Pashu Pakshiyon Ke Sanrakhshan Ke Upay पशु पक्षियों के संरक्षण के उपाय

पशु पक्षियों के संरक्षण के उपाय



Pradeep Chawla on 12-05-2019

कैसे बचाएं पशु पक्षी







विलुप्त होने का खतरा झेल रहे जानवरों और पौधों को बचाए रखने का एक रास्ता है इनके संरक्षण की खास संधि बनाना. इसके जरिए खतरे में पड़े पौधों और पशु पक्षियों पर नियंत्रण रखा जा सकता है.











विलुप्त होने की कगार पर आ चुके पेड़ पौधों और जानवरों को बचाने के लिए एक खास संधि की गई है, सीटेस. अब तक 177 देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं. और इन सभी देशों में परंपराएं अलग हैं, इन सब की सोच अलग है. इन्हें इस बात पर एकमत होना होगा कि वे किन जानवरों और पौधों को संरक्षित करना चाहते हैं. अगर किसी एक जीव को कनवेंशन की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव आता है तो दो तिहाई सदस्यों को इसपर अपनी सहमति देनी होती है. इस सूची में गोरिल्ला, व्हेल, कछुए, मूंगे और ऑर्किड शामिल हैं. अब तक 50,000 जानवर और करीब 29,000 पौधे संरक्षित सूची में आते हैं.







मछली उद्योग की ताकत







3 से लेकर 14 मार्च तक बैंकॉक में सीटेस बैठक चल रही है. इस बार मुद्दा है समुद्र में मछली पकड़ना. बड़े मछुआरे अपने जहाजों से बड़े जाल फेंकते हैं जिससे कुछ ही मिनटों में मछलियों के बड़े झुंड को पकड़ा जा सकता है. रोजाना बड़ी संख्या में मछलियां पकड़े जाने से उनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है. मिसाल के तौर पर नीले परों वाली टूना मछली. शोध के मुताबिक अब पहले के मुकाबले इन मछलियों का केवल दस प्रतिशत बचा है. इसमें से ज्यादातर मछलियां जापान में लोगों के मेजों पर पहुंचती हैं और सूशी बनाकर खाई जाती हैं.







2010 के सीटेस समारोह में इन टूना मछलियों के पकड़ने पर रोक लगाने के लिए एक प्रस्ताव को जारी किया गया. लेकिन जापान और चीन के विरोध ने इस पर अड़ंगा डाल दिया. जर्मन पर्यावरण मंत्रालय में विलुप्त होते जानवरों पर काम कर रहे गेरहार्ड आडम्स कहते हैं कि जापान ने इस प्रस्ताव को रोकने के लिए अपने कूटनीतिक तरीकों का खूब इस्तेमाल किया.







हरा भरा व्यापार







डब्ल्यूडब्ल्यूएफ में काम कर रहे फोल्कर होमेस को सीटेस से बड़ी उम्मीदें हैं. वो कहते हैं कि यह एकमात्र ऐसा अंतरराष्ट्रीय समझौता है जिसके जरिए प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. सीटेस विलुप्त हो रही नस्लों के आयात पर प्रतिबंध लगा सकता है और विलुप्त हो रहे पशु पक्षियों में व्यापार कर रहे देशों पर रोक लगा सकता है.



Volker Homes vom WWF







डबल्यू डबल्यू एफ के वोल्कर होमेस







खास तौर पर जापान के देशों पर, जो आयात पर निर्भर हैं. इस वजह से जापानी बड़े संवेदनशील रहते हैं अगर कोई उन्हें बताने की कोशिश करे कि वे क्या पकड़ सकते हैं और कितना आयात कर सकते हैं.







विवाद सिर्फ केवल देशों के साथ नहीं होता है. कई बार पर्यावरण संरक्षण पर प्रस्ताव विश्व व्यापार संगठन में भी रुक जाते हैं, जहां खुले व्यापार को बढ़ावा दिया जाता है. लेकिन बर्लिन विश्वविद्यालय में पर्यावरण शोध कर रहीं मिरांडा श्रॉयर्स कहती हैं कि पिछले सालों में डब्ल्यूटीओ का भी रवैया बदला है और वह भी हरे व्यापार को बढ़ावा दे रहा है. लेकिन अब भी इसमें बेहतरी की क्षमता है.







सीटेस के भीतर







संरक्षण विशेषज्ञ गेरहार्ड आडाम्स के मुताबिक सीटेस में बेहतरी होनी चाहिए. कई देशों में निरंतर विकास पर जानकारी कम है. उनके मुताबिक कई देशों में जंगलों को काटने या कानून तोड़ने वालों पर नियंत्रण रखने के लिए उपाय नहीं है. लेकिन फिर भी 40 साल से सीटेस अपना काम अच्छा कर रहा है. फोल्कर होमेस भी कहते हैं कि इस संधि की वजह से कई नस्लों को विलुप्त होने से बचाया जा सका है, व्हेल व्यापार अब पहले से काफी कम हुआ है. सीटेस और अंतरराष्ट्रीय व्हेल शिकार पर मोरेटोरियम से अब व्हेल की बड़ी सारी नस्लों की संख्या बढ़ रही है. नील नदी में मगरमच्छ और तेंदुए को भी इससे फायदा हुआ है.



(

हाथी दांत का अवैध व्यापार







कैसे पकड़ेंगे मछली







16वें सीटेस सम्मेलन में खाई जाने वाली मछलियों के भी संरक्षण की बात हो रही है. इसकी वजह है कि खाने के लिए पकड़े जाने की वजह से इन मछलियों की संख्या बहुत कम हो गई है. होमेस कहते हैं, मछलियों के बिना आप मछली पकड़ भी नहीं सकेंगे. और आपको कुछ नस्लों को अपनी संख्या बढ़ाने का मौका देना होगा ताकि इन मछलियों को खाया भी जा सके और मछली व्यापार में काम कर रहे लोगों की नौकरियां भी बची रहें. आडम्स भी कहते हैं कि मछली पकड़ने के खिलाफ कोई प्रतिबंध नहीं होनी चाहिए लेकिन मछलियों को अपनी संख्या बढ़ाने का मौका मिलना चाहिए.







लकड़ी, हाथी और भालू







बैंकॉक में अफ्रीका के जंतु भी एक बड़ी भूमिका निभाएंगे. आडम्स के मुताबिक वहां आयोजित तौर पर हथियारों के साथ लोग पशुओं को मारते हैं. हाथी और गैंडे इनके लिए अच्छा शिकार हैं. इस बीच हाथी दांत व्यापार ड्रग्स या मनुष्यों की तस्करी जितना बड़ा मुद्दा बन गया है. अमेरिका भी चाहता है कि ध्रुवीय भालू की खाल का व्यापार रोका जाए. वैसे भी पृथ्वी में बढ़ते तापमान से ध्रुव में रहने वाले जीव विलुप्त हो रहे हैं. शिकार से इनके अस्तित्व को और खतरा हो सकता है.




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Sanskriti on 05-10-2023

Pasu pakshiyon ke sanrakshan ke upaye in Hindi

Komal on 27-10-2020

Mention the steps taken by govt. To protect endangered birds.

Swami on 07-05-2020

How to protect endangerd birds


hmanshu on 02-05-2020

pakshiyon ko bachane ke liye kya karna chahiye

Priya on 15-04-2020

Pashu Pakshiyon Ke Sanrakhshan Ke Upay





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment