थिक तौर पर परेशान किया जा रहा हो तो वह डीवी एक्ट के तहत शिकायत कर सकती है। महिला अधिकारों और घरेलू हिंसा कानून की जानकारी के लिए nbt.in/womenrights पर जाएं।



कौन कर सकता है शिकायत



- डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट (डीवी एक्ट) के तहत कोई भी महिला जो डोमेस्टिक रिलेशन (महिला के साथ एक छत के नीचे रहने वाले के खिलाफ वह केस दर्ज करा सकती है) में रहती है वह शिकायत कर सकती है।

- एक महिला जो शादी के रिलेशन में है, वह किसी भी दूसरे शख्स के खिलाफ शिकायत करा सकती है। वह दूसरा शख्स कोई पुरुष व महिला दोनों हो सकते हैं लेकिन वह डोमेस्टिक रिलेशन (एक ही छत के नीचे रहने वाले) में होने चाहिए।



कहां होगा केस दर्ज



- धारा-27 के तहत अदालत का जूरिडिक्शन तय होता है।

- महिला के साथ अगर घरेलू हिंसा हुई है और वह गुजारा भत्ता आदि के लिए केस करना चाहती है तो वह उस इलाके की अदालत में केस फाइल कर सकती है, जहां वह नौकरी करती है या फिर जहां वह अस्थायी या स्थायी तौर पर रहती है या फिर जहां पति रहता, नौकरी करता है या फिर जहां उसके साथ हिंसा हुई है।

- जहां तक क्रिमिनल केस दर्ज किए जाने का सवाल है तो क्रिमिनल केस वहीं दर्ज होता है जहां घटना होती है। मिसाल के तौर पर महिला का ससुराल अगर दिल्ली में है और उसे वहां प्रताड़ित किया गया है तो केस दिल्ली में होगा। लेकिन महिला का मायका अगर पटना में है और वह केस दायर करने के बाद पटना में रह रही हो तो वह सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर केस ट्रांसफर करने की गुहार लगा सकती है। जहां तक सिविल नेचर (जमीन-जायदाद और भत्ते आदि) के केस का सवाल है तो ऐसे मामले में महिला जहां रहती है, उस जूरिडिक्शन में वह केस फाइल कर सकती है।



पति की हैसियत से तय होता है गुजारा भत्ता



- शादी के बाद पति के जीवित रहते पति की प्रॉपर्टी पर महिला का मालिकाना हक नहीं होता लेकिन पति की हैसियत के हिसाब से महिला को गुजारा भत्ता दिया जाता है। - महिला को यह हक है कि उसका भरण-पोषण उसका पति अपने हैसियत के हिसाब से करे।

- वैवाहिक विवादों से जुड़े कई प्रावधान हैं जिनके तहत पत्नी गुजारे भत्ते की मांग कर सकती है।



इन्हें भी जानें :

- कानूनी जानकार बताते हैं कि सीआरपीसी, हिंदू मैरिज ऐक्ट, हिंदू अडॉप्शन ऐंड मेंटिनेंस ऐक्ट और घरेलू हिंसा कानून के तहत गुजारे भत्ते की मांग की जा सकती है। - अगर पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो जाए और पत्नी पति से अपने और अपने बच्चों के लिए गुजारा भत्ता चाहे तो वह सीआरपीसी की धारा-125 के तहत गुजारा भत्ता के लिए अर्जी दाखिल कर सकती है।

- हिंदू अडॉप्शन ऐंड मेंटेनेंस ऐक्ट की धारा-18 के तहत भी अर्जी दाखिल की जा सकती है।

- घरेलू हिंसा कानून के तहत भी गुजारा भत्ता की मांग पत्नी कर सकती है।

- अगर पति और पत्नी के बीच तलाक का केस चल रहा हो तो वह हिंदू मैरिज ऐक्ट की धारा-24 के तहत गुजारा भत्ता मांग सकती है।

- पति-पत्नी में तलाक हो जाए तो तलाक के वक्त जो मुआवजा रकम तय होती है, वह भी पति की सैलरी और उसकी जमा की हुई प्रॉपर्टी के आधार पर ही तय होती है। कैसे होगी पेमेंट

- हिंदू मैरिज एक्ट की धारा-25 के तहत तलाक के वक्त एकमुश्त या महीने के हिसाब से गुजारा भत्ता दिए जाने का प्रावधान है।

