73वां संविधान संशोधन विशेषताएं pdf
GkExams on 21-11-2018
73वें संविधान संशोधन अधिनियम की मुख्य बातें
लोकतंत्र को मजबूत करने के लिये नर्इ पंचायत राज व्यवस्था एक प्रशंसनीय पहल है। गांधी जी का कहना था कि “देश में सच्चा लोकतंत्र तभी स्थापित होगा जब भारत के लाखों गांवों को अपनी व्यवस्था स्वयं चलाने का अधिकार प्राप्त होगा। गांव के लिये नियोजन, प्राथमिकता चयन लोग स्वयं करेंगे। ग्रामीण अपने गांव विकास सम्बन्धी सभी निर्णय स्वयं लेंगे। ग्रामविकास कार्यक्रम पूर्णतया लोगों के होंगे और सरकार उनमें अपनी भागीदारी देगी”। गांधी जी के इस कथन को महत्व देते हुये तथा उनके ग्राम-स्वराज के स्वप्न को साकार करने के लिये भारतीय सरकार ने पंचायतों को बहुत से अधिकार दिये हैं। तिहत्तरवें संविधान अधिनियम में निम्न बातों को शामिल किया गया है -
- 73वें संविधान संशोधन के अन्र्तगत पंचायतों को पहली बार संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। अर्थात पंचायती राज संस्थाएं अब संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाएं हैं।
- नये पंचायती राज अधिनियम के अनुसार ग्राम सभा को संवैधानिक स्तर पर मान्यता मिली है। साथ ही इसे पंचायत व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया गया है।
- यह तीन स्तरों - ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत पर चलने वाली व्यवस्था है।
- एक से ज्यादा गांवों के समूहों से बनी ग्राम पंचायत का नाम सबसे अधिक आबादी वाले गांव के नाम पर होगा।
- इस अधिनियम के अनुसार महिलाओं के लिये त्रिस्तरीय पंचायतों में एक तिहार्इ सीटों पर आरक्षण दिया गया है।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्गों के लिये भी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया गया है। आरक्षित वर्ग के अलावा सामान्य सीट से भी ये लोग चुनाव लड़ सकते हैं।
- पंचायतों का कार्यकाल पांच वर्ष तय किया गया है तथा कार्यकाल पूरा होने से पहले चुनाव कराया जाना अनिवार्य किया गया है।
- पंचायत 6 माह से अधिक समय के लिये भंग नहीं रहेगी तथा कोर्इ भी पद 6 माह से अधिक खाली नहीं रहेगा।
- इस संशोधन के अन्र्तगत पंचायतें अपने क्षेत्र के अर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण की योजनायें स्वयं बनायेंगी और उन्हें लागू करेंगी। सरकारी कार्यों की निगरानी अथवा सत्यापन करने का भी अधिकार उन्हें दिया गया है।
- 73वें संशोधन के अन्र्तगत पंचायतों को ग्राम सभा के सहयोग से विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के अन्र्तगत लाभार्थी के चयन का भी अधिकार दिया गया है।
- हर राज्य में वित्त आयोग का गठन होता है। यह आयोग हर पांच साल बाद पंचायतों के लिये सुनिश्चित आर्थिक सिद्धान्तों के आधार पर वित्त का निर्धारण करेगा।
- उक्त संशोधन के अन्र्तगत ग्राम प्रधानों का चयन प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा तथा क्षेत्र पंचायत प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्षों का चयन निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुना जाना तय है।
- पंचायत में जबाबदेही सुनिश्चित करने के लिये छ: समितियों (नियोजन एवं विकास समिति, शिक्षा समिति तथा निर्माण कार्य समिति, स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति, प्रशासनिक समिति, जल प्रबन्धन समिति) की स्थापना की गयी है। इन्हीं समितियों के माध्यम से कार्यक्रम नियोजन एवं क्रियान्वयन किया जायेगा।
- हर राज्य में एक स्वतंत्र निर्वाचन आयोग की स्थापना की गर्इ है। यह आयोग निर्वाचन प्रक्रिया, निर्वाचन कार्य, उसका निरीक्षण तथा उस पर नियन्त्रण भी रखेगा।
कुल मिलाकर संविधान के 73वें संशोधन ने नवीन पंचायत व्यवस्था के अन्र्तगत न सिर्फ पंचायतों को केन्द्र एवं राज्य सरकार के समान एक संवैधानिक दर्जा दिया है अपितु समाज के कमजोर, दलित वर्ग तथा सदा से शोषित होती आर्इ महिला को विकास की मुख्य धारा से जुड़ने का भी अवसर दिया है।
Comments
Amit chaudhary on 17-01-2024
Kailash Chopra on 05-05-2023
Kya Google Chor Hai on 03-05-2023
Samvidhan on 24-10-2022
Mohit on 28-09-2022
Polity on 01-08-2022
Mukesh Saini on 24-05-2022
Rohit sahu on 10-04-2022
Ashutosh Dahariya on 09-02-2020
73 संविधान का अधिनियम क्या है
Anjali on 13-02-2020
Panchayat Raj ke visheshtaen
Joseph barla on 26-05-2020
७३वें संविधान संशोधन की विशेषता
Vimalesh bai koli on 27-05-2020
Vishva GK world GK on 28-09-2020
Garam panchayat ka gathan on 01-10-2020
Garam panchayat ka gathan
Nikhil on 11-11-2020
73वें संविधान संशोधन पर व्याख्या कीजिए
History question on 27-06-2021
Himanshu Saini on 01-10-2021
73 aur 74 ka savidhan sansodhan 10 pages ka para or summary
Puja kumari pandit on 04-03-2022
73 वे संविधानिक संशोधन की कोई दो विशेषताएं बताओ?
Ram lal on 15-03-2022
ग्राम पंचायत कौन कौन से टैक्स अपनी ग्राम पंचायत में लगा सकती है क्योंकि जिला पंचायत सारे टैक्स लगाती हो ग्रामीण ग्रामसभा को टैक्स नहीं देती है ग्रामीणों का कहना है हम दो जगह टैक्स कैसे दें व्यापारी टैक्स रोड टैक्स कारणवश पंचायत अपनी पंचायत का समुचित विकास नहीं कर सकती जिला पंचायत कुछ भी पंचायतों में कार्य करती है
74 va sawidhan on 03-04-2022
74 ve sawidhan me kiya hua tha
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73 be संविधान संशोधन के अनुसार स्थानीय swasaashan में कब्रिस्तान और श्मशान का उल्लेख कैसे किया है..... कब्रिस्तान और श्मशान से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध करवाने का कष्ट करें..... आपकी अति कृपा होगी