Dalhauji Ki Samrajywadi Neeti डलहौजी की साम्राज्यवादी नीति

डलहौजी की साम्राज्यवादी नीति



Pradeep Chawla on 17-10-2018

लॉर्ड डलहौजी ने अपनी हड़प नीति के आधार पर गोद लेने की प्रथा को अमान्य करनिम्नलिखित राज्यों को ब्रिटिश साम्राज्य में विलीन कर लिया।

  1. सतारा (1848 र्इ.)- डलहौजी की हड़प नीति का पहला निशाना सतारा था। कम्पनी के संचालकों ने भी डलहौजीके इस कार्य का समर्थन किया किन्तु संतारा का कम्पनी के राज्य में सम्मिलित किया जाना सर्वथाअनुचित था क्योंकि सतारा का राज्य न ही कम्पनी द्वारा निर्मित था और न ही कम्पनी के अधीन थाअतएव एक स्वतंत्र राज्य के प्रति डलहौजी की ये नीति अत्यत घृणित थी।
  2. सम्भलपुर और जैतपुर (1849 र्इ.)- उड़ीसा में सम्भलपुर राज्य का शासक नारायणसिंह नि:संतान मर गया। मृत्यु पूर्व वह कोर्इ पुत्रगोद नहीं ले सका था। इसलिये उसकी विधवा रानी ने शासन प्रबंध अपने हाथों में ले लिया। किन्तुडलहौजी ने सिंहासन पर रानी के अधिकार को अस्वीकृत कर दिया और सम्भलपुर को तथा बुन्देलखंडमें स्थित जैतपुर राज्य को भी हड़प नीति के आधार पर 1849 र्इ. में ब्रिटिश राज्य में मिला लिया।
  3. झाँसी (1853 र्इ.)- 1817 र्इ. में पेशवा ने झांसी का राज्य ब्रिटिश कम्पनी को दे दिया। कम्पनी ने झांसी के राजारामचंद्र के साथ एक संधि की और वचन दिया कि झांसी का राज्य राजा रामचंद्र और उसकेउत्तराधिकारियों के अधिकार में वंशानुगत चलेगा। किन्तु 1843 र्इ. में झांसी के राजा गंगाघर राव कानिधन हो गया। निधन पूर्व उन्होंने दामोदरराव नामक एक बालक को गोद ले लिया था और कम्पनी नेउन्हें इसकी स्वीकृति भी दे दी थी किन्तु 20 फरवरी 1854 र्इ. को डलहौजी ने यह निर्णय लिया किझांसी का दत्तक पुत्र राज्य का अधिकारी नहीं हो सकता है। इन परिस्थितियों में झांसी की रानीलक्ष्मीबार्इ ने डलहौजी को 1817 र्इ. की संधि याद दिलार्इ किंतु डलहौजी पर इसका कोर्इ प्रभाव न पड़ाऔर उसने एक घोषणा द्वारा झांसी को कम्पनी के राज्य में मिला लिया। फलत: 1853 र्इ. में झाँसी कोब्रिटिश राज्य में विलय कर लिया गया।
  4. नागपुर (1854 र्इ.)- नागपुर के शासक राघोजी भोसले का देहान्त संतान विहीन अवस्था में हुआ। किन्तु मृत्यु पूर्वउसने अपनी रानी को यशवन्तराव को गोद लेने की अनुमति दे दी थी। लेकिन ब्रिटिश कंपनी ने रानीको गोद लेने की स्वीकृति नहीं दी और उसने नागपुर राज्य को ब्रिटिश राज्य में मिला लिया। यही नहीं,ब्रिटिश कंपनी ने शासक की सम्पत्ति भी नीलाम कर बेच दी।

हड़प नीति की समीक्षा

लॉर्ड डलहौजी ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवादी नीति के अंतर्गत गोद-प्रथा निषेध की नीति याहड़प नीति को अपनाया। हड़प नीति के द्वारा उसने ब्रिटिश साम्राज्य को संगठित और सुदृढ़ कर दिया।भारत में ब्रिटिश कंपनी के राज्य की सीमाओं का अत्यधिक विस्तार हुआ। किन्तु डलहौजी के इससाम्राज्य विस्तार का नैतिक, न्याायिक और निष्पक्ष रूप से समर्थन नहीं किया जा सकता। डलहौजी कीहड़प नीति अनैतिकता और स्वार्थ से परिपूर्ण थी। उसके दुष्परिणाम के फलस्वरूप ही 1857 र्इ. में भारतमें अंग्रेजों को एक विशाल क्रान्ति देखना पड़ी जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर कर दी।




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Comments Abhishek on 25-12-2023

Visheshtaye

Dalhouji ki samrajyavadi Neeti on 23-04-2022

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बिट्टू on 15-11-2020

Dalhauji-Ki-Samrajywadi-NeetI ki विशेषता


लोकेश on 29-06-2020

लार्ड डलहौजी की साम्राज्यवादी निति का आलोचनात्मक परिक्षण?





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