- जानकार बताते हैं कि जो लिविंग स्टैंडर्ड है वह शादी के बाद भी बरकरार रखने की जिम्मेदारी दूसरे पार्टनर की तय की गई है। मिसाल के तौर पर अगर पति की आमदनी 50 हजार रुपये और पत्नी की 10 हजार रुपये है तो परिवार की कुल आय 60 हजार रुपये मानी जाएगी। इस तरह दोनों पार्टनर का हक 30-30 हजार रुपये का होगा। अदालत तमाम परिस्थितियों और तथ्यों को देखने के बाद ऐसे मामले में गुजारा भत्ता तय करती है। अदालत यह भी देखती है कि बच्चे किसके साथ हैं उनके खर्च को भी अलग-से देखा जाता है।



और भी हैं कानूनी रास्ते



- अगर महिला ने अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा रखा है या फिर तलाक की अर्जी दाखिल कर रखी है या किसी और कारण से पति से अलग रहने को मजबूर है, तो वह सीआरपीसी की धारा-125 के तहत गुजारा भत्ता के लिए कोर्ट से गुहार लगा सकती है।

- सीआरपीसी की धारा-125 के तहत महिला खुद के लिए और बच्चों के गुजारे के लिए भत्ता मांग सकती है।

- धारा-125 के तहत वह महिला भी गुजारा भत्ता मांग सकती है जिसके बच्चे उसका भरण पोषण नहीं करते। इस कानून के तहत पीड़ित पक्ष उस इलाके में अर्जी दाखिल कर सकते हैं, जहां वह रहते हैं।

- हिंदू अडॉप्शन एंड मेंटिनेंस एक्ट 1956 के तहत महिला डिल्ट्रिक्ट कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गुजारा भत्ता मांग सकती है। महिला जहां रहती है, उस इलाके में भत्ते के लिए अर्जी लगा सकती है। साथ ही जहां वह आखिरी बार रही है वहां की अदालत में अर्जी दाखिल कर सकती है या फिर जहां उसका पति रहता है, वहां भी अर्जी दाखिल की जा सकती है।

- इस कानून के तहत अगर महिला को पति ने खर्चा नहीं दिया तो वह इसे पाने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकती है।

- अगर उसके साथ मारपीट की गई है तो वह अलग रहकर गुजारा भत्ता मांग सकती है। महिला के पति ने अगर दूसरी महिला को अपने साथ रख लिया हो तो भी वह अलग रहकर गुजारा भत्ता मांग सकती है।

– अगर पति ने धर्म बदल लिया हो तो वह गुजारा भत्ता के लिए गुहार लगा सकती है।

- कोई भी ऐसा कारण, जिसकी वजह से महिला को अलग रहने के लिए मजबूर होना पड़े, वह गुजारा भत्ता के लिए धारा-18 के तहत अर्जी दाखिल कर सकती है। साथ ही केस पेंडिंग रहने के दौरान भी अर्जी दाखिल कर गुजारा मांग सकती है।



पति को भी भत्ते का हक



हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 24 और सीआरपीसी की धारा-125 के तहत पति या पत्नी (किसी भी धर्म के), दोनों में से किसी को भी एकमुश्त भत्ता मिल सकता है। गुजारा भत्ता किसे मिलेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि किसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है।



सीमा और सुरेश (दोनों का बदला हुआ नाम) की शादी हुई थी। सुरेश के वकील भूपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनके मुवक्किल ने 2002 में ग्रेटर नोएडा इलाके में अपनी पत्नी के नाम हॉस्टल बनाया। पति-पत्नी में अनबन हुई और सीमा ने सुरेश को 2007 में घर से निकाल दिया और प्रॉपर्टी से बेदखल कर दिया। सुरेश ने 2008 में तलाक की अर्जी दी और साथ ही हिंदू मैरिज एक्ट की धारा-24 के तहत गुजारा भत्ता देने की गुहार लगाई। हाई कोर्ट ने महिला को निर्देश दिया है कि वह अपने पति को गुजारा भत्ता के रूप में हर महीने 20 हजार रुपये का भुगतान करे। अदालत ने महिला को यह भी निर्देश दिया है कि वह पति को कार भी दे। निचली अदालत ने 2009 में ऐसा ही फैसला सुनाया था, जिसे महिला ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए महिला की अर्जी खारिज कर दी।



