मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियाँ : आप निचे दिए हुए चित्रानुसार "मध्य प्रदेश की नदियाँ नक्शा" (List of rivers of Madhya Pradesh) को समझ सकते है....
मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियाँ इस प्रकार है...
नर्मदा सोन चम्बल बेतवा ताप्ती शिप्रा केन टोंस वेनगंगा माहीइसके अलावा आप यहाँ मध्य प्रदेश की प्रमुख नदी घाटी एवं बहुउद्देशीय परियोजनाओं के बारें में भी जान सकते है, जो निम्नलिखित है...
चंबल घाटी परियोजना :
यह मध्य प्रदेश की प्रथम बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। इसकी शुरुआत 1953 से 1954 में की गई थी। तथा यह 1964 में बनकर तैयार हुई थी।
नर्मदा घाटी परियोजना :
इस परियोजना की आधारशिला 1984 में रखी गई थी। और तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा इस परियोजना की शुरुआत की गई थी। यह मध्य प्रदेश की दूसरी प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। यह मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी परियोजना है, क्योंकि यह नर्मदा और नर्मदा के 41 सहायक नदियों पर विकसित सबसे बड़ी परियोजना है।
बाणसागर परियोजना :
इसकी नींव 1979 में रखी गई थी। तथा यह मध्यप्रदेश के सोन नदी पर विकसित की गई परियोजना है। यहां मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और बिहार की संयुक्त परियोजना है। इसका नाम बाणसागर संस्कृत के महाकवि बाणभट्ट के नाम पर पड़ा क्योंकि सोन नदी कर्म स्थल मानी जाती है , बाणभट्ट की।
माताटीला ( बांध ) परियोजना :
इसे कई और नामों से जैसे रानी लक्ष्मीबाई सागर राजघाट इत्यादि के नाम से भी जाना जाता है। यह परियोजना बेतवा नदी पर स्थित है तथा यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है यह ललितपुर टीकमगढ़ के क्षेत्र में स्थित है।
बरगी परियोजना :
इसे रानी अवंती बाई सागर परियोजना के नाम से भी जाना जाता है इसका निर्माण 1974 में किया गया था। और यह मुख्य रूप से बरगी नदी पर स्थित है और जबलपुर जिले के अंतर्गत आता है बरगी नदी नर्मदा नदी की एक सहायक नदी है।
हलाली ( बांध ) परियोजना :
इसे सम्राट अशोक सागर परियोजना के नाम से भी जाना जाता है। यह हलाली नदी पर स्थित है यह बेतवा की एक छोटी सी सहायक नदी है मुख्य रूप से यह परियोजना रायसेन जिले के अंतर्गत आती है पर इसका लाभ रायसेन और विदिशा दोनों जिलों में सिंचाई के रूप में किया जाता है।
बावन थडीं परियोजना :
यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है मुख्य रूप से यह वैनगंगा नदी पर स्थित है। इस परियोजना को मुख्य रूप से राजीव सागर परियोजना के नाम से जाना जाता है। और इसे
"लोवर वैनगंगा परियोजना" कहा जाता है। ध्यान रहे की यह बालाघाट जिले के अंतर्गत आता है।
अपर वेनगंगा परियोजना :
यह भी वेन गंगा नदी पर स्थित है एवं यह भी बालाघाट जिले के अंतर्गत आता है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की इसको संजय सरोवर के नाम से भी जाना जाता है।
जोबट परियोजना :
यह परियोजना मुख्य रूप से हाथी नदी पर स्थित है हथेली नदी नर्मदा की सहायक नदी है। यह धार जिले में स्थित है इस परियोजना को चंद्रशेखर आजाद परियोजना के नाम से भी जाना जाता है।
तवा (बांध) परियोजना :
यह मध्य प्रदेश का सबसे लंबा बांध है तथा यह तवा नदी पर स्थित है। बता दे की तवा नदी जो कि नर्मदा की सहायक नदी है यह होशंगाबाद जिले के अंतर्गत आता है।
Mp ki nadiya