सही उत्तर : प्रत्यक्ष कर से
व्याख्या :
किसी भी समिति में दो या दो से अधिक व्यक्ति होते है जिनमें सामाजिक संबंध पाया जाता है। समिति का विकास स्वत: नही होता। इसका जन्म व्यक्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए होता हैं। उदाहरण के लिये विधार्थी इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये कि "लेखन सामग्री" सस्ती और अच्छी मिले, एक समिति का निर्माण कर लेते हैं। इसी प्रकार जितनी भी समितियाँ होती है, उनके पीछे एक निश्चित उद्देश्य होते हैं।
महत्वपूर्ण समितियां व आयोग और उनके कार्य :
यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको भारत की महत्वपूर्ण समितियां व आयोग और उनके सम्बन्ध
(List of Committees With Purposes) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...
सी. रंगराजन समिति (2012) : गरीबी रेखा के निर्धारण के लिए चंद्र शेखर समिति : वेंचर कैपिटल चंद्रात्रे समिति की रिपोर्ट (1997) : सुरक्षा विश्लेषण और निवेश प्रबंधन K.B. कोर कमेटी : कैश क्रेडिट सिस्टम के संचालन की समीक्षा करने के लिए दवे समिति (2000) : असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना अभिजीत सेन समिति (2002) : दीर्घकालिक खाद्य नीति आबिद हुसैन समिति : लघु उद्योग पर अजीत कुमार समिति : सेना वेतनमान अथरेया समिति : आईडीबीआई का पुनर्गठन बेसल समिति : बैंकिंग पर्यवेक्षण भूरेलाल समिति : मोटर वाहन कर में वृद्धि बिमल जालान समिति : पूंजी बाजार बुनियादी ढांचा संस्थानों (MII) के कामकाज पर रिपोर्ट बिमल जालान कमेटी (2018) : आरबीआई के पास मौजूद कैपिटल रिजर्व की समीक्षा के लिए सी. बाबू राजीव समिति : शिप एक्ट 1908 और शिप ट्रस्ट अधिनियम 1963 में सुधार दीपक पारेख समिति : पीपीपी मॉडल के माध्यम से बुनियादी ढांचे के लिए वित्त की व्यवस्था सुमा वर्मा समिति (2006) : बैंकिंग लोकपाल जी. वी. रामकृष्ण समिति : विनिवेश पर गोइपोरिया समिति : प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में ग्राहक सेवा में सुधार हनुमंत राव समिति : उर्वरक जे. आर. वर्मा समिति : करंट अकाउंट कैरी फॉरवर्ड प्रैक्टिस जानकीरमण समिति : प्रतिभूति लेनदेन जे. जे. ईरानी समिति : कंपनी कानून सुधार के. सी. चक्रवर्ती समिति : भारत में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करने के लिए के. कस्तूरीरंगन (2017) : राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए केलकर समिति (2002) : कर संरचना सुधार प्रसाद पैनल : अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सेवाएँ राधा कृष्णन आयोग (1948) : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना आर. वी. गुप्ता समिति : लघु बचत राजा चेल्या समिति : कर सुधार रेखी समिति : अप्रत्यक्ष कर आर.वी. गुप्ता समिति : कृषि ऋण कोठारी आयोग (1964) : भारत में शैक्षिक क्षेत्र के सभी पहलुओं की जांच करना खान वर्किंग ग्रुप : वित्त विकास संस्थान खुसरो समिति : कृषि ऋण प्रणाली कुमारमंगलम बिड़ला रिपोर्ट : कॉरपोरेट गवर्नेंस एमबी शाह कमेटी : विदेशों में जमा काले धन की जांच के लिए महाजन समिति (1997) : चीनी उद्योग मालेगाम समिति : प्राथमिक बाजार में सुधार और यूटीआई का पुनर्गठन मल्होत्रा समिति : बीमा क्षेत्र की व्यापक रूपरेखा मराठे समिति : शहरी सहकारी बैंकों के विकास में बाधाओं को दूर करना माशेलकर समिति (2002) : ऑटो ईंधन नीति मैकिन्से रिपोर्ट : एसबीआई के साथ 7 एसोसिएट बैंकों का विलय मीरा सेठ समिति : हथकरघा का विकास नचिकेत मोर समिति : छोटे व्यवसायों और कम आय वाले परिवारों को वित्तीय सेवा से जोड़ना नरसिम्हन समिति (1991) : बैंकिंग क्षेत्र सुधार एन.एन. वोहरा समिति (1993) : संगठित अपराधियों, माफिया और नेताओं के बीच के संबंधों की जांच के लिए पारेख समिति : इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग पर्सी मिस्त्री समिति : मुंबई को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र बनाना तारापोर समिति (1997) : पूंजी खाता परिवर्तनीयता पर रिपोर्ट उदेश कोहली समिति : विद्युत क्षेत्र में फण्ड की आवश्यकता का विश्लेषण यू.के. शर्मा समिति : आरआरबी में नाबार्ड की भूमिका वाघुल समिति : भारत में मुद्रा बाजार वासुदेव समिति : एनबीएफसी सेक्टर में सुधार वाई. बी. रेड्डी समिति (2001) : आयकर छूट की समीक्षा न्यायमूर्ति ए.के. माथुर आयोग : 7 वां वेतन आयोग बलवंतराय मेहता समिति (1957) : पंचायती राज संस्थाएँ सरकारिया आयोग : केंद्र-राज्य संबंध के. संथानम समिति : सीबीआई की स्थापना एस. पी. तलवार समिति : कमजोर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का पुनर्गठन सुरेश तेंदुलकर समिति : गरीबी रेखा को पुनर्परिभाषित करना और उसकी गणना सूत्र सप्त ऋषि समिति (जुलाई 2002) : घरेलू चाय उद्योग का विकास शाह समिति : गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NFBCs) से संबंधित सुधार शिवरामन समिति (1979) : नाबार्ड की स्थापना एस.एन. वर्मा समिति (1999) : वाणिज्यिक बैंकों का पुनर्गठन स्वामीनाथन आयोग (2004) : किसानों के सामने आने वाली समस्याओं का पता लगाना सुखमय चक्रवर्ती समिति (1982) : भारतीय मौद्रिक प्रणाली के कामकाज का आकलन करने के लिए टंडन समिति : बैंकों द्वारा कार्यशील पूंजी वित्तपोषण की प्रणाली
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