धर्म और गुजारा भत्ता



जहां तक सिख, जैन और बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं का सवाल है तो इन सब पर हिंदू लॉ लागू होता है यानी इन्हें हिंदू मैरिज एक्ट, हिंदू अडॉप्शन ऐंड मेंटिनेंस ऐक्ट, डीवी ऐक्ट और सीआरपीसी की धारा-125 के तहत गुजारा भत्ता मिल सकता है। लेकिन मुस्लिम व ईसाई महिलाओं के मामले में सिर्फ सीआरपीसी की धारा-125 और डीवी एक्ट ही लागू होता है। मुस्लिम महिलाएं, मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत मेहर (शादी के वक्त पति द्वारा तय की गई रकम) मांग सकती हैं या फिर कुछ शर्तों के साथ सीआरपीसी की धारा-125 में गुजारा भत्ता मांग सकती हैं। इसके साथ ही डीवी एक्ट के तहत भी उन्हें हक मिला हुआ है। जहां तक ईसाई महिलाओं का सवाल है तो उन्हें भी डीवी एक्ट और सीआरपीसी की धारा-125 के तहत गुजारा भत्ता पाने का हक है।



लिव-इन और गुजारा भत्ता



- घरेलू हिंसा कानून के तहत लिव-इन रिलेशन में रहने वाली महिला को भी प्रोटेक्शन दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह व्यवस्था दी थी कि ऐसे रिश्ते निभा रही महिलाएं कुछ मापदंडों को पूरा करने की स्थिति में ही गुजारा भत्ते की हकदार हो सकती हैं।

- सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में दिए अपने एक फैसले में कहा था कि गुजारा भत्ता लेने के लिए लिव-इन रिलेशन में रह रही युवतियों को चार शर्तें पूरी करनी होंगी। ये चार शर्तें हैं : 1- युवक-युवती को समाज के सामने खुद को पति-पत्नी की तरह पेश करना होगा।

2- कानून के अनुसार दोनों की उम्र शादी के लायक हो।

3- वे दोनों शादी करने योग्य हों जिनमें अविवाहित होना भी शामिल है।

4-वे अपनी मर्जी से साथ रह रहे हों और दुनिया के सामने लंबे समय तक खुद को जीवन साथी के रूप में दिखाएं। पत्नी जैसा हक लेने के लिए पत्नी जैसा दिखना होगा। कपल अगर एक-दूसरे के साथ पति-पत्नी की तरह रहें और इस बात को छुपाए नहीं और तमाम समारोह में पति-पत्नी की तरह नजर आए तो निश्चित तौर पर वह डोमेस्टिक रिलेशन के दायरे में होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सिर्फ वीकेंड में एक-दूसरे के साथ वक्त गुजारने या फिर रात गुजारने भर को डोमेस्टिक रिलेशन नहीं कहा जा सकता और ऐसी महिलाएं गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं हैं।



बच्चे के भी अधिकार



- सुप्रीम कोर्ट ने हाल के एक फैसले में कहा है कि लिव-इन रिलेशनशिप में पैदा होने वाले बच्चे जायज हैं।

- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक कायम रहने वाले लिव-इन रिलेशन से पैदा होने वाले बच्चे को नाजायज नहीं करार दिया जा सकता।

- कानूनी जानकार बताते हैं कि शादी से पैदा हुए बच्चे हों या फिर लिव-इन रिलेशन के बाद पैदा हुए, इन तमाम बच्चों को एक ही तरह के कानूनी अधिकार मिले हुए हैं।

- वैसे भी मौजूदा कानून (सीआरपीसी की धारा-125) के मुताबिक, चाहे संतान वैध हो या अवैध, दोनों ही स्थिति में वह गुजारा भत्ता पाने का हकदार है। कानूनी जानकार बताते हैं कि ऐसे मामले में जो शख्स बायलॉजिकल पिता साबित हो जाए, उसकी पैतृक संपत्ति में उस बच्चे का हक होगा लेकिन पिता की खुद की अर्जित संपत्ति में बच्चे का हक नहीं होगा।

- जब यह साबित हो जाए कि कोई शख्स अमुक इंसान का बायलॉजिकल पिता है तो बेटे को तमाम अधिकार मिल जाते हैं और वह पैतृक संपत्ति के लिए दावा कर सकता है। साथ ही, जब तक उस संपत्ति में उसका हिस्सा नहीं मिले, तब तक के लिए वह गुजारा भत्ता की मांग भी कर सकता है।

- बायलॉजिकल पिता ने अगर शादी कर रखी हो तब भी बायलॉजिकल संतान (बिना शादी के पैदा हुई संतान) को उसका हक मिलता है। पिता की खुद अर्जित की प्रॉपर्टी में किसी भी तरह की संतान (बायलॉजिकल या लीगल) का अधिकार नहीं होता। पिता खुद अर्जित प्रॉपर्टी किसी दूसरे को (संतानों के अलावा भी) वसीयत के जरिए देना चाहे तो दे सकता है। लेकिन प्रॉपर्टी से संबंधित अगर कोई वसीयत नहीं है तो उस प्रॉपर्टी पर बतौर वारिस बायलॉजिकल बेटे का भी अधिकार बन जाता है।



कैसे होगी पैमेंट



हिंदू मैरिज एक्ट की धारा-25 के तहत तलाक के वक्त एकमुश्त या महीने के हिसाब से गुजारा भत्ता दिए जाने का प्रावधान है।



जानकार बताते हैं कि जो लिविंग स्टैंडर्ड है वह शादी के बाद भी बरकरार रखने की जिम्मेदारी दूसरे पार्टनर की तय की गई है। मिसाल के तौर पर अगर पति की आमदनी 50 हजार रुपये और पत्नी की 10 हजार रुपये है तो परिवार की कुल आय 60 हजार रुपये मानी जाएगी। इस तरह दोनों पार्टनर का हक 30-30 हजार रुपये का होगा। अदालत तमाम परिस्थितियों और तथ्यों को देखने के बाद ऐसे मामले में गुजारा भत्ता तय करती है। अदालत यह भी देखती है कि बच्चे किसके साथ हैं उनके खर्च को भी अलग-से देखा जाता है।



विदेश में मिलेगी मदद



अगर कोई महिला विदेश में है और वहां उसके पति ने उसे छोड़ दिया है ऐसे में उनकी मदद विदेश मंत्रालय करता है। मंत्रालय पीड़ित महिला को कानून मदद उपलब्ध कराता है। इसके लिए मंत्रालय मान्यता प्राप्त लीगल ऑर्गेनाइजेशन की मदद लेता है। फिलहाल इस तरह की मदद यूएस, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलयेशिया और खाड़ी देशों के मिशन ऑफिसों से मिल सकती है। इस तरह की मदद के लिए महिलाओं के पास वैध पासपोर्ट के साथ ही शादी की कानूनी वैधता से जुड़े कागजात होने चाहिए। शादी हुए 15 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। पूरी जानकारी के लिए आप moia.gov.in पर जा सकते हैं।



केस एक : कोर्ट ने बढ़ाया गुजारा भत्ता



दिव्या एयर होस्टेस थीं, जबकि आकाश सीनियर कमांडर हैं। दोनों का तलाक हो गया और फैमिली कोर्ट ने आकाश को निर्देश दिया कि वह दिव्या को प्रति महीने 20 हजार रुपये गुजारा भत्ता का भुगतान करें। कोर्ट ने यह भी व्यवस्था दी कि वह एक बार में 20 लाख रुपये का भुगतान कर सकते हैं। दिव्या ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गुजारा भत्ता बढ़ाने की गुहार लगाई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि दिव्या शादी से पहले एयर होस्टेस थी और उसकी अच्छी सैलरी थी। साथ ही यह भी बताया गया कि दिव्या ने अपने पति के कहने पर नौकरी से इस्तीफा दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इन बातों को माना कि अभी मिल रहा गुजारा भत्ता मुनासिब नहीं है और पति कितना भुगतान कर सकता है यह भी देखना जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि इस दौरान यह ध्यान रखना होगा कि शादी के बाद पति के साथ महिला जिस मोड ऑफ लाइफ में जीवन गुजार रही थी, वैसी जिंदगी उसे मिले। अदालत ने गुजारा भत्ता की राशि 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये करने का निर्देश दिया था साथ ही कहा कि याचिका दाखिल करने की तारीख से लेकर अब तक प्रतिवादी (आकाश) अपनी पत्नी को एरियर भी दे अन्यथा एक बार में आकाश को 40 लाख रुपये की राशि का भुगतान करना होगा।



केस दो : सास-ससुर की प्रॉपर्टी पर नहीं हक



दिल्ली हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया कि सास-ससुर की इच्छा के खिलाफ बहू उनकी प्रॉपर्टी पर अधिकार नहीं जता सकती। डोमेस्टिक वायलेंस के केस में जस्टिस ए के पाठक की बेंच ने अपने फैसले में कानूनी आधार पर कहा कि सास-ससुर की सेल्फ-एक्वायर्ड प्रॉपर्टी ‘शेयर्ड हाउसहोल्ड’ की परिभाषा में शामिल नहीं है। बहू इस प्रॉपर्टी पर अपना दावा जबरन पेश नहीं कर सकती। हाईकोर्ट ने कहा कि यहां तक कि वयस्क बेटा या बेटी भी माता-पिता की इच्छा के खिलाफ उनकी प्रॉपर्टी पर कोई कानूनन हक नहीं रखते। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, बहू अपने सास-ससुर की उस प्रॉपर्टी पर कोई हक नहीं रखती है जिस पर कि उसके पति को भी हक न मिला हो।




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Ashutosh on 15-03-2023

Meri koi kamai nahi hai to gujara bhatta kitana dena hoga

Shreya bansal on 28-01-2023

घरेलू हिंसा मेरे द्वारा लगाई गई जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया है उसके बाद भी आरोपी नहीं आते हैं तो क्या गिरफ्तारी वारंट से बुलाया जाएगा


Ranno yadav on 17-01-2023

mere case 2016 mien hua hai but aaj tak meri shnai kuchh nahi ho rahi hai mare vakil bhi nai kuch kar raha hai no to mera koi ghar hai main kya kayu mujhe samajh nahi aata main kya karun kahan jaaun mere koi sath dene vala bhi nahi hai aur mere husband ka chkkar kisi aur ke sath chal raha hai ham log ke koi sunne vala bhi nahi hai ham log ke pass court Ke siva kya hai kuch nahi but mera shnai court me bhi nahi hua mere jana ko khatar hai mere sasural wale jaan se marne ki koshish kiye please mujhe koi aisa rasta bataiye jisse mera case khatm ho jaye please, please.please please please please please please please.


Harshir k m on 10-12-2022

मैं अपनी पत्नी को छोड़ना चाहता हूं और अपने दो बच्चों को हम अपने पास रखना चाहता हूं क्या करें इसके लिए जरूर बताएं 10 साल हो गए शादी को शादी से पहले इसका संबंध था दूसरे लड़के से


Samim on 11-11-2022

Merepatinemereuparhakjojiyatkadavakiyamekiyakaru

Dharmendra Pathak on 23-10-2022

सवाल पूछने का फ़ायदा ही क्या है?जब यहां इतने सारे लोगों के सवालों के जवाब देने के लिए कोई है ही नहीं।

Sas hone vali dhara on 20-10-2022

Sas pe hone vali dhara


Raj Aryan on 25-08-2022

Sab mard apna apna ling katwa ke jadwa le. Yahi ek rasta he in sati Savitri nariyo se is Bharat desh me bachne ka



Pichle ek saal se m apne papa divorce ka kash on 02-11-2018

Hello m 23 saal hi hu mere sath ghareluhinsa hui h mera cash chal raha h usme mera pati SAS sasur or nanand bhi samil h mere abi ek saal s cash chal raha h mere abi police report nhi krwai h kya ease mere cash prr koi farq pdegaa humne direct vakil k dwara cash ldd rhe h kya muje police m report krwana hogi mere sasural walo k khilaaf abi cash smjhote k lie
court m madhyistta m h please suggests me


ABC on 12-05-2019

Meri ek frnd hai jis ke Bhai aur Bhabhi ki shadi ko 6 month huye hai last 2 month se wo apni mummy ke Ghar reh rahi hai,shadi se phle hi un ki fmly ko bta diya gya tha ki ladke ki ek choti behan hai jis ki abhi shadi nhi Hui hai aur badi ladki ke bacho ko ladke ke ki mummy dekh bhal karti hai bcoz wo working hai.meri frnd ko us ki Bhabhi bhut galiya details thi yaha tk ki us ke bare main us ke Bhai tk ko utla sidha bol rakha tha ki ye bigari Hui hai bhag jayegi etc.ek Roz use pata Chala ki us ki Bhabhi ne us ke Bhai se bhi ye sari baate boli hai toh us ne unhe call kiya call pr un ki ladi Hui jis ladki aur us ki mummy ne unhe sb ko galiya di yaha se in logo ne bhi bola,us ke bad us ladki ne sb ko block kr diya paresan hokr ladke ne talak ke liye apply kr diya us ke bd us ladki ne apne sasuar pr 10/15 logo ko beja diya just ki video bana kr you tube aur ab fb pr laga diya aur woman sell pr dahej ka kees kr diya hai ab bolti hai ki mujhe apna hissa chahiye har jagha main chorugni nhi jitna Mera hai main lungi ,Meri frnd aur us ki fmly bhut paresan hai wo log Galt kadam na uth le plz kuch suggest kare,woapne sath sari jewellery bhi le gai hai


Dipa on 12-05-2019

Meri Bahan ki sadi k ek saal hue hai Usk ghar wale use jabran uski nanad k ghar p rakhte hai jahan use dahej k lie phisical and mental tourcher kia jata hai kya wah apne ghar wale k khilaf case kar sakti hai

ASHUTOSH on 12-05-2019

PATNI SE GHARELU HINSA ME GIRAFTARI KAB HOTI HE


कामना सिंह on 12-05-2019

1- मेरे पति ने मेरे पर धारा-12विवाह शून्य का मुकदमा दर्ज किया गया है। उसमे यह लिखा है कि में लगडा कर चलती हूँ विना सहारे के उठ-बैठ नहीं सकती हूँ,और मेरी शादी मेरी मर्जी के खिलाफ हुई है।.



2-मेरे पति ने जिस दिन यह मुकदमा कोर्ट में दायर किया उस दिन वह अपने सरकारी दफ्तर पर उपस्थित थे। उसकी मेरे पास सूचना का अधिकार अधिनियम की कांपी है।



क्या ऐसे मुकदमे में मेरे पति का मुकदमा विवाह शून्य हो जाएगा।


कामना सिंह on 12-05-2019

मेने घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज किया था। उसमे मेरे पति पर भरण पोषण के लिए बोला गया परंतु मेरे पति ने आज तक भरण पोषण नहीं दिया। क्या करु


Raj on 28-10-2019

Do sal phle mere bhan ki shadi hui thi tb se kai bar uske pati n marpit kiya jan se marne ki dhamki bh deta hai. Use ab ek sal ka bacha bh hai bich m kai bar police ko bh information diya but Case nh drj kraya. Ek bar use mayke lane k bad dubara bhejne ko taiyar nh the but logon n samjhauta kra kr wapas sasural bhej diya waha fr whi dikkt hui fr usko jan se marne ka plan bnate dekh wo kisi trh bachhe ko chhod kr bhag ayi. Aisi condition me kya krna chahiye


विनोद on 11-05-2020

मेरे माता-पिता, बहन मुझे ओर मेरे पत्नी को परेशान करते है ओर गालियां देते है। हमे घर से निकाल देने की धमकी देते है। मेरे पत्नी के बारे मे अपशब्द का पयोग करते है। मुझे ओर मेरे पत्नी को मार देने की धमकी दी जाती है। हमे कोई रास्ता बताए जिससे हम इस प्रताड़ना से बच सके। धन्यवाद


Ramroop on 22-05-2020

Meri patni mujhe Gali dete main Kya karun use per case bhi karti hai 498 gharelu hinsa 125 Meri patni mujhe jaan se Marne ki dhamki de deti hai mujhe Kya karna chahie

Sonu on 27-07-2020

Mera aur mere husband ka 4 sal pahle jhagada hua tha CrPC 125 ka case file kiya tha Court ne hamara gujara Bhatta 6000 rupaye Pratimah declare Kiya lekin Abhi Tak mere husband ne hamenkuchh bhi maintenance nahin diya hai meri ek beti bhi hai Court ne mere husband ke non-bailable arrest warrant kiye hue hain lekin fir bhi koi use per koi action nahin hau hai please hamen koi upay bataiye


Riya lalwani on 16-05-2021

Sir Maine 8 month ho gaye case kiya hua hai AUR FIR bhi.
But khi se koi Kuch nhi Kar rha even date per bhi koi nhi aa rha kiya kare ki humra kaam ho jye

विरेन्द्र on 15-06-2021

मेरी पत्नी ने गुजारा भत्ता की मांग की है ९वर्ष से केस चल रहा पर मेरे पास नौकरी नहीं है मैं केस को और नहीं लड सकता क्या करूं


Deepak on 11-08-2021

भरण पोषण अधिनियम राजस्थान के केस मे वसूली आई है ओर मे बेरोजगार हुए ऐसे मै क्या कर सकता हु

Gargi on 12-08-2021

Mujhea family court ranchi se 15 thousand maintaince1 17august 18 ok order hua hai per abhi tak ek paisa nahi Mia hai iskey liye mujhea kya ksrna cheyae bataye

R.Chandra on 26-08-2021

125cr.p.c.me objection dene ka samay or wadani apna bayan dene ka samay kit na ho hai

Harendra kumar on 03-09-2021

Sir ji meri patni ne mere khilaf gharelu hinsa under act 12 m case kiya hai jabki maine apni name ki property ki registered basiyat apni patni ke name kar di hai kya is case m gujara bhatta le sakti hai patni ya comprises ho jayega

Shabeen on 07-09-2021

IPC 125 mein pertibadi ka absar smapt ho gya hai 8 march ko mai cort ka chkkar lgata hun beti bhi sath mein pareshan hai cort koi action nahi le raha hai hmara wakeel bhi objction nahi lgata meri madad krin

Ashok goel on 11-10-2021

125 crpc me antrim aadeh par u p high court me order se kitne din me apeel file kar sakte he

Bhaskar mishra on 13-11-2021

Meri patni 5 sal se mere sath nhi rhti h or n bat ho ti h sadi ke 28 din ke bad apne pita ke sath bina mere ghr walo ke btaye chli gi or wha jakr kees kr di h kes ke chlte huwe bhi 5 saal ho gye h usne mujhe jhuthe kees me fsa diya h or ab 125 me 5000 pr mahina dene ka aadhes kr diya h or jb se kees chl rha h tb se jod kr dena h ab mujhe smjh nhi aa rha h ki me kese or kya kru mere paas etna peesa bhi nhi h or Court me meri sunwayi nhi ho rhi h sirf usi ki ho rhi h ab aap btaye me kya kru un ko mera priwar or ghar nhi pasnd h es liye chli gyi h me bhut hi preshan hu please meri healp kijiye nhi to me susaet kr luga mujhe or koyi rasta nhi dikh rha h


Ashish on 24-11-2021

Hello sir mai kuch puchna chaheta hu kya jawab milega mujhe

Vishal Bareilly on 10-12-2021

Hello sir please suggest me what can I do ??
Meri shadi ko 2 year ho gye hai aur jisme se kul 20 ya 21 din wo mere sath rhi hogi , aur fir wo apne mayke se apne mayke chali gyi hai na aane ka nam hai na koi call . Mai ek bar gya tha lene but ruka kuch kaha suni hone par mai chala aaya uske bad se koi bat chit nhi hoti hai ab 2 year hone par 125 ka summon bhej diya hai mai kya karu meri financial condition thik nhi hai jabki wo log paise wale hai aur ye bol kar shadi ki thi ki wo ladke ka sara kharch uthayenge jo karega karayenge business ya other kuch mai pareshan hu case ladne ke liye etna paisa nhi hai mai ek private job karta hu etni mahngai me mushkil se gujar basar ho rha hai .. maine un logo se bat ki but koi sunne ko taiyar nhi hai bol rhe hai ki court batayegi jo batayegi


Aarti on 14-03-2022

Mera pati meri delivery ke time 10 lakh aur jewelry le kar Farrar he me kya karu police help nhi kar rahi he 1 month ki baby he meri


मंजू साहू on 30-03-2022

मेरी पति ने मुझे कई बार जान से मारने की कोशिश किया है कभी आग से जलाने और कभी चाकू से भी और गले को भी दबाया हैं मै आपने ससुराल मे तीन महिने तक रही फिर आपने मायके में आ गई फिर एक दिन बाद मेरी पति भी आकर रहने लगा और पेग्नेट हो गई फिर सात महीने के बाद मेरी पति मुझे छोड के भाग गया फिर मेरी ओपरसन से लड़की हुआ उसमे 60000 तक लग गया और मेरी माँ बस है और मेरी पापा 2016 मे गूजर गया और एक भैया भी 2019 मे गूजर गए और मुझे गूजर भत्ता चाहिये मेरी पति से कौन सा केस करू आप मुझे बताओ न


Mukesh sharma on 08-04-2022

मेरी शादी 30/05/2021 को हुई थी शादी के अगले दिन से ही उसके और उसके परिवार वालों का व्यवहार बहुत ही खराब था मेरे से मेरी पत्नी का कोई मतलब ही नहीँ था वो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए मेरे से शादी की थी शादी के 1 महीने बाद ही वो मेरी माँ और मेरे से झगड़ा कर के अपने घर चली गई और वो हमारे निज थाने में आ कर लिख के चली गई कि मुझे इसके साथ नहीँ रहना है शादी में एक एक रुपया हमने खर्च किया। और सबसे बड़ी बात तो ये है कि लड़की वालों ने एक परिवार के ऊपर भी दहेज उत्पीड़न का केस कर रखा है उस लड़के से सगाई कर के छोड़ दी। और मेरे से शादी हो गई ये उन लड़की वालों का व्यवसाय है। और अब मेरे ऊपर 125 का केस की है ।।समाज में ऐसे भी लोग है जो अपना आत्मसम्मान गिरा के कुछ भी कर सकते है।और जब से वो अपने घर गई तब से मेरी और मेरे परिवार में उसकी बात किसी से नहीँ हुई। अब मुझे क्या करना चाहिए कृपया मुझे बताने का कष्ट करें।। धन्यवाद


Komal on 23-04-2022

Meri sadi 16 february 2017 kohuyi thi uske bad se hi mere pati ne mujhe marna pitna shuru kar diya mai samaj k dar se mayke nhi gayi sab sahti rahi fir mere ek beti huyi tab bhi vo log nhi sudhre dahej me kya diya h ye bolte h aye din duru pikar marte h kya karu kuch samjh nhi ata mayke vale bhi garib h mere aye din daru pikar marta h mujhe aur kahta h jan se mar dunga mai kya karu kuchbatao


Veer Pal on 16-06-2022

Sir meri sadi 2016 me huyi thi. Tab se me patni ke kalah ki wajah se uske mayke rah rha tha. Abhi corona ke baad meri job chalo gayi or mere leg me inner dameg ki wajah se work bhi proper nahi kar pata hu. Ab usne mere upar mentioned ka case lga diya h. Ab aap ye bataye ki me kya karu.

Shipra on 28-06-2022

Meri shadi ko 2 sal 5 mahine huye hai hamari shadi se pahale ye nhi bataya gaya tha ki meri sas ko apne tarike se kam karwati hai vo kam chahe sahi ya Galt isase unko koi fark nhi padata hm 8 mahine ka garbhavastha me bhi hme bahut preshan kiya jiske karan hamara baby ki mritu ho gai or bolte hai hamne apne baby mara hai.pati hame pita ki aukaat dekhata hai or yehi shabd samnewala bol de to talak or gale dete maa betehm apne mayke bhi nhi ja sakte kyuki waha 2 avivahit bahane hai.hme har mahiye hame kharch bhi nhi dete hamara margdarshan kijiye


Suman prajapati on 02-08-2022

Sir mera pati or uske faimly wale mujhe bhut marte h please meri maddat kijiye

Umesh Chandra Mishra on 11-08-2022

Sir wife ne court me under sec 156(3) me application di hai aur 0olice inquiry court ne order ki thi mera bayan bhi under sec 202 me police ne le liya aur report mere favour me di hai kya case reject ho sakta hai aur kya mai apni taraf se divorse file ker sakta hu pl advice

G.k on 20-08-2022

Meri patani humse jhagada karke apne Mata pita ke yaha chali gayi jab humne apne patani ko bulane gaya to ladki ke ghar walo ne humse kaha Ki ye waha nahi jayegi agar jayegi to ye aapke mata pita se alag ho ke rahegi Ladki ke mata pita ne kaha alag nahi rahenge to court main kharcha ka dawa Karenge iska sujhaw dijiye


Kalpana Tiwari on 20-08-2022

Mera name kalpana Tiwari h mai UP ki rhne wali hu meri saas mujhe phut pratadit krti h khana nhi deti kitchen me lock lga deti h mujhe gali deti h meri chhoti si bachhi h usko gali deti h mere mayke walo ko gali deti h kbhi kabhi mn krta h mai suside kr lu pr beti ki wajah se ruk jati hu mai teaching krti hu jisse mera kharcha chalta h pati supportive h but kabhi kabhi vo v toot jate h kahte h suside kr lunga bhot dr lagta h mai kya kru kuch samajh me nhi aa rha




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